घर से 2KM दूर किडनैप किया, 5 करोड़ मांगे:12 घंटे कार में बैठाकर दौड़ाते रहे; गोरखपुर के एयरफोर्स कर्मी के अपहरण की कहानी

समय : 5.30 बजे (सुबह)

जगह : कौवाबाग अंडरपास (गोरखपुर)

रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी अशोक जायसवाल साइकिल पर रेलवे स्टेडियम की तरफ बढ़ रहे थे। तभी उनको किडनैप कर लिया गया। घरवालों से 5 करोड़ की रंगदारी मांगी गई। लेकिन, पुलिस ने किडनैपर्स को गिरफ्तार कर अशोक को छुड़ा लिया।

अशोक जायसवाल कहते हैं- मैं 2001 में रिटायर हुआ था। खुद को फिट रखने के लिए डेली एक्सरसाइज करनी शुरू की। 25 जुलाई की सुबह मुझे कुछ अजीब-सा महसूस हो रहा था। मेरे कदम घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। एक बार तो सोचा- आज रहने ही देता हूं।

फिर मूड बनाया और सुबह करीब 5.30 बजे साइकिल से स्टेडियम के लिए निकला। 2 किमी दूर कौवाबाग अंडरपास के नीचे पहुंचा। वहां एक कार पहले से खड़ी थी। मैंने देखा कि उसके करीब 3-4 लोग खड़े थे। जैसे ही मैं कार के करीब पहुंचा, उन लोगों ने मुझे रोक लिया, एक ही झटके में मुझे कार के अंदर धकेल दिया। मैं चिल्ला रहा था, मगर कोई सुनने वाला नहीं था।

मुझे अंदाजा नहीं था कि ऐसा कुछ होगा। किसी का चेहरा देख पाता, तब तक एक युवक ने मेरा सिर पकड़कर आंखों पर काली पट्‌टी बांध दी। मैं उनसे पूछता रहा, कौन हो तुम लोग? मुझे पकड़कर क्या होगा? कोई गलतफहमी हुई है?

वो लोग कोई जवाब नहीं देते थे, सिर्फ मुझे गालियां दे रहे थे। समझिए, मेरा दिमाग कुछ समय के लिए शून्य में चला गया। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मुझे कुछ दिख नहीं रहा था। गर्दन पर कुछ चुभ रहा था। समझ गया कि ये पिस्टल या तमंचे की नाल है। वो व्यक्ति मेरे कान में फुसफुसा रहा था- चिल्लाओगे… तो शर्तिया गोली मार देंगे और लाश हाईवे पर फेंक देंगे।

गोरखपुर पुलिस लाइन में यह सब बताते हुए डॉ. अशोक जायसवाल थोड़ा रुकते हैं। खुद को संभालते हुए आगे कहते हैं- मैं कुछ भी देख नहीं पा रहा था। हां…सुनाई जरूर दे रहा था। बार-बार किसी दलाल का नाम ले रहे थे। एक बदमाश करुणेश का नाम लेकर कहता है कि देख कोई पीछा तो नहीं कर रहा।

तभी अचानक एक बदमाश मेरे ऊपर थप्पड़ बरसाने लगा। थोड़ी देर तो मैं सांस भी नहीं ले पाया। तभी एक बदमाश ने बोला- छोड़ दे करुणेश, वरना ये मर जाएगा। करुणेश बोला- जैसा मैं बोलता हूं वैसा कर, तो तुझे छोड़ दूंगा।

5 करोड़ रुपए से फिरौती की शुरुआत हुई

करुणेश ने मुझसे बोला- मुझे पता चला है कि तुम 8 करोड़ रुपए घर में रखे हो। अपनी पत्नी से 5 करोड़ मांगो। बोल दो कि पहले का बकाया लेन-देन है। मैंने जवाब दिया- घर पर ले चलो, तो मैं खुद ही तुम्हें पैसे निकाल कर दे दूंगा। मेरी पत्नी बहुत कुछ नहीं जानती।

