मेरठ में 39 घंटे भाकियू टिकैत का धरना जारी रहा। अपनी 150 मांगों को लेकर किसान लगातार धरना दे रहे थे। लेकिन धरने की समाप्ति पर एक बुजुर्ग किसान आगे आए और सीडीओ नूपुर गोयल के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। 96 साल के किसान बाबा मेजर चिदौंड़ी ने कंपकंपाती अंगुलियां सिर पर फेरी और जुबान से यही कहा बेटी खुश रहो।
बेटी हम गरीब किसान है, हमारे पास देने को कुछ नहीं, किसानों के काम करो, उनके दर्द को दूर करा दो, हमेशा खुश रहोगी। यह दृश्य धरने में आए किसानों से लेकर पुलिस, प्रशासनिक अफसरों ने देखा। चंद मिनट पहले विरोधी नारे बुलंद करने वाले बुजुर्ग किसान का हाथ आशीर्वाद के लिए उठा। सीडीओ ने भी उनका आदर किया।
किसानों की मुख्य मांगें जानिए-
- किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है। मिलती है तो उसके साथ अन्य दवाएं लेनी पड़ती हैं।
- किसानों की ट्यूबवेल की बिजली फ्री की जाए।
- स्मार्ट मीटर क्यों लगाए जा रहे हैं, क्या पहले के मीटर खराब थे। मीटर न बदले जाएं।
- किसानों के गन्ने का मूल्य 450 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए।
- मेरठ के अब्दुल्लापुर क्षेत्र के एक किसान की मौत हुई। छह लाख रुपए और मृतक की पत्नी को नगर निगम में नौकरी अब तक नहीं मिली। इसे दिया जाए।
- भाजपा सरकार ने आश्वाशन दिया कि गन्ने का भुगतान 14 दिन में होगा। भुगतान नहीं हो रहा। समय पर दाम मिले।
- NHAI द्वारा किसानों की चकरोड पर कब्जा किया गया, जिससे हम लोगों को खेत जाने में परेशानी हो रही। रास्ता दिया जाए।
- तहसीलों में दाखिल खारिज करने में लेखपाल रिश्वत ले रहे। इस पर रोक लगे।
- मेरठ विकास प्राधिकरण किसानों की भूमि को कब्जा रही है, इस पर कार्रवाई हो।
जानिए कौन है नूपुर गोयल, छठवें प्रयास में वह यूपीएससी पा की
दिल्ली के नरेला की रहने वाली नूपुर गोयल ने डीएवी कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। फिर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। बीटेक के बाद नूपुर गोयल ने इग्नू से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से एमए यानी मास्टर की।
उनके चाचा ने यूपीएससी की तैयारी की थी लेकिन तब वह सफल नहीं हो पाए थे। उनसे ही प्रेरित होकर नूपुर ने आईएएस बनने का ख्वाब देखा। साल 2014 में, नूपुर ने पहले ही प्रयास में प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा पास कर ली, लेकिन इंटरव्यू में असफल रहीं। दूसरे प्रयास में, वह प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं।
तीसरे प्रयास में, उन्होंने इंटरव्यू तक का सफर तय किया, लेकिन इस बार भी चयन नहीं हो पाया। चौथे प्रयास में, वह प्रीलिम्स परीक्षा क्लियर नहीं कर सकीं। पांचवें प्रयास में, वह फिर से इंटरव्यू तक पहुंचीं, लेकिन चयन नहीं हो सका। इसके बाद, नूपुर ने इंटेलिजेंस ब्यूरो में जॉब करने लगीं।
जॉब के साथ नूपुर यूपीएससी की तैयारियों में भी जुटी रहीं और मेहनत और लगन से साल 2019 के छठवें प्रयास में वह यूपीएससी पास कर ली। आखिरी प्रयास में नूपुर की 11वीं रैंक आई थीं।