गोरखपुर में 600 ट्रेनी महिला सिपाही रोते-चिल्लाते बाहर आईं:एक बोली- ट्रेनिंग सेंटर के बाथरूम में कैमरे लगे, हमारे वीडियो बने

गोरखपुर में ट्रेनी महिला सिपाहियों ने बुधवार सुबह 8 बजे हंगामा कर दिया। करीब 600 महिला सिपाही रोती- चिल्लाती ट्रेनिंग सेंटर से बाहर आ गईं। महिला सिपाहियों ने ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। एक ट्रेनी महिला सिपाही ने कहा- ट्रेनिंग सेंटर के बाथरूम में कैमरे लगे हैं। हमारे वीडियो बन गए। क्या उनको वापस किया जाएगा? अब क्या होगा? कल कुछ अफसर आए थे, वह सुनाकर चले गए।

महिला सिपाहियों ने यह भी कहा कि ट्रेनिंग सेंटर में 360 लड़कियों के रहने का इंतजाम है। लेकिन 600 रह रहीं हैं। हंगामे की सूचना पर पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के ट्रेनर और पुलिस के सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंचे। वह महिला सिपाहियों को समझा रहे हैं।

दरअसल, गोरखपुर के बिछिया स्थित पीएसी कैंपस में महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग करवाई जा रही है। यह सोमवार यानी 21 जुलाई से शुरू हुई। दो दिन बाद ही महिला सिपाही ट्रेनिंग सेंटर में सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर भड़क गईं।

महिला सिपाहियों ने क्या कहा सुनिए… लखनऊ से ट्रेनिंग करने आई महिला सिपाही लक्ष्मी सिंह ने कहा- पूरी रात बिजली नहीं थी। यहां पर जनरेटर की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में रात सभी लड़कियों को जागकर बितानी पड़ी। सुबह उठने पर वॉशरूम में पानी नहीं आता है। दिन भर में पीने को केवल आधा लीटर पानी मिलता है। बहुत ही कम क्षमता वाला RO लगा है। खाने का भी इंतजाम अच्छा नहीं है। हमारी मांग है- जब तक समस्या का हल नहीं हो जाता, तब तक वे ट्रेनिंग नहीं करेंगी।

बाराबंकी से आई महिला सिपाही जया ने कहा- बाथरूम की परेशानी है। बाथरूम के बाहर गैलरी में कैमरा लगा है। बाथरूम आते जाते कैमरे में सब कैद हो रहा है। एक अन्य ट्रेनी महिला सिपाही ने रोते हुए कहा- ट्रेनिंग सेंटर के बाथरूम में कैमरे लगे हैं। हमारे वीडियो बन गए। क्या उनको वापस किया जाएगा? अब क्या होगा?

मामले की सूचना पर पीएसी कमाडेंट आनंद कुमार और सीओ दीपांशी राठौड़ मौके पर पहुंची। इसके बाद सभी महिला सिपाही सेंटर के अंदर गई।

अविवाहित लड़कियों के प्रेग्नेंसी टेस्ट के आदेश के बाद हुआ बवाल गोरखपुर पीटीएस में महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग सोमवार से शुरू हो गई। उससे पहले उनका हेल्थ चेकअप होना था। इसी बीच, डीआईजी रोहन पी ने हेल्थ चेकअप के दौरान प्रेग्नेंसी जांच कराने का भी निर्देश जारी कर दिया। इसके लिए CMO को पत्र लिख मेडिकल टीम बुलाई गई।

सूत्रों ने बताया कि इस आदेश के बाद ही महिला सिपाही नाराज हो गईं थीं। डीआईजी के इस आदेश के बाद हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी होते ही आईजी ट्रेनिंग चंद्र प्रकाश ने डीआईजी का आदेश निरस्त कर दिया। उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि किसी महिला सिपाही की प्रेग्नेंसी जांच नहीं कराई जाएगी। यदि कोई महिला प्रेग्नेंट है तो वह स्वयं शपथ पत्र देकर बाद के बैच में जा सकती।

दरअसल, पुलिस ट्रेनिंग के दौरान नियम है कि शादीशुदा महिला सिपाहियों की प्रेग्नेंसी जांच की जाती है। जबकि अनमैरिड लड़कियों को एक शपथ पत्र देना होता है कि वे प्रेग्नेंट नहीं हैं। जो प्रेग्नेंट होती हैं तो उन्हें ट्रेनिंग से अलग कर दिया जाता है। यानी, बाद के बैच में शिफ्ट कर दिया जाता है।

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