इस पर वह नाराज होकर बोला- तुम्हारी पत्नी डॉक्टर है, वही सारे पैसे रखती है। इसलिए जल्दी पैसे भेजने के लिए कहो। ये कहते हुए उस बदमाश ने पिस्टल की नाल को मेरे सिर पर गड़ा दिया।

मैं बहुत डरा हुआ था। उन बदमाशों को अपनी पत्नी का नंबर बताया। इस बीच एक बदमाश की आवाज सुनाई कि 10 बजे हैं। अब इसके घरवाले इसको ढूंढ रहे होंगे। हमें फोन करना चाहिए।

मेरी पत्नी ने मुझे बाद में बताया कि वॉट्सऐप कॉल 10 बजे ही आया था। उस वक्त कार में बैठा मैं कहां था, मुझे कुछ अंदाजा नहीं। उन्होंने मेरी बात भी पत्नी से करवाई। मैंने कहा कि अलमारी में जितने पैसे हैं, सब इकट्‌ठा कर लो। मैं जहां कहूंगा, वहां भेज देना। तब मेरी पत्नी ने कहा कि मैं जा रही हूं। घर आकर आप ही निकाल लिजिए। इस पर करुणेश बोला- तुम्हारे पति मेरे पास हैं। इनसे पुराना लेन-देन है। जल्दी से पैसे भेजो, तभी इनको छोड़ा जाएगा। इतना कहकर उसने फोन काट दिया था।

कुछ खाने को भी नहीं दिया, कार में घुमाते रहे

अशोक आगे कहते हैं- मुझे कार में बैठाने के बाद से बदमाशों ने गाड़ी कहीं भी रोकी नहीं। वो लोग लगातार कार चला ही रहे थे। कई घंटे बाद एक जगह गाड़ी रोकी गई। बातचीत सुनते हुए मुझे पता चल गया कि ये पेट्रोल पंप है।

पेट्रोल पंपकर्मी ने 1 हजार रुपए मांगे थे। इसके बाद कार आगे जाकर फिर कहीं रुक गई। बदमाश कहने लगे- अब इसे दूसरी कार में बैठा दो। तब मुझे पता चला। इनके साथ एक कार और चल रही है। मुझे एक गाड़ी से उतारकर दूसरी में बैठाया गया। इस दौरान कई लोगों की आवाज सुनने को मिलीं। मुझे बैठाने के बाद कार फिर से दौड़ने लगी। मेरी तो समझ में ही नहीं आ रहा था…अब क्या करूं?

26 बार पत्नी के पास की कॉल, लेकिन रुपए नहीं मिले

कार सड़क पर दौड़ रही थी। इधर बदमाश मेरी पत्नी को लगातार कॉल कर रहे थे। घर लौटने के बाद सामने आया कि उन्होंने इस दौरान 26 बार मेरे घर के नंबर पर कॉल किया था। लेकिन, उन्हें फिरौती के रुपए नहीं मिल पा रहे थे।

बाद में बदमाश कहने लगे कि ऐसा करो तुम सिर्फ 1 करोड़ रुपए ही मंगा लो, तुमको छोड़ दिया जाएगा। मेरी पत्नी से आखिरी बार शाम को बात हुई। तब नौसड़ के पास एकला बंधे पर पैसा पहुंचाने की बात हुई।

इन लोगों की बातचीत से इतना अंदाजा लगा कि शाम हो गई है, कोई 6 या 7 बजे होंगे। मेरी आंख पर अभी भी पट्‌टी बंधी थी। तभी तेज आवाज आने लगी। कुछ बदमाश भागने भी लगे। कोई मेरे पास आया और आंख से पट्‌टी हटाई। आंख खुली तो मेरे सामने पुलिस फोर्स थी। पुलिस की टीम ने एक बदमाश को पकड़ रखा था।

दूसरों को पुलिस टीम दौड़ा रही थी। पुलिस को देखकर मैंने राहत की सांस ली। वर्ना मुझे यही लग रहा था, कभी भी बदमाश मुझे मारकर फेक देंगे।

