गायों को ट्रेन से बचाने में गई नाबालिग की जान:पटरियों पर से हटाते समय आया चपेट में, 3 भाई बहन में सबसे छोटा था

जैसलमेर के लाठी थाना इलाके के धोलिया गांव के पास गुरुवार को हुए एक दर्दनाक हादसे में 16 साल के पीयूष की जान चली गई। दरअसल, ट्रेन की पटरियों पर गायों को हटा रहे पियूष को ट्रेन ने चपेट में ले लिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

हादसे के बाद परिवार सहित धोलिया गांव में शोक की लहर छा गई। लाठी थाना प्रभारी राजेंद्र खदाव ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द किया। उन्होंने बताया कि लाठी थाना पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है।

गायों को बचाने के चक्कर में आया ट्रेन की चपेट में

मिली जानकारी के अनुसार धोलिया गांव निवासी पीयूष विश्नोई (16) पुत्र भोलाराम विश्नोई गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे गांव के पास स्थित जंगल में गायों को चराने के लिए जा रहा था। इस दौरान बीच रास्ते में रेलवे ट्रैक पर जैसे ही गाय ट्रैक पर चढ़ी। इस दौरान लालगढ़-जैसलमेर एक्सप्रेस ट्रेन पोकरण से जैसलमेर आती दिखाई दी।

पीयूष ने ट्रेन की चपेट से गायों को बचाने के लिए हड़बड़ाहट में रेलवे ट्रैक की ओर दौड़ा। इस दौरान रेल पटरी पर पैर फिसलते ही पीयूष नीचे गिर पड़ा। पीयूष वापस खड़ा हो पाता इससे पहले ट्रेन के पहिए पीयूष के शरीर के टुकड़े कर निकल चुके थे। इस दर्दनाक हादसे में पीयूष की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

आधा घंटे तक खड़ी रही ट्रेन

हादसे के दौरान ट्रेन चालक द्वारा ट्रेन को घटनास्थल पर रोककर रेलवे विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। इस दौरान करीब आधा घंटे तक ट्रेन बीच रास्ते में खड़ी रही। उसके बाद मृतक के शव को उसी ट्रेन से लाठी रेलवे स्टेशन पर लाया गया। जहां सूचना पर रेलवे विभाग के अधिकारी व लाठी थानाधिकारी राजेन्द्र खदाव, ASI किशनसिंह भाटी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेने के बाद लाठी हॉस्पिटल लाया गया। जहां मृतक पीयूष के परिजन हॉस्पिटल पहुंचे। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया और हादसे की जांच शुरू की।

10वीं का स्टूडेंट था पीयूष

मिली जानकारी के अनुसार पीयूष विश्नोई (16) पुत्र भोलाराम विश्नोई 10वीं क्लास का स्टूडेंट था। उसके माता-पिता किसान है। उसके परिवार में 3 भाई बहन है। जिनमें पीयूष सबसे छोटा था। पीयूष की हादसे में मौत के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है।

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