राजनीति में धुर विरोधी आपस में कितने मिलनसार होते हैं, ऊपर की तस्वीर सटीक बैठती है। बिहार में पहले फेज की वोटिंग के लिए आज, मंगलवार को प्रचार का शोर थम गया। यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य और सपा मुखिया अखिलेश यादव बिहार में थे। दोनों का एक वीडियो सामने आया है, जो पटना एयरपोर्ट का है। अखिलेश और केशव एक साथ हंसते-मुस्कुराते हुए निकल रहे हैं। दोनों के बीच बातचीत भी हो रही है।
अखिलेश और केशव यूपी विधानसभा में हुई तकरार के बाद आज पहली बार मिले। दोनों नेता पटना से लखनऊ लौट रहे थे।
फिलहाल, सोशल मीडिया यूजर्स इस पर मजे ले रहे हैं। एडवोकेट अभिषेक गहरवार ने X पर लिखा- यूजर्स बोले- औरा तो है केशव जी का, अखिलेश भैया एंड कंपनी उनके पीछे घूमने में अपना बड़प्पन समझते हैं।
विधानसभा में योगी ने याद दिलाई थी मर्यादा
वैसे केशव और अखिलेश की राजनैतिक तकरार जगज़ाहिर है। दोनों नेता एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते हैं। दोनों ही OBC वर्ग से हैं। विपक्ष का नेता रहते अखिलेश और केशव में विधानसभा में कई बार वाक युद्ध हो चुका है।
बात 25 मई, 2025 की है। अखिलेश यादव ने विधानसभा में केशव मौर्य पर तंज कसते हुए कहा, जनता ने इन्हें हराकर इनकी गर्मी निकाल दी है। यह पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे हैं। लेकिन ये भूल गए कि उनके जिला मुख्यालय की सड़क किसने बनाई? बताएं, फोर लेन किसने बनाई?
यह बात केशव को बुरी लगी। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, आप भी 400 सीट का दावा कर रहे थे, आप खुद 100 सीट ही जीत पाए हैं। आपका अभी कोई भविष्य नहीं है, लेकिन आप कह रहे हैं कि सड़क किसने बनवाई, एक्सप्रेसवे किसने बनवाया, मेट्रो किसने बनवाई है, ऐसा लगता है कि सैफई बेचकर बनवाया है।
इस अखिलेश यादव भड़क गए। उन्होंने कहा, तुम अपने घर या पिताजी से पैसा लेकर आते हो बनाने के लिए? राशन बांटा तो क्या पिताजी के पैसे से बांटा? इसके बाद सदन में हंगामा हो गया। सीएम योगी अपनी सीट से खड़े हुए। उन्होंने सभी को मर्यादा में रहने की नसीहत दी।
क्यों केशव ही अखिलेश के निशाने पर सबसे ज्यादा?
डिप्टी सीएम केशव मौर्य समाजवादी पार्टी को हमेशा समाप्तवादी पार्टी कहते रहते हैं। अखिलेश भी तंज में उन्हें स्टूल मंत्री कहते हैं। हाल ही में केशव प्रसाद मौर्य के अयोध्या दीपोत्सव में नहीं जाने पर अखिलेश ने तंज कसा था कि जिन्हें जगह नहीं मिली अखबार में उनकी क्या हैसियत है सरकार में।
केशव प्रसाद मौर्य को लेकर अखिलेश अधिक हमलावर रहते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह दोनों के पिछड़े वर्ग से होने का है। पीडीए के फार्मूले पर अखिलेश यूपी की सत्ता में वापसी की प्लानिंग में हैं। इसी पीडीए के पी को केशव मौर्य भी है।