बदमाशों के चंगुल में डरा हुआ था, रोया भी था। जब पुलिस मुझे परिवार के पास ले गई, तब मैं अपने आंसुओं को रोक नहीं पाया। परिवार से मिलकर खूब रोया। इतना कहूंगा कि पुलिस की वजह से ही मुझे नया जीवन मिल पाया है। मुझे याद नहीं, मैं कब आखिरी बार रोया था। मैंने कब इतनी बुरी तरह डरा हुआ महसूस किया था। सरलता से जीवन जीया, कभी किसी को आंख नहीं दिखाई। सिर झुकाकर आगे बढ़ता गया।

लेकिन, इन 12 घंटों में मैं रोया भी, डर का एहसास क्या होता है, यह भी महसूस किया। एक समय जब ये लगा- मौत तो अब तय है, परिवार से बिछड़ना तय है। इसके बाद भी मेरे अंदर गिड़गिड़ाने का विचार नहीं आया। उनसे लड़ने के लिए हिम्मत जरूर जुटाता रहा था।

अब महिला डॉक्टर के पति की फैमिली को जानिए

पिता और भाई का भी हो चुका है अपहरण

परिवार से बात करने के बाद सामने आया कि अशोक जायसवाल 4 भाई थे। बड़े भाई की मौत हो चुकी है। एक भाई निचलौल में और दूसरा बेंगलुरु में रहता है। पिता बड़ेलाल प्रसाद का 1995 में बिहार के बेतिया में अपहरण हो गया था। वह वहीं पर व्यापारी थे। इसके पहले 1985 में बड़े भाई मुरारी प्रसाद का भी बेतिया से ही अपहरण हुआ ​था। अशोक 1995 में गोरखपुर एयरफोर्स में आए थे। 2002 में वह पादरी बाजार में मकान लेकर रहने लगे।

अमेरिका में रहती है बेटी

अशोक की 2 बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी अपूर्वा जायसवाल अमेरिका में आईटी कंपनी में नौकरी करती हैं। बेटा आयुष लखनऊ में पढ़ाई करता है। छोटी बेटी देव​रिया के एक निजी अस्पताल में डॉक्टर हैं। पत्नी डॉ. सुषमा जायसवाल बस्ती के हरैया में 100 बेड अस्पताल की प्रभारी हैं। वह 2023 से बस्ती में तैनात हैं। इसके पहले वह सीएचसी पिपराइच में तैनात थीं।

अपहरण करने वाले बदमाशों ने अशोक से परिवार के बारे में भी जानकारी लेने की कोशिश की थी। लेकिन, उन्होंने कुछ नहीं बताया था। इस घटना में पूर्व परिचित के मिले होने की आशंका जाहिर की जा रही है। बदमाशों को घर के बारे में अच्छी तरह से जानकारी दी गई थी। इसलिए पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है।

एसएसपी ने कहा- भागते हुए 2 बदमाशों के पैर टूटे

एसएसपी राज करन नय्यर ने बताया- घटना में शामिल 3 बदमाश सिकरीगंज के श्याम सुंदर उर्फ गुड्‌डू, जनार्दन गौड़ और करुणेश कुमार दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया है।

इस केस में कमालुद्दीन उर्फ कमलू, प्रीतम कुमार, शेरू सिंह और अंश की तलाश में छापेमारी की जा रही है। तीनों बहुत जल्द पकड़ लिए जाएंगे। एक बदमाश पर दूसरे प्रदेश के एक जिले में भी केस दर्ज है। पूरी घटना में कोई नजदीकी शामिल हो सकता है। हम एक बार फिर सीन रिक्रिएट करवाएंगे। उसका डिटेल पता लगाया जा रहा है। पकड़े गए बदमाश बैसाखी लेकर चल रहे हैं। पुलिस का कहना है कि भागते समय 2 बदमाशों का पैर टूट गया है।

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