एक्ट्रेस हुमा कुरैशी ने हाल ही में पैपराजी कल्चर पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि इसका एक अच्छा और एक बुरा पहलू दोनों हैं।
हाल ही में इंडिया टुडे के साथ बातचीत में हुमा ने कहा, “मेरा पैपराजी से बहुत अच्छा रिश्ता है। मुझे लगता है, वे भी जरूरी हैं। सच कहूं तो हम खुद उन्हें बुलाते हैं, जब हमें अपनी फिल्म प्रमोट करनी होती है या अपनी पर्सनल लाइफ का कोई हिस्सा लोगों को दिखाना होता है।”
उन्होंने बताया कि जब किसी फिल्म का प्रमोशन करना होता है, तो स्टार्स खुद पैपराजी को प्रीमियर या किसी इवेंट में बुलाते हैं। हुमा ने कहा, “जब हम चाहते हैं कि हमें किसी जगह देखा जाए, तो हम उन्हें कॉल करते हैं। इसलिए सारा दोष उन्हीं पर नहीं डालना चाहिए।”
हुमा ने यह भी कहा, “कई बार जब मैं अच्छी नहीं लग रही होती, तो मैं उन्हें कहती हूं कि मेरी फोटो पोस्ट न करें और वे आमतौर पर मान भी लेते हैं।”
हुमा ने यह भी माना कि पैपराजी का एक नेगेटिव पहलू भी है। उन्होंने कहा, “कभी-कभी वे ऐसे सवाल पूछते हैं जो प्राइवेट जिंदगी में दखल देते हैं या ऐसे एंगल से फोटो लेते हैं जो ठीक नहीं होते। एक हद होती है जो लोगों को नहीं पार करनी चाहिए, लेकिन हम करते हैं। एक फीमेल एक्टर होने के नाते मैंने ये सब झेला है।”
हुमा ने यह भी बताया कि पहले वे ऐसी स्थितियों में चुप रहती थीं, लेकिन अब नहीं। उन्होंने कहा, “पहले मुझे डर लगता था कि मेरे जवाब ट्रेंड बन जाएंगे। अब मैं गलत व्यवहार पर सीधे बोलती हूं गलत मत करो और किसी को करने मत दो।”
जया ने पैपराजी की आलोचना की थी
हाल ही में एक्ट्रेस जया बच्चन ने पत्रकार बरखा दत्त से बातचीत में पैपराजी की आलोचना करते हुए कहा था कि उनका पैपराजी से कोई रिश्ता नहीं है।
इंटरव्यू में जब जया से पूछा गया कि आपका मीडिया से कैसा रिश्ता है, तो इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “मेरा मीडिया के साथ रिश्ता बहुत अच्छा है। यह सच है कि मैं खुद मीडिया की ही देन हूं, लेकिन मेरा पैपराजी से कोई रिश्ता नहीं है, वह जीरो है। ये लोग कौन हैं? क्या ये इस देश के लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं? आप इन्हें मीडिया कहते हैं?”
जया बच्चन ने आगे कहा, “मैं तो खुद मीडिया से हूं। मेरे पिताजी पत्रकार थे। मुझे असली पत्रकारों के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन जो लोग बाहर कैमरा लेकर घूमते हैं, गंदे, तंग कपड़े पहनकर, मोबाइल फोन हाथ में लेकर किसी की भी तस्वीर खींच लेते हैं, वे मीडिया नहीं हैं। उन्हें लगता है कि मोबाइल फोन होने से वे कुछ भी बोल सकते हैं। ये लोग हैं कौन? इनकी पढ़ाई क्या है, बैकग्राउंड क्या है?”