झांसी में 10वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा के किडनेपर को कोर्ट ने 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 65 हजार रुपए का अर्थदण्ड लगाया गया। नहीं देने पर दो साल की जेल अतिरिक्त काटनी होगी। यह फैसला गुरुवार को पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी ने सुनाया है।
आरोपी धर्मेंद्र उर्फ धरमदास कुशवाहा 10 साल पहले 17 साल की लड़की को घर से भगाकर ले गया था। उसके साथ दो साल तक शरीरिक संबंध बनाए। इससे पीड़िता प्रेग्नेंट हो गई और एक बच्चे को जन्म दिया था। इसके बाद आरोपी ने उसे व बच्चे को छोड़ दिया था। आरोपी धर्मेंद्र मध्य प्रदेश के पृथ्वीपुर के जलंधर गांव का रहने वाला है।
घर से भगाकर ले गया था
विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने बताया- पीड़िता के भाई ने बरुआसागर थाने में केस दर्ज कराया था। जिसमें बताया था- उसकी 17 साल की बहन दसवीं कक्षा में पढ़ती है। 16 नवंबर 2015 को वो घर पर अकेली थी। तभी आरोपी धर्मेंद्र आया और उसे अपने साथ भगाकर ले गया।
लड़की ने मना करने पर मरने की धमकी दी। मना करने के बावजूद वो लड़की को गुना ले गया। 15 दिन तक एक मकान में रखकर शारीरिक संबंध बनाए। फिर ओरछा ले आया। यहां करीब दो साल तक रखा और शारीरिक संबंध बनाता रहा। इससे वो प्रेग्नेंट हो गई और एक बच्चे को जन्म दिया।
इसके बाद बरुआसागर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पीड़िता को बरामद किया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित किया। जेल से जमानत पर छूटने पर आरोपी ने पीड़िता और उसके बच्चे को छोड़ दिया था। अब कोर्ट ने आराेपी को 10 साल की सजा और 65 हजार रुपए के जुर्माना से दंडित किया है।