दरभंगा में प्रभारी हेडमास्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गुरुवार को स्कूल से करीब 200 मीटर की दूरी पर वारदात हुई है। पहले से घात लगाए बदमाशों ने दो गोली मारी, जो सीने और पेट में लगी।
बुलेट लगने के बाद बचने के लिए टीचर ने जख्मी हालत में करीब आधा किमी बाइक चलाई, फिर गिर पड़े। इलाज के दौरान गुरुवार देर रात उनकी मौत हो गई।
मृतक की पहचान राजेश कुमार ठाकुर(35) के तौर पर हुई है। प्राइमरी स्कूल मधपुर टोला सोनपुर में पोस्टिंग थी। वो प्रभारी हेडमास्टर और BLO थे। घटना सकतपुर थाना क्षेत्र की है।
दरभंगा के स्कूल में गुरुवार को उनका आखिरी दिन था। राजेश ठाकुर का मधुबनी ट्रांसफर हो चुका था।
मृतक के भाई मुकेश कुमार ठाकुर ने कहा
स्कूल की एक महिला शिक्षिका से उनका प्रेम-प्रसंग चल रहा था। उसके पति ने जान से मारने की धमकी दी थी। कहता था इस लड़के को मार देंगे। हमलोगों को इसकी जानकारी नहीं थी। यह बात उनके दोस्तों से पता चली। इसी विवाद में मेरे भाई की हत्या की गई है।
गोली लगने के बाद भी बाइक चलाई
मृतक के दोस्त रामचंद्र महतो ने बताया, ‘शुक्रवार को सोनपुर स्कूल में उनका आखिरी दिन था। मधबुनी ट्रांसफर हो गया था। BLO का कार्य देखने के लिए स्कूल से निकले थे। करीब 200 मीटर की दूरी पर गंगौली वार्ड नंबर 6 स्थित चन्ना झा के पोखर के पास घात लगाए अपराधियों ने उन पर गोली चला दी।’
‘गोली सीने और पेट के आसपास लगने से वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद भी हिम्मत नहीं हारी। कुछ दूर तक बाइक चलाकर गए। फिर सड़क पर गिर पड़े और बेहोश हो गए।’
‘तुरंत उन्हें पंडौल स्थित निजी अस्पताल पहुंचाया। वहां से डॉक्टरों ने डीएमसीएच रेफर कर दिया। लेकिन परिजनों ने बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां देर रात मौत हो गई।’
जांच में जुटी पुलिस
मामले की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
ग्रामीणों का कहना है, एक ईमानदार शिक्षक की खुलेआम गोली मारकर हत्या प्रशासन और पुलिस के लिए चुनौती है। जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए।
शादी नहीं हुई थी
राजेश मधुबनी जिले के फुलपरास थाना क्षेत्र के सुगापट्टी गांव के रहने वाले थे। उन्होंने अभी तक शादी नहीं की थी। चार भाइयों में सबसे बड़े थे।
4 साल पहले BPSC शिक्षक के पद पर नियुक्त हुए थे। रोजाना करीब 35 किलोमीटर की दूरी बाइक से तय कर स्कूल आते-जाते थे।