पायलटों की ड्यूटी बढ़ी, थकान के कारण हादसे का जोखिम:सुरक्षा की कीमत पर नियम बदले; ALPA इंडिया की आपत्ति, DGCA के फैसले पर उठे सवाल

एविएशन रेग्युलेटर DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने हाल ही में बोइंग 787 विमानों के लिए पायलटों की फ्लाइंग ड्यूटी टाइम लिमिट को 10 घंटे से बढ़ाकर 10.5 घंटे कर दिया है। फ्लाइट ड्यूटी पीरियड (एफडीपी) भी 13 से बढ़ाकर 14 घंटे कर दी है।

पायलटों की संस्था ने इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है यह फैसला एयरलाइंस की सुविधा के लिहाज से लिया गया है। इससे थकान का खतरा और जोखिम बढ़ जाएगा।

ALPA इंडिया ने उठाए सवाल

देश के पायलट संगठन ALPA इंडिया ने एएलपीए यानी एयर लाइन पायलट्स एसोसिएशन को लिखा भी है कि बोइंग 787 के पायलट पहले से ही सीट पीछे झुकाने की सुविधा सीमित होने के कारण पर्याप्त विश्राम नहीं कर पाते। अमेरिका की विमानन एजेंसी FAA ने 2024 में एक आदेश जारी कर बोइंग 787 की कैप्टन सीट को पूरी तरह पीछे झुकाने पर रोक लगाई थी। इसका असर यह हुआ कि लंबी दूरी की उड़ान भरने वाले पायलटों को बीच में आराम करने का पर्याप्त अवसर नहीं मिलता।

ALPA इंडिया का कहना है-

जब आराम लिमिटेड है, तो ड्यूटी का समय बढ़ाना थकान से जुड़ी गलतियों को न्योता देना है। भारत को FAA के निर्देश को ध्यान में रखते हुए पायलटों की ड्यूटी अवधि घटानी चाहिए थी, पर उल्टा बढ़ा दिया गया है।

DGCA का कहना

वहीं, डीजीसीए के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह व्यवस्था कुछ चुनिंदा बोइंग 787 उड़ानों के लिए अस्थाई व आंतरिक है। पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण रीरूटिंग करना पड़ रहा है। यह विस्तार 26 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक ही वैध रहेगा।

एयरलाइंस को फायदा

अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर तीन-पायलट क्रू रखने से लागत बढ़ती है, जबकि दो-पायलट क्रू से 10.5 घंटे तक उड़ान की अनुमति मिलने से एक पूरा क्रू सेट बचाने का फायदा होता है।

दूसरे देशों में क्या हैं नियम

यूरोप में ईएएसए दो-पायलट वाली लंबी उड़ानों के लिए 10 घंटे की सीमा रखती है। वहीं, अमेरिका में एफएए 10 घंटे से ज्यादा की उड़ानों पर तीन-पायलट क्रू को अनिवार्य करती है ताकि थकान से जुड़ा खतरा न बढ़े।

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