चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार क्षेत्र में मंगलवार देर रात कोर्ट पुलिया पर एक ट्रक और ट्रेलर के बीच जबरदस्त भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि देखते ही देखते दोनों गाड़ियों में आग लग गई और घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। हादसे में ट्रेलर का ड्राइवर जिंदा जल गया, जबकि ट्रक ड्राइवर और खलासी बाल-बाल बच गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रक में प्याज भरे हुए थे और ट्रेलर में लोहे का बुरादा भरा हुआ था। दोनों गाड़ियां एक ही दिशा में भीलवाड़ा की ओर जा रहे थे। अचानक चलते-चलते ट्रेलर का एक पहिया फट गया। पहिया फटने के बाद ट्रेलर बेकाबू होकर आगे चल रहे ट्रक से टकरा गया। टक्कर होते ही तेज धमाका हुआ और दोनों गाड़ियों में आग भड़क गई।
जिंदा जला ट्रेलर ड्राइवर
हादसा होते ही सड़क पर मौजूद लोग मदद के लिए दौड़े। ट्रक केके ड्राइवर और खलासी ने तुरंत कूदकर अपनी जान बचा ली। लेकिन ट्रेलर के चालक को बाहर आने का मौका नहीं मिला। हादसे के बाद वह गाड़ी में ही फंस गया और बाहर निकल नहीं पाया। जब तक मदद पहुंचती, आग ने पूरे ट्रेलर को अपनी चपेट में ले लिया और ड्राइवर जिंदा ही जल गया। यह दृश्य देखकर मौके पर मौजूद लोगों की रूह कांप उठी। हालांकि ड्राइवर की अभी तक पहचान नहीं हो पाई।
तीन दमकलों ने बुझाई आग
आग की लपटें इतनी भीषण थीं कि पूरे इलाके में धुएं का गुबार छा गया। हादसे की जानकारी मिलने पर संगम फैक्ट्री की फायर ब्रिगेड लगभग 45 मिनट बाद मौके पर पहुंची। उसके बाद चित्तौड़गढ़ से भी फायर ब्रिगेड मंगवाई गई। कुल 3 दमकलों ने मिलकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया जा सका।
हादसे की सूचना मिलते ही डीएसपी रामेश्वर लाल और एएसआई शैतान सिंह पुलिस जाब्ते के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। सुरक्षा के लिहाज से हादसे वाली सड़क पर ट्रैफिक को करीब डेढ़ घंटे तक डायवर्ट कर दिया गया। गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं और राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
आग बुझने के बाद ड्राइवर का पता चला, नहीं हुई पहचान
जब आग बुझ गई और बचाव दल ने गाड़ियों की जांच शुरू की तो अंदर का दृश्य बेहद दर्दनाक था। ट्रेलर के केबिन में ड्राइवर का शव जला हुआ पाया गया। कड़ी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला गया और पोस्टमॉर्टम के लिए जिला हॉस्पिटल भेजा गया। हादसे से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।
हाइड्रा मशीन से दोनों क्षतिग्रस्त वाहन हटाए
पुलिस और प्रशासन ने देर रात तक राहत और बचाव का काम जारी रखा। ट्रक और ट्रेलर सड़क पर ही खड़े होने से ट्रैफिक पूरी तरह बाधित हो गया था। इसके बाद हाइड्रा मशीन की मदद से दोनों गाड़ियों को हटाने की कार्रवाई देर रात तक चलती रही। जब तक सड़क को साफ नहीं किया गया, तब तक आम लोगों को दूसरी ओर से डायवर्ट किया गया। आखिरकार सड़क से दोनों गाड़ियों हटने के बाद ही यातायात फिर से सुचारु हो पाया।