कानपुर का ‘नटवरलाल’…देश-विदेश के बिजनेसमैनों से 50 करोड़ ठगे:MBA पास युवक ने ठगी करने के लिए खोली कंपनी, 150 कर्मचारी रखे

कानपुर में MBA पास युवक ने कॉल सेंटर बनाकर 50 करोड़ की ठगी की। कॉल सेंटर में 150 से ज्यादा कर्मी काम करते थे। सभी को मिलाकर 50 लाख रुपए महीने सैलरी देता था। ये लोग देश-विदेश के बिजनेसमैन को बड़ा ऑर्डर और रजिस्ट्रेशन का झांसा देकर रुपए ऐंठते थे।

रोज 15 से 20 लाख रुपए का साइबर फ्रॉड करते थे। कंपनी के एक कर्मी ने पुलिस को इसकी सूचना दी। गुरुवार को क्राइमब्रांच ने छापा मारकर मुख्य सरगना को अरेस्ट कर कंपनी को सील कर दिया। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

ये कंपनी ग्रीन पार्क के सामने की बिल्डिंग में फर्स्ट और सेकेंड फ्लोर पर Webixy Technologies प्राइवेट लिमिटेड और ग्लोबल ट्रेड प्लाजा फर्म नाम से कंपनी चल रही थी।

दिल्ली में नौकरी की फिर खुद बनाई कंपनी

DCP क्राइम एसएम कासिम आबिदी ने बताया-सिविल लाइंस स्थित ग्रीनपार्क सिक्का चौराहा के सामने एक मकान की फर्स्ट और सेकेंड फ्लोर पर ठगी का कॉल सेंटर चल रहा था।

कंपनी में काम करने वाले जितेंद्र कुमार ने ही कॉल सेंटर की शिकायत की थी। क्राइमब्रांच ने Webixy Technologies प्राइवेट लिमिटेड और ग्लोबल ट्रेड प्लाजा फर्म में छापा मारा।

छापेमारी के दौरान कंपनी के मालिक पुलकित द्विवेदी समेत अन्य कर्मचारियों को हिरासत लिया। पूछताछ शुरू की तो ठगी गैंग का पता चला। कानपुर के सिविल लाइंस में बैठकर ये लोग कई देशों के कारोबारियों को झांसा देकर ठगी कर रहे थे। पुलिस ने पुलकित द्विवेदी को जेल भेज दिया। जबकि उसके पार्टनर सत्यकाम साहू समेत अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

फर्म बनाकर मैंने डाटा निकाला

पुलिस पूछताछ में संचालक पुलकित द्विवेदी ने बताया कि मैं पहले दिल्ली में रहकर एक प्राईवेट कंपनी में काम करता था, फिर मैं MBA करने मुंबई चला गया। पढ़ाई पूरी होने के बाद मैं कानपुर आ गया। इसके बाद हमने अपने दोस्त सत्यकांत साहू के साथ मिलकर 2020 में Webixy Technologies Private Limited व ग्लोबल ट्रेड प्लाजा नाम से फर्म को शुरू किया।

फर्म के एवज में मैंने और मेरे मित्र सत्यकांत साहू ने मिलकर ओपन सोर्स साइटों से लोगों का डाटा निकाला। इसके बाद देश-विदेश के व्यक्तियों से डिजीटल रूप में संपर्क कराकर उनके कारोबार को इंटरनेशनल रूप में पहचान दिलाने, इंटरनेशनल बाजार से ऑर्डर दिलाने के नाम पर ठगी का काम शुरू किया। मैंने अमेरिका, थाईलैंड, इंग्लैंड, इंडोनेशिया और म्यांमार समेत अन्य देशों के उद्योगपतियों से ठगी की है।

जांच में सामने आया कि कंपनी रोजाना 10 से 20 लाख रुपए की ठगी की रकम आती थी। अब तक अनुमान है कि शातिरों ने 50 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। यह आंकड़ा इससे भी कई गुना ज्यादा पहुंच सकता है।

इस तरह कारोबारियों से करते थे ठगी

शातिर पुनीत द्विवेदी ने अलग-अलग माध्यम से भारत और कई देशों के कारोबारियों की लिस्ट हासिल कर ली थी। कस्टमरों से उनके माल का प्रचार-प्रसार करने के लिए सबसे पहले 60 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन फीस लेते थे।

जब कस्टमर हमारे झांसे में फंस जाता था, तो हम लोग ही कस्टमर बनकर उसे कॉल करते थे। इसके करोड़ों का ऑर्डर देने के लिए उससे संपर्क करते थे।

जब वह हमें माल देने के लिए तैयार हो जाता, तो हम लोग उससे ट्रेड लेटर का हवाला देते थे। कस्टमर हमसे ट्रेड लेटर के बारे में पूछता तो हम बता देते की बिना ट्रेड लेटर के हम आपका माल नहीं खरीद सकते हैं।

इस पर कस्टमर फिर से हमसे संपर्क करता और पूछता था कि एक बड़ी डील का ऑर्डर आया है। अब इसमें हमें ट्रेड लेटर की जरूरत है। इस पर हम उससे ट्रेड लेटर के नाम पर 4 लाख रुपए तक वसूल लेते थे। इसी तरह कारोबारियों से अलग-अलग तरह से पैसों की ठगी कर लेते थे।

इस प्रकार हम लोग अलग-अलग कस्टमरों से अलग अलग पॉलिसी बताकर ठगी करते थे। जब हमारा काम अच्छा चलने लगा तो हम दोनों ने ठगी कर अधिक धन अर्जित करने के लिए बेरोजगार लड़के-लड़कियों को तलाश किया।

लोगों को विश्वास में लेने के लिए जो कॉल लेटर भेजते थे, उन लेटर पर हम लोगों को अलग-अलग कम्पनियों की मोहर की आवश्यकता होती थी। जिस कारण मैंने फर्जी मोहरे फर्जी फर्मों के नाम पर बनवाई थी।

एक-दूसरे से बात नहीं करते थे इंप्लाइज

कंपनी की बहुत सख्त गाइड लाइन बना रखी थी। नौकरी ज्वाइन करने वालों से एक से चार साल तक का एग्रीमेंट कराया जाता था। इतना ही नहीं उसे टेली कॉलिंग से लेकर अलग-अलग ग्रुपों में ठगी के कॉल सेंटर को बांट रखा था।

नियम ये था कि कोई भी ग्रुप दूसरे से चर्चा या बात नहीं करेंगे। अगर ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कंपनी के नियमों के उल्लंघन की कार्रवाई होगी। इसके चलते आज तक किसी को भनक ही नहीं लगी कि पुनीत द्विवेदी ठगी का कितना बड़ा सिंडीकेट चला रहा और रातों-रात करोड़पति बन गया।

6 खातों में फ्रीज कराए 4.5 करोड़

ठगी के कॉल सेंटर की शिकायत 12 अगस्त को ग्वालटोली थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इसी मुकदमे में कॉल सेंटर संचालक पुलकित द्विवेदी पुत्र सत्यप्रकाश निवासी फ्लैट नं0 302 ए-ब्लॉक केडीए सिग्नेचर ग्रीन्स थाना नबाबगंज कानपुर नगर को अरेस्ट किया गया है।

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