जबलपुर के इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में 11 अगस्त को हुई लूट में बिहार की गैंग का हाथ हो सकता है। इस लूट का पैटर्न भी देश के विभिन्न राज्यों में हुई लूट जैसा ही है।
वहां भी लुटेरों ने गोल्ड लोन वाली बैंकों को सुबह-सुबह टारगेट किया था। उसी अंदाज में बैंक पहुंचे और कुछ ही देर में सोना और नकदी लेकर फरार हो गए। खास बात यह है कि इस वारदात में शामिल 5 से 6 बदमाशों में से कुछ भोजपुरी बोलते सुने गए हैं।
ऐसे में शक है कि इस तरह की कई लूट का मास्टरमाइंड रहा गैंगस्टर सुबोध सिंह के गुर्गों ने वारदात को अंजाम दिया होगा। कुछ दिन तक पाटन निवासी गांजा तस्कर रईस सिंह उड़ीसा की जेल से बंद था। सूत्रों का कहना है कि वह जिस बैरक में बंद था, उसमें सुबोध सिंह गैंग के गुर्गे भी थे। संभव है कि उनके साथ मिलकर उसने प्लान बनाया होगा।
जब वह जेल से छूटकर आया तो उसने सबसे पहले स्थानीय गांजा सप्लायर बबलू सिंह से मुलाकात की और उसे अपने प्लान में शामिल कर लिया। बबलू भी कई बार कई बार जेल जा चुका है। अब पुलिस दोनों की तलाश में है।
फिलहाल पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें लुटेरों तक पहुंचने में जुटी हुई हैं। इन 4 दिनों में कई अहम सुराग जुटाए गए हैं। कुछ संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है। रेंज आईजी ने 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। वहीं, उस मकान के मालिक से पूछताछ की जा रही है, जहां 10 से 12 तक लुटेरे ठहरे हुए थे।
इंद्राना गांव में लिया किराये का कमरा
घटना के अगले दिन 12 अगस्त की रात को पता चला कि जबलपुर के ग्राम इंद्राना में रहने वाले जितेंद्र झारिया के घर पर डकैतों ने किराए का कमरा लिया था। वे पिछले 10 से 12 दिनों से वहां रुके थे और खुद को बैंक से लोन दिलाने वाला कर्मचारी बताते थे। पुलिस की जांच में पता चला है कि सिहोरा में रहने वाले सोनू बर्मन ने जितेंद्र झारिया से लुटेरों की मुलाकात करवाकर कमरा किराए पर दिलाया था।
बुधवार को पुलिस ने जितेंद्र को हिरासत में लेने के बाद उसके घर से एक बिना नंबर की बाइक, पिस्टल और कुछ अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
11 अगस्त की सुबह लूट के बाद सभी बाइक से सीधे सिहोरा से दर्शनी गए। वहां से पोंडा, सुंवनी, मझौली होते हुए इंद्राना गांव पहुंच गए। यहां 24 घंटे तक रुके और फरार हो गए। हालांकि, वे पिस्टल और कुछ कागजात जल्दबाजी में वहीं पर छोड़ गए।
गैंगस्टर सुबोध सिंह का नाम जनवरी 2025 में ओडिशा के संबलपुर स्थित मणप्पुरम फाइनेंस की शाखा में हुई डकैती में आ चुका है। इस बैंक में बंदूक की नोक पर अज्ञात डकैतों ने 30 किलो सोना और चार लाख नकद लूट लिया था। पुलिस की जांच में पता चला है कि जेल में रहते हुए सुबोध ने डकैती का प्लान बनाया और अपने गुर्गों से मणप्पुरम फाइनेंस में डकैती डलवाई। ओडिशा पुलिस ने जेल में बंद सुबोध कुमार को कोलकाता से ट्रांजिट रिमांड में लेकर आई थी।
दो वीडियो… एक लूट के पहले का, दूसरा बाद का
11 अगस्त की सुबह इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में हुई डकैती के दो वीडियो और सामने आए हैं। एक वीडियो सुबह 8 बजकर 51 मिनट का है, जिसमें देखा जा सकता है कि डकैत दो बाइक में सवार होकर बैंक तक पहुंचे थे। पहली बाइक में दो लोग बैठे हुए हैं, जबकि दूसरी बाइक में तीन, सभी हेलमेट पहने हुए थे। वहीं, दूसरा वीडियो बैंक डकैती के बाद का है, जिसमें कि बैग में सोना रखकर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
आईजी ने इनाम किया घोषित
जबलपुर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा ने फरार बैंक डकैतों पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। साथ ही पुलिस को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय के निर्देश पर एएसपी सूर्यकांत शर्मा, एएसपी जितेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में सिहोरा, खितौला, मझौली, गोसलपुर, पाटन सहित क्राइम ब्रांच की टीम तलाश में लगी हुई है।
पुलिस का दावा है कि जल्द ही सभी डकैत गिरफ्त में होंगे। जानकारी के मुताबिक जिन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, उन्होंने कुछ जानकारियां दी हैं।
पैनिक बटन नहीं दबाया था
इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में करीब 300 से ज्यादा ग्रामीणों का सोना रखा है। 10 लाख से अधिक का कैश भी था, लेकिन रक्षाबंधन के चलते आधा पैसा एटीएम को डाल दिया था। बचा 5 लाख बैंक में था। उसे लुटेरे अपने साथ ले गए। बैंक में एक पैनिक बटन भी काउंटर के अंदर लगा हुआ था, जिसे किसी भी तरह की अप्रिय घटना में बैंक कर्मी दबा सकते हैं। बटन दबाते ही सायरन बजने लगता और पुलिस समेत आसपास के लोग एक्टिव हो जाते, लेकिन बैंक कर्मचारियों ने पैनिक बटन नहीं दबाया। पूछताछ में उनका कहना है कि जरा भी हरकत करते तो वे गोली मार देते।
स्थानीय बोले- सुरक्षित नहीं है बैंक
इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में सिहोरा, खितौला और आसपास के सैकड़ों ग्रामीणों का गोल्ड और रुपए जमा हैं। ग्रामीण शिव कुमार बर्मन का कहना है कि मैंने बैंक में खाता खुलवाया है। पैसों का लेन-देन भी किया जाता है। सोना-चांदी के जेवरात जमा कर लोन लिया है। यह घटना सुरक्षा में चूक से हुई है। बैंक में न तो सुरक्षा गार्ड था और न ही लोहे का चैनल गेट।
जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय ने कहा-
जबलपुर पुलिस, क्राइम ब्रांच और साइबर टीमें लगातार आरोपियों के पीछे लगी हुई हैं। रेंज आईजी ने आरोपियों पर 30 हजार का इनाम घोषित किया है। आरोपियों को लेकर कुछ क्लू मिले हैं। जिनकी जांच चल रही है। कुछ संदिग्ध भी अभिरक्षा में हैं। जल्द ही सभी आरोपी पुलिस गिरफ्त में होंगे।