हरियाणा के गुरुग्राम में आधी रात को भूकंप के झटके महसूस किए गए। झटके महसूस होने पर लोग घरों से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) ने बताया कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर के पास हिंदूकुश क्षेत्र में था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 मापी गई।
भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी महसूस किए गए। हालांकि किसी तरह के जानी नुकसान की सूचना नहीं है।
गुरुग्राम में भूकंप और अन्य आपदाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की टीमों को सतर्क कर रखा है।
कब कहां आया भूकंप
- 27 जून: महेंद्रगढ़ जिले में 27 जून की शाम को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, उस दिन भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.8 मापी गई। जिसकी गहराई 5 किलोमीटर थी।
- 10 जुलाई: इस दिन सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर भूकंप आया था। करीब 10 सेकेंड तक झटके लगे थे। इसका केंद्र झज्जर था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 रही थी। भूकंप के झटके गुरुग्राम, रोहतक, पानीपत, झज्जर, हिसार, रेवाड़ी में महसूस किए गए थे।
- 11 जुलाई: शाम 7 बजकर 49 मिनट पर झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र भी झज्जर रहा। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.7 रही, जिसका असर गुरुग्राम, रोहतक, जींद, रेवाड़ी, सोनीपत और झज्जर में दिखा।
- 16-17 जुलाई: रात 12.46 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र रोहतक रहा। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 दर्ज की गई। हालांकि इसमें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ।
- 17 जुलाई: दोपहर 12:34 बजे भूकंप आया। इसका केंद्र झज्जर में रहा। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.5 मापी गई। इसका केंद्र 5 किलोमीटर की गहराई में था।
- 22 जुलाई: फरीदाबाद में सुबह 6 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई। यह हलचल जमीन में पांच किलोमीटर की गहराई में हुई।
- 10 अगस्त: झज्जर में रविवार को शाम 4:10 बजे भूकंप के झटके लगे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई।
- क्यों और कैसे आता है भूकंप: हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
- हरियाणा में बार-बार भूकंप क्यों: भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। इसमें जब प्लेट मूवमेंट होती है तो इसके आपस में टकराने से कंपन पैदा होता है। जिससे भूकंप के झटके महसूस होते हैं।