उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी सांसदों के क्रॉस वोटिंग मामले में विवाद शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और TMC सांसद ने कहा कि मुझे पता चला कि भाजपा ने विपक्ष के हर सांसद को खरीदने के लिए 15-20 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
वहीं, भाजपा ने कहा कि क्रॉस वोटिंग विपक्षी गठबंधन में आंतरिक मतभेद और फूट को दिखाता है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तंज कसते हुए कहा, I.N.D.I.A. गठबंधन के कुछ सांसदों को धन्यवाद, जिन्होंने ‘अंतरात्मा की आवाज’ पर NDA कैंडिडेट सीपी राधाकृष्णन को वोट दिया।
मंगलवार को हुए मतदान में 788 में से 767 (98.2%) सांसदों ने वोट डाला। राधाकृष्णन को 452 वोट और सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। 15 वोट अमान्य करार दिए गए। NDA उम्मीदवार राधाकृष्णन ने I.N.D.I.A. कैंडिडेट सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया।
चुनाव में कम से कम 14 विपक्षी सांसदों के NDA के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की अटकलें हैं। दरअसल, NDA के पास 427 सांसद थे। वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों ने राधाकृष्णन को समर्थन दिया था। इन्हें जोड़कर 438 वोट ही बनते हैं। लेकिन राधाकृष्णन को 14 ज्यादा यानी 452 वोट मिले हैं।
BJP ने कहा- 15 सांसदों ने NDA कैंडिडेट को वोट दिया
दरअसल, भाजपा का दावा है कि विपक्षी दलों की तरफ से 15 क्रॉस वोटिंग भी हुई है और कुछ विपक्षी सांसदों ने जानबूझकर अमान्य वोट डाले। वोटिंग के बाद विपक्ष ने अपने सभी 315 सांसद एकजुट होने का दावा किया। हालांकि, नतीजों में ऐसा नहीं दिखा।
क्रॉस वोटिंग पर किसने क्या कहा….
मनीष तिवारी (कांग्रेस): अगर चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई है तो इंडिया गठबंधन के हर दल को गंभीरता से जांच करनी चाहिए। यह बेहद गंभीर मामला है। अगर इसमें जरा भी सच्चाई है तो व्यवस्थित और निष्पक्ष जांच जरूरी है।
तेजस्वी यादव (RJD): हमारी ओर से कोई क्रॉस-वोटिंग नहीं हुई। RJD के 9 सांसदों ने इंडिया गठबंधन को वोट दिया। जो हुआ या नहीं हुआ, उसे संसद में नेता देखेंगे।
सुप्रिया सुले (NCP): अगर मतदान गुप्त था, तो भाजपा को कैसे पता कि किसने किसे वोट दिया।
अरविंद सावंत शिवसेना (उद्धव गुट): जिन सांसदों ने वोट अमान्य किए, क्या वे पढ़े-लिखे हैं या मूर्ख? क्या उन्होंने अपनी अंतरात्मा से वोट दिया या उनके वोट खरीदे गए? भाजपा ने विश्वासघात के बीज बोए हैं। सभी एजेंसियां भाजपा की गुलाम हैं। उन्होंने इन एजेंसियों के दम पर ब्लैकमेल किया होगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान होता है
उपराष्ट्रपति चुनाव में पार्टी व्हिप लागू नहीं होता और वोटिंग गुप्त मतपत्र से होती है। कोई नहीं जानता कि किसने किसे वोट दिया। हालांकि, सांसद पार्टी लाइन और गठबंधन के अनुसार ही वोट करते हैं। इसी वजह से विपक्ष के भीतर क्रॉस वोटिंग की आशंका बिहार और तमिलनाडु चुनाव से पहले चिंता का विषय बनी हुई है।