राजस्थान हाईकोर्ट में हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स एसोसिएशन के राजस्थान स्टेट यूनिट का एक रोचक मामला सामने आया है, जिसमें नकली संस्थाओं के कारण असली पंजीकृत संस्था की मान्यता खतरे में पड़ गई है। जस्टिस सुनील बेनीवाल ने इस मामले की सुनवाई करते हुए तत्काल स्टे ऑर्डर जारी किया है। याचिकाकर्ता संस्था के राज्य सचिव विजय कुमार, निवासी गंगानगर के माध्यम से यह रिट याचिका दायर की थी।
वर्ष 1998 से पंजीकृत है असली संस्था
याचिकाकर्ता हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स एसोसिएशन का राजस्थान स्टेट यूनिट पंजीकरण संख्या S-33939/1998 के तहत 26 नवंबर 1998 से पंजीकृत है। यह संस्था पहले दिल्ली के केशवपुरम B-4/52A पर पंजीकृत थी, जो अब बंद हो चुकी है। वर्तमान में इसका राष्ट्रीय मुख्यालय E-18/19, तीसरी मंजिल, गली नंबर 9, हनुमान चौक के पास, B 51, वजीराबाद, रामघाट रोड, दिल्ली 110084 पर है और राज्य मुख्यालय जयपुर राजस्थान में स्थित है।
17 अप्रैल से विवाद की शुरुआत
मामले की शुरुआत 17 अप्रैल 2025 को हुई, जब संयुक्त निदेशक, डिविजनल कमिश्नर, स्कूल एजुकेशन तथा चीफ डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर को एक पत्र भेजा गया। इसमें बताया गया कि हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स राजस्थान, जिसका मुख्यालय उदयपुर में है और पंजीकरण संख्या 100052/उदयपुर/21.12.2017 है, एक पंजीकृत संस्था है जो राजस्थान सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और नरेंद्र औधिच्या इसके राज्य सचिव हैं।
नकली संस्थाओं के खिलाफ चेतावनी
17 अप्रैल के पत्र में यह भी कहा गया था कि इसी नाम से कुछ अनधिकृत संस्थाएं चल रही हैं, इसलिए अधिकारियों को सचेत रहना चाहिए और ऐसी अनधिकृत संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इस संचार के कारण याचिकाकर्ता संस्था की मान्यता पर सवाल खड़े हो गए और उसे गैर-मान्यता प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है।
RTI से मिली महत्वपूर्ण जानकारी
याचिकाकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में बताया कि 17 अप्रैल के पत्राचार में जिस संस्था का जिक्र किया गया है, वह वास्तव में पंजीकृत संस्था नहीं है। इस दावे के समर्थन में उन्होंने 8 सितंबर 2025 को RTI के जरिए मिले दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उदयपुर जिले में हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स नाम की कोई संस्था पंजीकृत नहीं है।
कोर्ट ने जारी किए नोटिस
जस्टिस सुनील बेनीवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग के सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक बीकानेर और नई दिल्ली कांझावला एसडीएम कार्यालय रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने स्थगन आवेदन की भी नोटिस जारी की है। इसके साथ ही न्यायालय ने तत्काल अंतरिम राहत देते हुए स्पष्ट किया है कि अगली तारीख तक याचिकाकर्ता संस्था को 17 अप्रैल 2025 के संचार के आधार पर अपने कार्यों को निष्पादित करने से नहीं रोका जाएगा।