गुरुग्राम में हर महीने करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद नगर निगम और सिविक एजेंसियां कूड़े से निपटने में नाकाम साबित हो रही हैं। यहां की सफाई की स्थिति इतनी खराब है कि एक फ्रांसीसी महिला ने गुरुग्राम को “सुअरों का घर” तक कह दिया।
ऐसे हालात में MNC में लाखों रुपए महीने के पैकेज पर काम करने वाले विदेशी लोग खुद सफाई करने सड़कों पर उतर आए हैं।
करीब 20 विदेशी लोगों के समूह ने कुछ ही मिनटों में द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशन के आसपास का क्षेत्र साफ कर दिया, जहां पहले गंदगी और नाले कचरे से भरे थे। इस अभियान में सर्बिया से नजार, फ्रांस की मटिंदा और अन्य देशों के नागरिक शामिल हुए।
नाला भी साफ कर दिया
इन्होंने न केवल सड़कों से कचरा उठाया, बल्कि नालियों में जमा कूड़े को भी निकाला। एमएनसी में कार्यरत अमन वर्मा ने बताया कि हमने 15 दिन पहले ही इस ग्रुप का गठन किया है। हमारा मकसद गुरुग्राम को साफ-सुथरा बनाना है। यह शहर हमारा घर है, और इसे स्वच्छ रखना हमारी जिम्मेदारी है।
यह मलबा अच्छा नहीं
अभियान में शामिल फ्रांस की मटिंदा ने कहा कि गुरुग्राम एक खूबसूरत शहर है, लेकिन गंदगी इसकी सुंदरता को कम कर देती है। मेरा गुरुग्राम, मेरा इंडिया बहुत सुंदर है। यह मलबा अच्छा नहीं लगता। मेरा मानना है कि मेरा मलबा, मेरी जिम्मेदारी है। सभी नागरिकों को इस दिशा में आगे आना चाहिए। मटिंदा ने नाले से कचरा निकालने में भी सक्रिय भागीदारी दिखाई और उनके इस प्रयास को स्थानीय लोगों ने सराहा।
दो मीटर तक सफाई करें लोग
सर्बिया के नजार ने गुरुग्राम को अमेजिंग प्लेस बताते हुए एक व्यावहारिक सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अगर हर व्यक्ति अपने घर और दुकान के सामने दो मीटर की जगह को साफ रखे, तो गुरुग्राम जल्द ही स्वच्छ और सुंदर बन सकता है।
नजार और उनके साथियों ने सुबह से दोपहर तक सड़कों पर झाड़ू लगाई और कचरे को एकत्रित कर नालियों को साफ किया। नजार का पिछले सप्ताह अपने घर के आसपास सफाई करते हुए का एक वीडियो भी वायरल हो चुका है।