चंडीगढ़ के बाद हरियाणा में स्कूल एजूकेशन सबसे महंगी:NSS के सर्वे में खुलासा; बेटियों से ज्यादा बेटों पर खर्च करते हैं पेरेंट्स

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के 80वें दौर के मॉड्यूलर सर्वेक्षण शिक्षा, 2025 के अनुसार, हरियाणा में एक शैक्षणिक वर्ष के दौरान स्कूली शिक्षा पर प्रति छात्र औसत व्यय 25 हजार 720 रुपए है, जो चंडीगढ़ के बाद दूसरे स्थान पर है और राष्ट्रीय औसत से दोगुने से भी अधिक है।

हरियाणा में स्कूली शिक्षा पर लड़कियों की तुलना में लड़कों पर ज्यादा खर्च होता है। लड़कों के लिए सालाना खर्च 27 हजार 697 रुपए और लड़कियों के लिए 23 हजार 465 रुपए है। राज्य के सरकारी स्कूलों में, एक बच्चे की स्कूली शिक्षा पर प्रति शैक्षणिक वर्ष खर्च काफी कम यानी 4 हजार 479 रुपए है। वहीं, प्राइवेट एडेड स्कूलों में यह खर्च बढ़कर 48 हजार 636 रुपए और निजी-गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में 39 हजार 15 रुपए हो जाता है।

प्राइवेट एजुकेशन में बच्चों की संख्या ज्यादा

हरियाणा में निजी संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या ज्यादा है। यहां 41.2 प्रतिशत छात्र सरकारी स्कूलों में, 11.9 प्रतिशत निजी सहायता प्राप्त स्कूलों में और 45.7 प्रतिशत निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों (मान्यता प्राप्त) में नामांकित हैं। हरियाणा में स्कूली छात्रों पर औसत व्यय की मदवार जांच करने पर पता चला कि पाठ्यक्रम शुल्क पर 16 हजार 405 रुपए (63.8 प्रतिशत) खर्च किए गए।

इसकी तुलना में, परिवहन पर 3 हजार 633 रुपए (14.2 प्रतिशत) खर्च हुए; ड्रेस पर 1 हजार 966 रुपए (7.6 प्रतिशत), पाठ्य पुस्तकों और स्टेशनरी पर 2 हजार 852 रुपए (11.1 प्रतिशत), और अन्य खर्चों पर 865 रुपए (3.4 प्रतिशत) खर्च किए गए।

हरियाणा में 11% बच्चे ही ले रहे प्राइवेट कोचिंग

हरियाणा में प्राइवेट कोचिंग का चलन राष्ट्रीय औसत से कम है। हरियाणा में विभिन्न स्तरों पर नामांकन के आधार पर, चालू शैक्षणिक वर्ष के दौरान केवल 11 प्रतिशत छात्र निजी कोचिंग ले रहे थे या ले चुके। पूरे भारत में यह आंकड़ा 27 प्रतिशत था, जबकि चंडीगढ़ में यह 32.9 प्रतिशत और पंजाब में 26.8 प्रतिशत था। हिमाचल प्रदेश में यह दर हरियाणा से कम यानी 7.7 प्रतिशत दर्ज की गई।

हिमाचल में प्राइवेट कोचिंग पर सबसे कम खर्च

​​​​​​​सर्वेक्षण में कौशल विकास के लिए कोचिंग, कला, नृत्य, संगीत कक्षाएं आदि जैसी पाठ्येतर गतिविधियों और खेलों पर विचार नहीं किया गया। हरियाणा में एक शैक्षणिक वर्ष के दौरान प्रति छात्र निजी कोचिंग पर औसत खर्च 1 हजार 366 रुपए है, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह और भी कम यानी 437 रुपए है। चंडीगढ़ में यह 5 हजार 650 रुपए और पंजाब में 1 हजार 732 रुपए है। पूरे भारत में औसत खर्च 2 हजार 409 रुपए है।

हायर सेकेंडरी एजुकेशन पर, हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में निजी कोचिंग पर औसत खर्च 7 हजार 857 रुपए था, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह आंकड़ा 9 हजार 950 रुपए था। चंडीगढ़ में कोचिंग के लिए यह 20 हजार 688 रुपए और पंजाब में 2 हजार 307 रुपए था। हिमाचल प्रदेश में यह एक शैक्षणिक वर्ष के लिए मात्र 1 हजार 135 रुपए था।

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