जेद्दा से कोझिकोड जा रही एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट की गुरुवार को कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। प्लेन में 160 यात्री सवार थे।
कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (CIAL) ने एक बयान में कहा कि फ्लाइट IX 398 को राइट मेन लैंडिंग गियर और टायर फेल होने के कारण कोच्चि डायवर्ट किया गया था।
फ्लाइट को सुबह 9.07 बजे पूरी इमरजेंसी के साथ लैंड करवाया गया। CIAL के प्रवक्ता ने बयान में कहा, “सभी इमरजेंसी सेवाओं को पहले ही एक्टिवेट कर दिया गया था।
यात्रियों या क्रू मेंबर्स में किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है। लैंडिंग के बाद जांच में पुष्टि हुई कि दोनों दाहिने तरफ के टायर फट गए थे।
एयरलाइन प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सिर्फ टायर फटे थे और लैंडिंग गियर में कोई दिक्कत नहीं थी। यह इमरजेंसी लैंडिंग नहीं बल्कि कोच्चि में की गई एहतियाती लैंडिंग थी क्योंकि करिपुर एक टेबल टॉप एयरपोर्ट है।
करिपुर (कोझिकोड) एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराना जोखिम भरा माना जाता है। इसके पीछे 5 वजह हैं।
- रनवे ऊंचे पठार पर बना है और उसके दोनों सिरों पर गहरी ढलान (खाई) है।
- रनवे की लंबाई सीमित है। इमरजेंसी में विमान को रोकने के लिए ज्यादा दूरी चाहिए होती है।
- ओवर-शूट की स्थिति में विमान सीधे ढलान में जा सकता है, जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है।
- तेज बारिश, हवा और विजिबिलिटी यहां अक्सर चुनौती बनती है, जो इमरजेंसी में और जोखिम बढ़ाती है।
- सुरक्षा मार्जिन कम होता है, इसलिए पायलट आमतौर पर नजदीकी बड़े एयरपोर्ट (जैसे कन्नूर या कोचीन) को प्राथमिकता देते हैं।
पैसेंजर्स की आगे की यात्रा के लिए व्यवस्था की जा रही
सभी यात्रियों को एयरपोर्ट लाउंज में ठहराया गया है और उनकी आगे की यात्रा के लिए व्यवस्था की जा रही है। फ्लाइट में देरी या रद्द होने की स्थिति में, एयरलाइन ने आश्वासन दिया है कि यात्रियों को सड़क मार्ग से कोझिकोड ले जाया जाएगा, जो कोच्चि से लगभग सात घंटे की ड्राइव पर है।