हिसार जिले के नारनौंद क्षेत्र के खुशी कॉलेज ऑफ नर्सिंग, कागसर में कथित अनियमितताओं और छात्राओं के उत्पीड़न का मामला अब प्रदेश के शीर्ष स्तर तक पहुंच गया है। पीड़ित छात्राओं ने पहले शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा और स्वास्थ्य मंत्री आरती राव से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। छात्राओं ने मांग की है कि पीजीआईएमएस रोहतक में उनका माइग्रेशन किया जाए।
छात्राओं ने आरोप लगाया है कि कॉलेज में पढ़ाई, नर्सिंग ड्यूटी, सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं को लेकर गंभीर खामियां हैं। उनके अनुसार, नर्सिंग कोर्स के लिए अस्पताल में नर्सिंग ड्यूटी अनिवार्य होने के बावजूद उन्हें आज तक यह सुविधा नहीं मिली। जब इस बारे में सवाल उठाया गया तो कॉलेज प्रबंधन ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
- 300 छात्राओं पर 2 अध्यापिकाएं : छात्राओं ने बताया कि लगभग 300 छात्राओं पर केवल दो अध्यापिकाएं हैं, जिससे उनकी पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। उन्होंने भोजन में कीड़े मिलने, बार-बार बिजली कटौती, मेडिकल सुविधा की कमी और महिला सुरक्षा के इंतजाम न होने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए।
- छात्राओं को धमकी दी जाती है : छात्राओं का कहना है कि आवाज उठाने वाली छात्राओं को निशाना बनाया जाता है। उन्हें एडमिशन रद्द करने, डिग्री रोकने और मूल दस्तावेज न देने की धमकियां दी जाती हैं। आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन द्वारा छात्राओं के परिजनों को भी उनके खिलाफ गलत जानकारी दी जाती है।
- मान्यता को लेकर गुमराह किया : छात्राओं ने यह भी दावा किया कि कॉलेज की मान्यता को लेकर उन्हें गुमराह किया गया है। उनका कहना है कि निरीक्षण के समय नियमों का पालन केवल दिखावे के तौर पर किया जाता है। निरीक्षण के दौरान इमारतों का अस्थायी रूप से उपयोग बदल दिया जाता है और छात्राओं पर अतिरिक्त दबाव डालकर काम करवाया जाता है।
- शिकायत करने पर ब्लैकमेल करते हैं : छात्राओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब उन्होंने चंडीगढ़ जाकर अपनी बात रखने की कोशिश की, तो कॉलेज प्रबंधन की ओर से उन्हें और उनके परिजनों को आत्महत्या जैसी धमकियां देकर भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया गया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने छात्राओं की बात गंभीरता से सुनी और उन्हें आश्वासन दिया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि दो दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और छात्राओं को परिणाम से अवगत करवाया जाए। छात्राओं ने उम्मीद जताई है कि सरकार की कार्रवाई से उन्हें न्याय मिलेगा और भविष्य में किसी अन्य छात्रा के साथ ऐसा अन्याय नहीं होगा।
बता दें कि इस मामले में छात्राओं द्वारा अपनी मांगों को लेकर हांसी चंडीगढ़ रोड को जाम किया था। उसके बाद महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने भी कॉलेज में पहुंचकर जांच की थी और जांच में कॉलेज में काफी अनियमितताएं पाई गई थी। इसके बाद उन्होंने कॉलेज मैनेजमेंट को फटकार लगाते हुए हिसार तलब किया था।
रेणु भाटिया ने कहा था- बाथरूम में नल नहीं, दरवाजों पर कुंडी तक नहीं
छात्राओं ने चेयरपर्सन रेनू भाटिया से कहा कि नर्सिंग कॉलेज का हॉस्टल में बुनियादी सुविधा तक नहीं है। यहां बाथरूम में न नल हैं, न दरवाजे पर कुंडी। उन्होंने कहा कि हॉस्टल की दीवारों पर रंग-रोगन का काम चल रहा है और वहीं से काम कर रहे लोगों को सीधे बाथरूम अंदर तक दिखाई दे रहा है। यह छात्राओं की गोपनीयता और सुरक्षा दोनों के साथ खिलवाड़ है।