मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के छोटे बेटे डॉ. अभिमन्यु और बहू डॉ. इशिता नर्मदा परिक्रमा पर निकले हैं। सोमवार 22 दिसंबर को ओंकारेश्वर से दोनों ने नर्मदा यात्रा की शुरुआत की है।
पिछले महीने 30 नवंबर को उज्जैन में सामूहिक विवाह सम्मेलन में अभिमन्यु खरगोन जिले की डॉ. इशिता के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे। शादी के 21 दिन बाद ही वे नर्मदा यात्रा पर निकले हैं।
नवविवाहित जोड़े अभिमन्यु और इशिता के साथ नर्मदा परिक्रमा पर उनकी बड़ी बहन डॉ. आकांक्षा यादव, जीजा जी और बडे़ भाई वैभव यादव- भाभी भी साथ में नर्मदा यात्रा कर रहे हैं।
15 दिन में होगी पूरी यात्रा
ओंकारेश्वर से शुरू हुई नर्मदा परिक्रमा करीब 15 दिनों में पूरी होगी। ओंकारेश्वर से महेश्वर, बड़वानी, राजपीपला गरुड़ेश्वर (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र), भरूच होते हुए नर्मदा सागर संगम (खंभात की खाड़ी) जाकर यह यात्रा पूरी होगी।
सवाल: नर्मदा परिक्रमा का विचार कैसे आया? किस तारीख को यात्रा शुरू की?
डॉ. अभिमन्यु: यात्रा पौष महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को जो कि अंग्रेजी महीने के 22 दिसंबर से शुरू की है। हम नर्मदा मैया से यह आस लेकर निकले हैं, वो अपने आशीर्वाद से इस परिक्रमा को पूर्ण कराएं।
सवाल: कितने दिनों की यात्रा होगी?
डॉ. अभिमन्यु: हमें लगता है कि लगभग 15 दिनों में यह परिक्रमा माई के आशीर्वाद से पूर्ण हो जाएगी। लेकिन, इस पवित्र परिक्रमा में निकलने के पहले हमने कोई मनोभाव नहीं बनाया कि कितने दिन में पूरी हो। यह धर्म की यात्रा है इसलिए बस श्रद्धा और परमात्मा के ऊपर सब छोड़ दिया है।
सवाल: शादी के महीने भर के भीतर ही नर्मदा परिक्रमा करने की बात कैसे सोची ?
डॉ. अभिमन्यु: मैं उज्जैन में पला बढ़ा जहां महाकाल हैं, मां क्षिप्रा हैं, उनके तटों पर सनातन धर्म को स्पर्श करने का मौका मिला, पारिवारिक संस्कार सदा मुझे और मेरे परिवार के अन्य सदस्यों को धर्म की से जोड़ते रहे हैं। मैं और मेरी धर्म पत्नी सदा ही व्यक्तिगत रूप से धार्मिक यात्रा के लिए जाना चाहते रहे हैं और धार्मिक स्थलों और तीर्थों से आशीर्वाद लेते रहे हैं। विवाह के बाद मां नर्मदा के तटों से बेहतर धर्म को स्पर्श करने की जगह कहां होगी।
मां नर्मदा कल्पों से सनातन धर्म के प्राणों को प्रवाह देतीं रहीं हैं, हमारे पूरे परिवार की श्रद्धा और आस्था माई पर है। यह परिक्रमा विचार नहीं बल्कि तीर्थों, माई के तटों पर आशीर्वाद प्राप्त करने की यह परिक्रमा है। भारत के राष्ट्रीय प्राण – सनातन धर्म में अपने आपको कुछ दिनों के लिए पूर्णतः समर्पित करने की यह परिक्रमा है।
सवाल: आमतौर पर यह परिक्रमा पैदल होती है और काफी समय लगता है? डॉ. अभिमन्यु: बिल्कुल सही बात है, मैं और मेरी धर्म पत्नी दोनों अभी भी पढ़ रहे हैं, और अगले महीने ही हम दोनों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसलिए पैदल यात्रा अभी संभव नहीं हो पाती। पर मन में जल्दी से जल्दी मां नर्मदा और उनके आसपास के तीर्थों के दर्शन की हार्दिक इच्छा थी। ऐसे में जो समय मिला, उसी में निकल पड़े हैं, माई के आशीर्वाद लेने का कोई भी मौका हम दोनों नहीं छोड़ना चाहते थे।
सवाल : आप डॉक्टर हैं, बड़े राजनीतिक परिवार से आते हैं, लेकिन धर्म, संस्कृति और परंपराओं से आपका जुड़ाव काफी मजबूत है। युवाओं को कोई संदेश देना चाहते हैं?
डॉ. अभिमन्यु:मैं युवा पीढ़ी, जिसका मैं भी एक अभिन्न अंग हूं, को कोई संदेश नहीं बल्कि अपने मन की बात साझा कर रहा हूं। राष्ट्र सेवा हम सब का सर्वोच्च धर्म है। सनातन संस्कृति और परंपराएं हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं, वहीं हम सबका भी प्राण हैं।
ऐसे में कोई पेशा या शिक्षा ऐसी नहीं हो सकती, जो आपको इनसे दूर रहना सिखाती हो। मैं डॉक्टर हूं, तो मरीजों की सेवा करूंगा। आप पत्रकार हैं, तो आप समाज को जागरूक करेंगे। ऐसे ही सब अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
पर इस भूमिका के साथ भारत की जड़ों में जो अध्यात्म और धर्म का प्रवाह है। उसे हम सब को प्रसाद के तौर पर लेने के लिए हमें अपने तीर्थों, धार्मिक यात्राओं – परिक्रमाओं में जाना चाहिए। आजकल के युवाओं में अपनी मातृभूमि, संस्कारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता देखकर अच्छा लगता है। यात्रा में कई युवा साथी मिलते हैं, तो खुशी होती है।
सीएम के बेटे की शादी में बाबा रामदेव ने पढ़े मंत्र
पिछले महीने 30 नवंबर को उज्जैन के सांवराखेड़ी में मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव के बेटे अभिमन्यु और डॉ. इशिता की शादी की रस्में सामूहिक सम्मेलन में संपन्न हुईं थीं। वरमाला के दौरान बाबा रामदेव ने मंत्र पढ़कर वरमाला की रस्म कराई थी।
सामूहिक विवाह समारोह में अभिमन्यु इशिता के साथ 22 जोड़ों ने फेरे लिए थे। सामूहिक सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मंत्री तुलसी सिलावट, कथावाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी सहित कई हस्तियां पहुंची थीं।