अहमदाबाद हादसा, जिंदा बचे विश्वास बोले- रोज मर रहा हूं:पारिवारिक कारोबार ठप; वकील ने इलाज के लिए स्पेशल पैकेज देने की अपील की

अहमदाबाद विमान हादसे को 6 महीना हो गया है, लेकिन हादसे में इकलौते बचे शख्स विश्वास कुमार भालिया इस त्रासदी के सदमे से उबर नहीं पाए हैं। उनके लिए बच जाना अब ‘चमत्कार और सजा’ दोनों बन गया है। अब ब्रिटेन के लीसेस्टर लौट चुके विश्वास मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं।

डॉक्टरों ने बताया है कि वे पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) से पीड़ित हैं। उन्हें चलने-फिरने में दिक्कत होती है, इसलिए उनकी पत्नी उनकी मदद करती हैं। परिवार के अनुसार, विश्वास रात में कई बार डरकर उठ जाते हैं और लगातार मनोवैज्ञानिक इलाज चल रहा है।

विश्वास के परिवार का गुजरात के दीव में चल रहा मछली पालन का कारोबार भी बंद हो गया है। उनके वकील रैड सीगर ने एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन से मुलाकात कर परिवार की आर्थिक मदद के लिए विशेष राहत पैकेज देने की अपील की है।

दरअसल, 12 जून को एअर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 क्रैश हो गई थी। प्लेन 230 यात्री सवार थे। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। इनमें से 241 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें विश्वास कुमार के भाई अजय भी शामिल थे।

विश्वास बोले- परिवार भी हादसे के बाद उबर नहीं पा रहा

विश्वास फ्लाइट की सीट 11ए पर बैठे थे। हादसा होते ही विमान के खोल में बने एक छेद से बाहर निकलने में कामयाब रहे। उन्हें पैर, कंधे, घुटने और पीठ में गंभीर चोटें आईं। हादसे के बाद से वह न तो काम कर पाए हैं, न गाड़ी चला पाए हैं।

विश्वास का कहना है कि उनके साथ परिवार भी हादसे के बाद उबर नहीं पा रहा है। उन्होंने बताया- अब मैं बस अपने कमरे में अकेला बैठा रहता हूं। पत्नी और बेटे से भी बात नहीं करता। मां भी रोज दरवाजे पर बैठी रहती हैं, किसी से बात नहीं करतीं। हर दिन हमारे लिए दर्द से भरा है।

वकील बोले- अभी मिले मुआवजे की रकम काफी नहीं

एअर इंडिया, ने परिवार को 21,500 पाउंड (करीब 22 लाख रुपए) का अंतरिम मुआवजा दिया है, लेकिन विश्वास के वकील रैड सीगर का कहना है कि यह रकम उनके मानसिक और शारीरिक इलाज के लिए बहुत कम है।

उन्होंने कहा- ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) भी उन्हें जरूरी विशेष चिकित्सा सहायता नहीं दे पा रही है। विश्वास की हालत बेहद नाजुक है। उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की गंभीर मदद की जरूरत है।

एअर इंडिया बोली- परिवारों के लगातार संपर्क में

एअर इंडिया ने कहा है कि कंपनी हादसे से प्रभावित सभी परिवारों की पूरी जिम्मेदारी समझती है। अब तक 95% परिवारों को शुरुआती मुआवजा दिया जा चुका है। टाटा समूह के वरिष्ठ अधिकारी लगातार पीड़ित परिवारों से मिल रहे हैं। विश्वास कुमार के परिवार से भी मुलाकात करने का प्रस्ताव दिया गया है।

24 जुलाई को दिव्य भास्कर ने विश्वास के परिजन से बातचीत की थी

पिता बोले- अपने कमरे से बाहर नहीं निकलता है विश्वास

मानसिक आघात पहुंचा: विश्वास के पिता रमेशभाई भालिया ने बताया था कि बेटा विश्वास अपने कमरे तक ही सीमित होकर रह गया है। वह ज्यादातर समय वहीं बिताता है। उसे मानसिक आघात पहुंचा है, जिससे वह अब तक उबर नहीं पाया है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसने अपनी आंखों से कितना भयावह दृश्य देखा था।’ उन्होंने बताया, ‘हादसे में सगे भाई की भी मौत हो गई।

उन्होंने कहा- दोनों भाई जिगरी दोस्त की तरह रहा करते थे। यहां तक कि लंदन से भारत भी साथ ही आया-जाया करते थे। पूरा परिवार तनाव में है। पत्नी भी बीमार है और बेटे की चिंता में उसका भी खाना-पीना छूट गया है। एक बेटे की मौत हो गई है और दूसरा बेटा सदमे में है तो आप समझ सकते हैं कि परिवार की हालत कैसी होगी।

आधी रात को जाग जाते हैं: चचेरे भाई सनी ने बताया, “विश्वास अभी तक सदमे से उबर नहीं पाया है। देर रात तक उसे नींद ही नहीं आती। अगर सोता भी है तो चौंककर नींद से जाग जाता है और फिर दोबारा नहीं सोता। हम उसे इलाज के लिए मनोचिकित्सक के पास भी ले जा चुके हैं। हमारे रिश्तेदार और कई अन्य लोग के लगातार कॉल्स आते रहते हैं, लेकिन विश्वास किसी से बात नहीं करता।”

मौसी बोली थी- 6-7 महीने दीव और 4-5 महीने लंदन में रहते थे

विश्वास भालिया की मौसी रमाबेन भालिया ने दिव्य भास्कर को बताया था कि विश्वास और अजय के पिता रमेशभाई बावाभाई भालिया 25 साल से लंदन में रह रहे थे। रमेशभाई के चार बेटे विश्वास, अजय, सनी और नयन हैं। सभी लंदन में ही रहते हैं। विश्वास और अजय शादीशुदा हैं और उनकी पत्नियां और बच्चे भी लंदन में रहते हैं।

विश्वास और अजय की दीव में गारमेंट की दुकान थी, लेकिन कोरोना काल में वह बंद हो गई तो उन्होंने फिशिंग बोट खरीद ली थी। इसके चलते दोनों भाई ठंड से गर्मी के मौसम तक दीव में पैतृक घर पर रहते थे। मानसून की शुरुआत में लंदन लौट जाते थे। विश्वास और अजय हर साल 6-7 महीने से दीव और चार-पांच महीने लंदन में रहते थे।

विमान हादसे में जीवित बचे विश्वास का एक तीन साल का बेटा है। वहीं, उनके भाई अजय की दो बेटियां थीं, जिनकी लंदन में बीमारी के चलते मौत हो चुकी है। अन्य भाई और माता-पिता लंदन में रहते हैं और सभी अब ब्रिटिश नागरिक हैं।

प्लेन हादसे में 270 लोगों की मौत हुई थी

12 जून को एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI 171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। इसी दौरान प्लेन क्रैश हो गया था। प्लेन में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल हैं। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे।

विमान दुर्घटना में न केवल उसमें सवार लोगों की मौत हुई, बल्कि अहमदाबाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों समेत 29 लोगों की जान भी चली गई थी। क्योंकि, विमान मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराया था। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया था।

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