औरंगाबाद में एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए खेत में लगी धान की फसल को अधिकारियों की मौजूदगी में ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया गया। जिससे किसानों में रोष है। मामला नवीनगर प्रखंड के पांडेय कर्मा गांव का है। पीएनसी कंपनी सड़क निर्माण का काम करा रही है।
किसान अनिरुद्ध पांडेय ने बताया कि अधिकांश लोगों को जमीन के बदले कोई मुआवजा राशि नहीं मिली है। यहां के अधिकारी पीएनसी कंपनी के साथ सांठ-गांठ कर लोगों को परेशान कर रहे हैं। पांडे कर्मा और इगुनी डिहबार गांव में बंदूक के जोर पर फसलों को ट्रैक्टर से रौंद दिया गया। अभी किसी किसान को मुआवजा राशि नहीं दी गई है। इसके बावजूद फसलों को बर्बाद कर दिया गया।
पता नहीं कब मुआवजा मिलेगा
किसान अनिरुद्ध पांडेय ने आगे कहा कि मुआवजा कब तक मिलेगा, इसका कोई अता पता नहीं है। हम खेती नहीं करेंगे तो क्या खाएंगे। प्रशासनिक अधिकारी कंपनी के दलाल के तौर पर काम कर रहे हैं।
एक तरफ प्रभावित किसान सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहते हैं कि बिना मुआवजा दिए आप जमीन नहीं ले सकते हैं। वहीं मौके पर मौजूद अधिकारी ऊपर से मिले आदेश का हवाला देते हुए काम कर रहे हैं।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान यूनियन के जिला संयोजक वशिष्ठ प्रसाद सिंह ने उग्र आंदोलन की बात कही है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से किसान उचित मुआवजा को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसके बाद भी सरकार कुछ नहीं कर रही है। जबरन हमारी जमीन को हड़पना चाहती है। कैमूर और रोहतास के किसानों का मुआवजा दोगुना कर दिया गया। लेकिन औरंगाबाद में उन्हें मुफ्त में जमीन चाहिए। अगर यही रवैया रहा तो जल्द ही जिले भर के प्रभावित किसान चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।
पहले ही नोटिस भेजा गया था
वहीं, सीओ निकहत परवीन का कहना है कि पूर्व में ही किसानों को नोटिस भेजा गया था। एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित किए जाने वाली भूमि में फसल न लगाने की अपील की गई थी। लेकिन किसान नहीं माने। अधिग्रहित की गई जमीन में फसल लगा दिया।