कर्नल सोनाराम चौधरी का आज होगा अंतिम संस्कार:पार्थिव देह पहुंची पैतृक गांव मोहनगढ़, मंत्री केके विश्नोई समेत कई नेता व लोग देंगे श्रद्धांजलि

बाड़मेर-जैसलमेर के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता कर्नल सोनाराम चौधरी का शव गुरुवार रात जैसलमेर जिले में स्थित मोहनगढ़ कस्बे में लाया गया। उनके पैतृक निवास पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। शुक्रवार सुबह 11 बजे मोहनगढ़ कस्बे में उनका अंतिम संस्कार होगा।

उनकी शवयात्रा में शामिल होने व श्रद्धांजलि देने के लिए मंत्री केके विश्नोई समेत कई नेता, जनप्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक मोहनगढ़ पहुंचे। गौरतलब है कि कर्नल सोनाराम चौधरी का बुधवार रात को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। गुरुवार को सड़क मार्ग से शव को बाड़मेर से जैसलमेर स्थित मोहनगढ़ कस्बे लाया गया। कर्नल के परिवार में उनकी पत्नी विमला चौधरी और एक पुत्र डॉ रमन चौधरी हैं।

दिल्ली में बुधवार को हुआ निधन

कर्नल सोनाराम चौधरी दिल्ली में एक मीटिंग में शामिल होने गए थे। बुधवार रात उनके सीने में दर्द होने पर पास ही स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उनका ऑपरेशन हुआ। इसके बाद उन्होंने खुद को स्वस्थ्य बताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट भी की ​थी। ऑपरेशन के बाद कर्नल सोनाराम ने बेटे डॉ. रमन चौधरी से बात की। बुधवार रात करीब 11.15 बजे उनका निधन हो गया। बाड़मेर-जैसलमेर के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल भी हॉस्पिटल पहुंचे थे।

गुरुवार दोपहर पार्थिव देह पहुंची बाड़मेर

गुरुवार को दोपहर 2.30 बजे कर्नल सोनाराम चौधरी की पार्थिव देह उत्तरलाई एयरबेस पहुंची। वहां से अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह उनके बाड़मेर निवास पर लेकर गए। यहां बाड़मेर निवास पर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, बायतु विधायक हरीश चौधरी, विधायक आदूराम मेघवाल, शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी, पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी समेत कांग्रेस, बीजेपी के कई नेता अंतिम दर्शन करने पहुंचे। गुरुवार शाम को सड़क मार्ग से उनके पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव मोहनगढ़ लाया गया। जहां कई जनप्रतिनिधि उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। शुक्रवार सुबह 11 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

ये कर्नल सोनाराम चौधरी की उपलब्धियां

पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी को राष्ट्रपति से विश्व सेवा पदक, सेनाध्यक्ष चीफ की प्रशस्ति और चीफ ऑफ एयर स्टाफ से प्रशस्ति मिली थी। 20 सालों से ज्यादा समय तक स्कूली शिक्षा और इंजीनियरिंग में स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान शिक्षा और खेल में उत्कृष्ट कॅरियर था। इसके बाद, सशस्त्र बलों में 28 सालों तक राष्ट्रीय सुरक्षा और एकीकरण के लिए उत्कृष्ट सेवा की। 1994 में सशस्त्र बलों से स्वैच्छिक सेवानिवृति के बाद 1996 में पहली बार सांसद बने। इसके बाद 98 व 99 में सांसद चुनाव जीते।

सेना से हुए रिटायर, फिर राजनीति की पारी की शुरुआत

कर्नल सोनाराम चौधरी 4 बार सांसद और 1 बार बायतु विधायक रह चुके हैं। कर्नल के परिवार में उनकी पत्नी विमला चौधरी और एक पुत्र डॉ रमन चौधरी हैं। कर्नल सोनाराम चौधरी ने जोधपुर से बीई, फैलो (एफआईई) में ग्रेजुएशन की थी। इसके बाद वे 1966 में वे भारतीय सेना में शामिल हुए। उन्होंने पूर्वी मोर्चे पर 1971 के युद्ध में भी योगदान दिया था। उन्होंने 1994 में वीआरएस लिया और राजनीति में शामिल हो गए।

1996, 1998, 1999 और 2014 में बाड़मेर-जैसलमेर सांसद रहे। 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी और भाजपा उम्मीद के तौर पर सांसद बने थे। 2004 में वे मानवेंद्रसिंह जसोल के सामने चुनाव हारे थे। बाड़मेर के बायतु विधानसभा क्षेत्र से 1 बार विधायक भी रहे थे।

2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस टिकट से गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और केके विश्नोई के सामने चुनाव हार गए। 14 अगस्त 2014 से प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। 1 सितंबर 2014 से रक्षा संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे। 3 सितंबर 2014 से परामर्शदात्री समिति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सदस्य रहे। 3 दिसंबर 2014 से लोकसभा सदस्यों के साथ सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रतिमान का उल्लंघन और अपमानपूर्ण व्यवहार संबंधी समिति के सदस्य रहे।

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