झांसी में संत बोले-बच्चों को बाय-बाय नहीं, राम-राम सिखाएं:समागम में देश भर से आए संत-महात्मा, बोले-हम धर्म की रक्षा कर रहे, आप साथ रहें

झांसी के स्थानीय सभागार में वैधनाथ आयुर्वेद की अध्यक्ष अनुराधा शर्मा द्वारा संग समागम एवं सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें देशभर से प्रख्यात संत और महात्मा झांसी पहुंचे। गुरुवार को आयोजित सत्संग में सैंकड़ों आस्थावान महिला-पुरुष शामिल हुए।

इस मौके पर संतों ने कहा कि अपने बच्चों को धर्मशास्त्र और भारतीय संस्कृति का ज्ञान दें। उन्हें बाय-बाय की जगह राम-राम कहने की आदत डालें। बोले, धर्म की रक्षा संत कर रहे हैं, आप सिर्फ साथ रहें।

इलाइट चौराहा से 500 मीटर दूर इलाहाबाद बैंक चौराहा पर बने बैंक्वेट हॉल में चल रहे संत समागम एवं सत्संग कार्यक्रम में अयोध्या से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष और कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के उपाध्यक्ष स्वामी गोविंद देवगिरि, विश्वेशनंद गिरी महाराज,मलूक पीठेश्वर राजेंद्रदास, विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट के संस्थापक और कथा एवं भजन गायक चिन्मयानंद बापू, निर्मालानाथ महाराज समेत अन्य संत पहुंचे।

वहीं, उनके प्रवचनों को सुनने के लिए झांसी समेत अन्य जिलों के आस्थावान समागम में शामिल हुए। यहां संतों ने भगवान राम, कृष्ण के अवतारों के बारे में विस्तार से बताया। वहीं, आधुनिक दौर में खुद को अध्यात्म से कैसे जोड़े रखना है, इसके बारे में भी प्रवचन दिए। संतों ने कहा कि आज सनातन धर्म को पीछे ले जाने का प्रयास किया जा रहा है।

लेकिन, आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए संत हैं और हमारा धर्म पूरी तरह सुरक्षित है। कहा कि आपको वेदों और पुराणों की छत्रछाया में रहना है। साथ ही अपनी आने वाली पीढ़ियों को धर्म और संस्कृति से जोड़े रखने के प्रयत्न करते रहना है। सत्संग में संतों ने अपने विचार और वेदों का व्याख्यान देते हुए कहा कि अपने बच्चों को आध्यत्म और भारतीय संस्कृति से जोड़े रखने के लिए उनकी आदतों में बदलाव करें।

बच्चों में मंदिर जाने की आदत विकसित करें

अयोध्या से आए स्वामी गोविंद गिरी महाराज ने कहा कि आधुनिकता के युग में हमें अपनी संस्कृति से भी जुड़ाव रखना है। आज बच्चे बाय-बाय बोलते हैं, उनकी ये आदत आज से ही दूर करने की कोशिश में लग जाएं। बोले कि जो बच्चे बाय-बाय बोलते हैं, उनमें राम-राम बोलने की आदत विकसित करें। साथ ही माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों को हर दिन मंदिर लेकर जाएं। जहां भी संतों के दर्शन हों, तो बच्चों को उनसे मिलवाएं। आज से ही अगर बदलाव लाते हैं तो उनमें यही आदत विकसित हो जाएगी।

गाय को पालकर घमंड करें

संतों ने यहां सत्संग में गो सेवा के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग गाय पालते हैं या उनकी देखभाल करते हैं तो उन्हें इस अहंकार में कभी नहीं रहना चाहिए कि वह गो सेवक हैं या गाय को पाल रहे हैं। कहा कि गाय माता के चरणों से आपके पास माता लक्ष्मी का आगमन हुआ है। आप खुद को गाय का पालनहार न समझें बल्कि, गाय माता आपको पाल रही हैं। आयोजक और गो सेवक अनुराधा शर्मा को लेकर संतो मंच से बड़ी बात कही। बोले, अनुराधा शर्मा ने जीवन की व्यस्तता दूर खुद को धर्म और गो सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। बोले, उन पर संतों और भगवान का विशेष आशीर्वाद है।

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