प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को सट्टेबाजी केस में पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह, बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद, एक्ट्रेस नेहा शर्मा समेत कई सेलेब्स की संपत्तियां जब्त की हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस केस में मॉडल-एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला की मां, बंगाली एक्टर अंकुश हाजरा, पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के अलावा पूर्व टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती की संपत्तियों को भी ED ने जब्त कर लिया है। जब्त संपत्तियों की अनुमानित कीमत 1,000 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है।
इसमें सोनू सूद की लगभग 1 करोड़ रुपए, मिमी चक्रवर्ती की 59 लाख रुपए, युवराज सिंह की 2.5 करोड़ रुपए, नेहा शर्मा की 1.26 करोड़ रुपए, उथप्पा की 8.26 लाख रुपए, अंकुश हाजरा की 47 लाख और उर्वशी रौतेला की मां की 2.02 करोड़ रुपए की संपत्ति शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, फेडरल प्रॉब एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अंतरिम आदेश जारी करने के बाद एक्शन लिया है।
इन सभी सेलेब्स पर आरोप है कि इन्होंने 1xbet नाम के सट्टेबाजी ऐप का प्रमोशन किया। प्रमोशन के बदले मिलने वाली रकम को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए लिया।
बता दें कि इन सभी सेलेब्स से इस मामले में पहले ED द्वारा पूछताछ की गई थी। एजेंसी ने कुछ समय पहले पूर्व क्रिकेटरों शिखर धवन और सुरेश रैना की 11.14 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी
1xBet : 18 साल पुराना बेटिंग प्लेटफॉर्म, भारत में बैन
1xBet साइप्रस की ऑनलाइन बेटिंग कंपनी (2007) है। यह दुनिया भर में खेल आयोजनों पर सट्टा लगाने की सुविधा देती है। कंपनी खुद को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त बुकी बताती है। इसका एप और वेबसाइट 70 भाषाओं में उपलब्ध हैं। भारत में यह प्लेटफॉर्म प्रतिबंधित है।
यह जांच अवैध बेटिंग एप से जुड़ी है। कंपनी पर आरोप है कि उसने लोगों और निवेशकों से करोड़ों रुपए की ठगी की है या बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी की है। कंपनी का दावा है कि 1xBet एक वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त बुकी है, जो पिछले 18 सालों से बेटिंग इंडस्ट्री में है। इसके ग्राहक हजारों खेल आयोजनों पर दांव लगा सकते हैं। कंपनी की वेबसाइट और एप 70 भाषाओं में उपलब्ध हैं। 1xBet चांस बेस्ड गेम्स एप है।
सरकार ने बेटिंग एप पर बैन लगाया
भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे ड्रीम-11, रमी, पोकर जैसे ऑनलाइन बेटिंग एप बैन हैं। यह फैसला भारत सरकार के हाल ही में पास किए गए ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के बाद लिया गया है। इस बिल के तहत ऑनलाइन बेटिंग एप पर पूरी तरह पाबंदी है।
सरकार का कहना है कि ऐसे एप से आम लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया था कि करीब 45 करोड़ लोग ऐसे गेम्स से प्रभावित हैं। 20 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे गेमिंग डिसऑर्डर की श्रेणी में रखा है।
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने ड्रीम-11 जैसे फैंटेसी खेलों को स्किल्स का खेल बताया था। हालांकि बेटिंग एप कभी भी भारत में लीगल नहीं थे।
ऑनलाइन बेटिंग एप से आर्थिक नुकसान हो रहा
सरकार का कहना है कि ऑनलाइन बेटिंग एप की वजह से लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। कुछ लोग गेमिंग की लत में इतना डूब गए कि अपनी जिंदगी की बचत तक हार गए और कुछ मामलों में तो आत्महत्या की खबरें भी सामने आईं।
इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग और नेशनल सिक्योरिटी को लेकर भी चिंताएं हैं। सरकार इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाना चाहती है। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद के मानसून सत्र में कहा था, “ऑनलाइन मनी गेम्स से समाज में एक बड़ी समस्या पैदा हो रही है। इनसे नशा बढ़ रहा है, परिवारों की बचत खत्म हो रही है।
अनुमान है कि करीब 45 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं और मिडिल-क्लास परिवारों के 20,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।” उन्होंने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे गेमिंग डिसऑर्डर के रूप में मान्यता दी है।