यूपी के मंत्री बोले-नीतीश कहीं और छूते तो क्या होता:सपा सांसद ने कहा-शर्मनाक; हिजाब हटाने पर बेंगलुरु में CM के खिलाफ FIR की मांग

पटना में महिला डॉक्टर का हिजाब हटाए जाने पर यूपी के मंत्री संजय निषाद ने बिहार CM नीतीश कुमार का बचाव किया है। संजय निषाद ने कहा- अरे वो भी तो आदमी ही हैं न…छू लिया नकाब, तो इतना पीछे नहीं पड़ जाना चाहिए।

कहीं और छू लिया तो क्या होता? आपको क्या लगता है कहीं और भी छू लेते हैं क्या? नहीं… नकाब पर आप लोग इतना कह रहे हैं। कहीं चेहरा-वेहरा छू लेते…कहीं और उंगली पड़ जाती तब क्या करते आप लोग? वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेंगलुरु के एक वकील ओवैज हुसैन एस ने CM नीतीश के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।

मंत्री निषाद एक चैनल को इंटरव्यू दे रहे थे। उनके बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने आपत्ति जताई। बाद में मंत्री निषाद ने वीडियो जारी किया और कहा-

फोटो खिंच रही थी, नीतीश जी का आशय यही था कि थोड़ा ठीक फोटो आ जाए। चेहरा थोड़ा अच्छा आ जाए। अच्छे लोग अच्छी चीज देखते हैं। खराब लोग खराब चीज देखते हैं। अगर आप फोटो खिंचवा रही हैं। चेहरा आएगा तभी तो माना जाएगा न कि नियुक्ति पत्र किसने प्राप्त किया है।

अपने पर संजय निषाद बोले- अपमान का उद्देश्य नहीं था

संजय निषाद ने कहा- पूर्वांचल के बारे में कोई थोड़ा बहुत भी ज्ञान रखता होगा तो वह जानता होगा कि गांव देहात में लोग ऐसा ही कहते हैं। कुछ लोग भोजपुरी में कहते है- अरे छोड़ा इ बात। ये कोई अपमान नहीं है, बल्कि बातचीत को आगे बढ़ाने और विवाद से बचने का लोक प्रचलित तरीका है।

देश में हर क्षेत्र की भाषा अलग-अलग होती है। इसमें ऐसा कुछ नहीं है। जैसे साउथ की भाषा को उत्तर भारत के लोग अलग भाषा में ले जा सकते है। इसका मतलब ये नहीं कि गाली या अपमान के नीयत से देखा जाए। यह बेमतलब का विवाद खड़ा किया जा रहा है। यही बात भोजपुरी में कही गई थी। इसमें किसी महिला या धर्म का अपमान नहीं था। न ही कोई अपमान का कोई उद्देश्य था।

अगर तब भी किसी बुरा लगा है तो अपने शब्दों को वापस लेता हूं। लेकिन अफसोस की बात है कि कुछ लोग जानबूझकर बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे है। एक एजेंडे का रूप देने की कोशिश की जा रही है। अगर किसी को राजनीति करनी है तो करें, लेकिन देश और समाज में अनावश्यक तनाव पैदा न करें।

जहां तक माननीय नीतिश कुमार जी का सवाल है, तो उनको जनता जानती और समझती है, इसलिए चुनाव जीतकर सीएम बने हैं। उन्होंने जो काम किया है, वह जनता के सामने है। आगे भी जनता ही तय करेगी। मेरा मानना है कि भाषा शैली को लोग समझे। इसको विवाद बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारी सोच समाज को जोड़ने वाली होनी चाहिए न कि तोड़ने वाली। बिना मतलब के विवाद न बनाएं।

शायर मुनव्वर राणा की बेटी ने संजय निषाद के खिलाफ शिकायत की

शायर मुनव्वर राणा की बेटी और सपा प्रवक्ता सुमैया राणा ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के मुस्लिम महिला का हिजाब हटाने के मामले में शिकायत दी है। उन्होंने नीतीश का बचाव कर रहे यूपी के मंत्री संजय निषाद के इस बयान- ‘नकाब ही तो छुआ है, कहीं और तो नहीं…’ के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई है।

