जैसलमेर बस आगजनी हादसे की पुणे की एजेंसी करेगी जांच:जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बोले- बस बॉडी बनाने वाली कंपनियों की होगी सख्त जांच

जैसलमेर बस आगजनी हादसे की तकनीकी जांच सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT) पुणे की टीम करेगी। यह टीम घटनास्थल पर जाकर जांच-पड़ताल करेगी। यह टीम हादसे की वजह, किसकी लापरवाही, क्या कमियां रही, किसकी जिम्मेदारी थी इन बिंदुओं पर काम करेगी और राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी

इस हादसे के बाद एक्शन में आए परिवहन विभाग ने मामले की गहराई से जांच के लिए जयपुर से विशेष टीम भेजी है। इस टीम को नेतृत्व जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ओ.पी. बुनकर कर रहे हैं। उन्होंने मौके पर पहुंचकर बस यार्ड का निरीक्षण किया और हादसे के तकनीकी कारणों की जानकारी ली।

बॉडी बनाने वाली कंपनियों की होगी जांच

बुनकर ने कहा कि भविष्य में जैसलमेर जैसी घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए बस निर्माण करने वाली कंपनियों की भी जांच की जाएगी। इसके लिए विभाग ने एक विशेष मॉनिटरिंग कमेटी गठित की है, जो उन वर्कशॉप्स और फैक्ट्रियों का निरीक्षण करेगी जहां बसों की बॉडी बनाई जाती है।

जैसलमेर में 5 AC बसों को जब्त किया

इसके साथ ही जैसलमेर में 5 निजी AC बसों को भी जब्त किया है जो नियमों का पालन नहीं कर रही थी। बुनकर ने बताया- घटना की तकनीकी जांच के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT), पुणे की टीम भी जल्द जैसलमेर पहुंचेगी। यह एजेंसी घटनास्थल का निरीक्षण कर दुर्घटना के वास्तविक कारणों की पड़ताल करेगी और आगे ऐसी घटनाएं रोकने के सुझाव भी देगी।

3200 AC बसों में से 162 जब्त, 1400 की जांच पूरी

बुनकर ने बताया कि राज्य में संचालित स्लीपर बसों की जांच लगातार की जा रही है। अब तक 1400 बसों का निरीक्षण किया जा चुका है, जिनमें से 162 बसों को नियमों के उल्लंघन पर जब्त किया गया है।

केके ट्रेवल्स के यार्ड में 66 बसों की जांच, 10 में खामियां मिली

हादसे में जिस केके ट्रेवल्स की बस में आग लगी थी, उस कंपनी के यार्ड का निरीक्षण परिवहन विभाग की टीम ने किया। वहां कुल 66 बसें खड़ी मिलीं, जिनमें से 35 बसों की जांच अब तक पूरी की जा चुकी है। इनमें से 10 बसों में बॉडी निर्माण से जुड़ी गंभीर खामियां पाई गई हैं, जिन्हें “वॉल्यूशन” के तहत बनाया गया बताया जा रहा है और वे जांच के घेरे में हैं।

पूरे राज्य में 3200 एसी बसें रजिस्टर्ड

जॉइंट कमिश्नर बुनकर ने बताया कि पूरे राजस्थान में करीब 3200 एयरकंडीशनर बसें पंजीकृत है। इनमें से कई बसें तय नियमों का पालन नहीं कर रहीं। जैसलमेर में ऐसी 5 बसों को जब्त किया गया है, जो नियमों का उल्लंघन करते हुए चल रही थीं।​​​​​​

दुर्घटनाग्रस्त बस में मिली कई गंभीर खामियां

बुनकर ने बताया कि हादसे में जली बस में कई गंभीर तकनीकी खामियां पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी कमियों के चलते कई यात्रियों की जान बचाना मुश्किल हो गया। विभाग इन सभी बिंदुओं को अपनी जांच रिपोर्ट में शामिल कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जा सके।

  • इमरजेंसी गेट छोटा बनाया गया था और उस पर 2 सीटें फिट कर दी गई थीं, जिससे हादसे के वक्त गेट खुल नहीं पाया।
  • बस की लंबाई निर्धारित सीमा से अधिक बढ़ाई गई थी और स्लीपर सीटें जरूरत से ज्यादा लगाई गई थीं।
  • बस में लगे पर्दे अत्यधिक ज्वलनशील थे, जिससे आग तेजी से फैल गई।

5 सदस्यीय SIT पहुंची जैसलमेर

पांच लोगों की SIT टीम गुरुवार को जैसलमेर पहुंची और शुक्रवार सुबह वापस जयपुर के लिए रवाना हो गई। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, मुख्यालय द्वारा अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) एवं संयुक्त शासन सचिव की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति गठित की गई है। इसमें विभाग के 2 अधिकारी और राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के 2 अभियंता शामिल हैं। गठित कमेटी में ओमप्रकाश बुनकर (अपर परिवहन आयुक्त, प्रशा. एवं संयुक्त शासन सचिव), धर्मेंद्र कुमार (प्रादेशिक परिवहन अधिकारी-द्वितीय), रवि सोनी (कार्यकारी निदेशक, यांत्रिकी, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम), हनुमान सिंह (संयुक्त महाप्रबंधक, सेन्ट्रल वर्कशॉप, जोधपुर), नवनीत बाटड़ (मोटर वाहन निरीक्षक, मुख्यालय) शामिल है।

सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट

SIT ने संबंधित परिवहन विभागीय एवं तकनीकी पहलुओं की गहन जांच के लिए घटना स्थल और बस का निरीक्षण किया गया। टीम इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।

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