राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन, जोधपुर की ओर से वकीलों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। राजस्थान उच्च न्यायालय के ऑडिटोरियम में “A Rendezvous for Mindful Lawyering” कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में जस्टिस डॉ. नुपूर भाटी ने मुख्य वक्ता के रूप में वकीलों को मेडिटेशन और माइंडफुल नेस के महत्व को समझाया।
एसोसिएशन के महासचिव मनीष टाक ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जस्टिस भाटी का स्वागत एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष आनन्द पुरोहित व नवनिर्वाचित अध्यक्ष दिलीप सिंह उदावत ने किया। जस्टिस भाटी ने कहा कि अधिवक्ताओं में बढ़ते कार्यभार, मामलों की अधिकता और व्यस्तता के कारण बढ़ रहे तनाव को दूर करने के लिए इस तरह की विशेष कार्यशाला का आयोजन अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि ध्यान (मेडिटेशन) न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि वकीलों को सकारात्मक, संतुलित और आत्मनियंत्रित बनाए रखने में भी सहायक होता है।
मानसिक शांति से बेहतर न्यायिक योगदान
जस्टिस डॉ. भाटी ने कहा कि जब वकील मानसिक रूप से शांत और सकारात्मक होता है, तभी वह न्याय के हित में अधिक प्रभावी, निष्पक्ष और संवेदनशील योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि मेडिटेशन व माइंडफुल नेस के अभ्यास से वकील अपने दायित्वों को शांति और स्पष्टता के साथ निभा सकते हैं तथा कार्यस्थल पर उत्पन्न तनाव को सफलतापूर्वक दूर कर सकते हैं।
वकीलों के लिए महत्वपूर्ण पहल
महासचिव मनीष टाक ने बताया कि यह कार्यशाला वकीलों के मानसिक स्वास्थ्य, सकारात्मक सोच और न्यायिक प्रक्रिया में संतुलित योगदान की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ। इस कार्यशाला में एसोसिएशन के वर्तमान और नवनिर्वाचित पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्यगण, राजकीय अधिवक्ता, बार कौंसिल सदस्य सहित भारी संख्या में अधिवक्ता और लॉ स्टूडेंट्स मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कार्यकारिणी सदस्य गोपाल सांदू ने किया।