ममता बनर्जी बोलीं- फूट डालो-राज करो की राजनीति न करें:TMC का दावा- SIR के डर से दो सुसाइड, अभिषेक ने शाह-CEC को जिम्मेदार ठहराया

चुनाव आयोग के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हर असली वोटर को सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी तरह की फूट डालो-राज करो की राजनीति नहीं होनी चाहिए।

ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा- लोकतंत्र के सबसे बड़े स्तंभ न्यायपालिका और मीडिया हैं। इन्हें मजबूत रखना चाहिए। गांधीजी और नेताजी की लड़ाई भी इंसानियत के लिए थी। सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है।

वहीं, टीएमसी ने दावा किया कि SIR प्रक्रिया और एनआरसी (NRC) को लेकर दो लोगों ने सुसाइड किया है। पार्टी महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने दोनों लोगों की मौत के लिए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया।

टीएमसी नेताओं ने कर के परिवार से मुलाकात कर न्याय की मांग की। टीएमसी ने भाजपा और चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वे पूरे राज्य में डर और अफरा-तफरी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रदीप कर ने लेटर में लिखा- NRC मौत की जिम्मेदार

दरअसल, अगरेपाड़ा के महाजाति नगर इलाके में रहने वाले 57 वर्षीय प्रदीप कर ने आत्महत्या कर ली। पुलिस को उनके पास से एक डायरी मिली है, जिसमें उन्होंने लिखा, मेरी मौत का जिम्मेदार NRC है। इसके बाद ही बंगाल में राजनीतिक पार्टी इसे उठा रही हैं।

TMC का दावा- एक शख्स ने सुसाइड की कोशिश की

इसके अलावा टीएमसी ने दावा किया कि बंगाल के कूच बिहार जिले में रहने वाले 63 साल के बुज़ुर्ग ने वोटर लिस्ट की समस्या से परेशान होकर जहर खाकर सुसाइड की कोशिश की।

पुलिस ने बताया कि दिनहाटा इलाके के जीतपुर गांव के रहने वाले खैरुल शेख ने मंगलवार को जहर खा लिया था। वह 2002 की वोटर लिस्ट में अपना नाम गलत दर्ज होने से बहुत परेशान था।

सोमवार को हुई थी SIR की घोषणा

चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा था कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) फेज-2 के तहत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण किया जाएगा। इस प्रक्रिया की अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।

103 दिन के प्रोसेस में वोटर लिस्ट का अपडेशन होगा। नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे और वोटर लिस्ट में सामने आने वाली गलतियों को सुधारा जाएगा। खास बात ये है कि अगले साल चुनाव वाले बंगाल में SIR होगा, लेकिन असम में नहीं होगा। चुनाव आयोग का कहना है कि असम में नागरिकता से जुड़े नियम थोड़े अलग है, इसलिए वहां यह प्रक्रिया अलग तरीके से चलेगी।

नीचे देखें 12 राज्यों की लिस्ट जहां SIR होगा

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