पित्रोदा बोले-सरकार राहुल के विदेश दौरों की निगरानी कर रही:दूतावास के अधिकारी उनका पीछा करते हैं; विदेशी नेताओं से मिलने को मना करते हैं

ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने दावा किया है कि राहुल गांधी के विदेश दौरों के दौरान भारतीय दूतावास के अधिकारी उन पर नजर रखते हैं और कई बार विदेशी नेताओं से उन्हें न मिलने को कहा जाता है।

पित्रोदा ने राहुल के दौरे को लेकर गुरुवार को इंडिया टुडे से बातचीत की है। इसमें उन्होंने कहा- मैने खुद देखा है कि राहुल गांधी के होटल, मीटिंग्स और एयरपोर्ट पर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। हालांकि इसके सबूत नहीं हैं, लेकिन अनुभव के आधार पर यह बात कह रहा हूं।

वहीं पित्रोदा ने भाजपा के राहुल पर देश की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोपों को खारिज किया। जर्मनी दौरे की टाइमिंग पर उन्होंने कहा कि विदेश यात्राएं अचानक तय नहीं होतीं, बल्कि महीनों पहले से उनका कार्यक्रम बनता है।

पित्रोदा की 6 बड़ी बातें…

  • राहुल गांधी पर विदेश जाकर भारत की छवि खराब करने के आरोपों पर कहा, ‘सच तो सच होता है, चाहे वह भारत में बोला जाए या विदेश में। डबल स्टैंडर्ड नहीं हो सकते। ‘
  • जॉर्ज सोरोस और विदेशी फंडिंग से जुड़े आरोपों पर कहा कि ये पूरी तरह बेबुनियाद हैं। राहुल गांधी या कांग्रेस का किसी भी तरह के एंटी-इंडिया नेटवर्क से कोई संबंध नहीं है। सब बकवास है। हम यूनिवर्सिटी जाते हैं, पब्लिक स्पेस में बात करते हैं। कौन किससे जुड़ा है, हमें न पता है और न हमें फर्क पड़ता है।
  • क्रिसमस के दौरान चर्चों पर हमलों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर कहा कि किसी भी तरह की हिंसा की समाज में कोई जगह नहीं है। ऐसी घटनाएं भारत की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं और यह नफरत का नतीजा हैं।
  • मनरेगा की जगह लाए गए जी-राम-जी कानून पर कहा कि राम के नाम का इस्तेमाल क्यों किया गया। महात्मा गांधी के नाम से योजना चल रही थी, उसमें क्या दिक्कत थी? प्रधानमंत्री किसी एक समुदाय के नहीं, पूरे देश के होते हैं। धर्म निजी आस्था हो सकती है, लेकिन शासन की प्राथमिकता नहीं।
  • लोकतंत्र और चुनाव प्रणाली पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत समेत कई देशों में संस्थाएं दबाव में हैं। ईवीएम, वोटर लिस्ट और चुनाव आयोग को लेकर भरोसे की कमी की है। दुनिया के कई देशों हंगरी, तुर्की, अमेरिका और भारत में लोकतांत्रिक संस्थाएं दबाव में हैं।
  • बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर कहा कि भारत को सबसे पहले अपने पड़ोस पर ध्यान देना चाहिए। हिंसा कहीं भी हो, उसका कोई औचित्य नहीं है। भारत अगर ‘विश्व गुरु’ बनना चाहता है तो पहले अपने पड़ोस बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान में स्थिरता और शांति के लिए नेतृत्व दिखाना होगा।

राहुल ने कहा था- BJP संविधान खत्म करने की साजिश रच रही

राहुल गांधी प्रोग्रेसिव अलायंस के आमंत्रण पर 17-19 दिसंबर तक जर्मनी में थे। इस दौरान 18 अक्टूबर को उन्होंने बर्लिन स्थित हर्टी स्कूल में छात्रों को संबोधित किया था। राहुल ने बीजेपी पर भारतीय संविधान को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।

राहुल ने कहा- बीजेपी संविधान की उस मूल भावना को खत्म करना चाहती है, जो सभी नागरिकों को समान अधिकार देती है। बीजेपी राज्यों की समानता, भाषाओं की समानता और धर्मों की समानता के विचार को खत्म करने की बात कर रही है। बीजेपी ने देश की संस्थाओं पर भी पूरा कब्जा कर लिया है।

भाजपा ने कहा था- राहुल गांधी की कांग्रेस अराजकता चाहती है

राहुल के बयान पर बीजेपी ने मंगलवार को उन पर तीखा हमला बोला था। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा था- राहुल विदेश जाते हैं, भारत को बदनाम करते हैं, झूठ बोलते हैं। वे लीडर ऑफ अपोजिशन नहीं, बल्कि लीडर ऑफ प्रोपेडंगा हैं। उन्होंने जर्मनी में चीन तरक्की कर रहा है। चीन की प्रशंसा करो, भारत को बदनाम करो, यही अब राहुल गांधी की पहचान बन गई है।”

भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया कि राहुल और कांग्रेस भारतीय लोकतंत्र में अराजकता और अशांति फैलाना चाहते हैं। प्रदीप भंडारी ने X पर लिखा, ‘राहुल गांधी कहते हैं कि लोग आपस में लड़ेंगे, भारत असफल हो जाएगा। क्या भारत से प्रेम करने वाला कोई व्यक्ति भारत को असफल होते देखना चाहेगा?

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