सपा सांसद बोलीं- महिला का दामन या हिजाब खींचना गलत

कैराना से सपा सांसद इकरा हसन ने बिहार के CM नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, किसी महिला का दामन या हिजाब खींचना गलत और खतरनाक है। इसका असर नीचे प्रशासन तक पड़ता है। इसलिए हमें चिंता है।

काफी समय से नीतीश कुमार की सेहत को लेकर चिंताएं रही हैं। वह बुजुर्ग हैं और सभी उनका सम्मान करते हैं। लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि जिस पद पर वह हैं, उसकी अपनी गरिमा है। उसके खिलाफ जाकर एक महिला के साथ इस तरह का व्यवहार करना, उस गरिमा के खिलाफ है और बहुत खतरनाक है।

अगर सीएम ही ऐसा कर रहे हैं तो सुरक्षा के लिए गुहार कहां लगाएं। मैं दुआ करती हूं कि वो जल्द ठीक हों। हम इसे रिलीजियस एंगल से नहीं देख रहे हैं। किसी का दामन इस खींचना, छेड़ना गलत है।

अब इकरा हसन की पूरी बात पढ़िए…

  • बहुत अफसोस की बात है कि प्रदेश के सबसे बड़े पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा ऐसी हरकत हुई। उनके स्वास्थ्य को लेकर भी हम बहुत चिंतित हैं। मुझे लगता है कि इतनी गरिमा के पद पर अब चाहे स्वास्थ्य कारणों से हो या कोई भी करण हो यह स्वीकार्य नहीं है।
  • देश में इससे कहीं ज्यादा गंभीर मुद्दे हैं, जिन पर सरकार और मीडिया को ध्यान देना चाहिए। हिजाब पहनना या न पहनना किसी महिला की निजी इच्छा पर निर्भर करता है। इसे ओपन छोड़ा जाना चाहिए। अगर कोई किसी को हिजाब पहनने या न पहनने के लिए मजबूर करता है, तो वह लोकतंत्र नहीं है।
  • यह फैसला पूरी तरह संबंधित महिलाओं पर छोड़ देना चाहिए और इस पर बार-बार बहस करना ठीक नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि विदेशों में ऐसे मुद्दों को तूल नहीं दिया जाता, बल्कि असली समस्याओं पर ध्यान दिया जाता है।
  • मैं खुद एक मुस्लिम महिला हूं और ऐसे क्षेत्र से आती हूं, जहां सभी समाज की महिलाएं सिर ढकती हैं। यह हमारी संस्कृति है, लेकिन इसे किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए। समाज और सरकार को शिक्षा, रोजगार, महंगाई और महिलाओं की सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर फोकस करना चाहिए, न कि पहनावे को राजनीतिक बहस का विषय बनाना चाहिए।

यह मामला किसी एक महिला तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की महिलाओं की इज्जत, निजता और आत्मसम्मान का सवाल है। किसी महिला के पहनावे में जबरदस्ती दख़ल देना इंसानियत के उसूलों के खिलाफ है।

अब जानिए आखिर पूरा मामला क्या है

दरअसल, सोमवार को CM नीतीश कुमार आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक महिला डॉक्टर नुसरत को पहले तो नियुक्ति पत्र दे दिया। इसके बाद उसे देखने लगे। महिला भी मुख्यमंत्री को देखकर मुस्कुराई।

CM ने हिजाब की ओर इशारा करते हुए पूछा कि ये क्या है जी। महिला ने जवाब दिया, हिजाब है सर। CM ने कहा कि हटाइए इसे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथ से महिला का हिजाब हटा दिया।

इस दौरान डिप्टी CM सम्राट चौधरी नीतीश कुमार को रोकने के प्रयास में उनकी आस्तीन खींचते हुए नजर आए। हिजाब हटाने से महिला थोड़ी देर के लिए असहज हो गई। आसपास मौजूद लोग हंसने लगे।

कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने महिला को नियुक्ति पत्र फिर थमाया और जाने का इशारा किया। महिला फिर वहां से चली गई।

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