ट्रम्प बोले- भारत पर टैरिफ, रूस के लिए झटका:इस हफ्ते पुतिन से मिलेंगे, कहा- डील होगी या नहीं 2 मिनट में पता चल जाएगा

अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर लगाए गए एक्स्ट्रा 25% टैरिफ को मॉस्को के लिए झटका बताया है।

सोमवार को व्हाइट हाउस से बयान देते हुए ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका जब रूस से तेल खरीदने वाले उसके सबसे बड़े (चीन) या दूसरे सबसे बड़े (भारत) तेल खरीदार पर 50% टैरिफ लगाने की बात कहता है, तो यह रूस के लिए बड़ा झटका है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिकी टैरिफ ने रूस की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है।

ट्रम्प यूक्रेन में सीजफायर के मुद्दे पर इस हफ्ते पुतिन से मुलाकात करने वाले हैं। इस पर उन्होंने कहा

हम पुतिन से मुलाकात करेंगे, और बैठक के पहले दो मिनट में ही मुझे पता चल जाएगा कि सौदा हो सकता है या नहीं।

पुतिन से मुलाकात से पहले जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से बात करेंगे

ट्रम्प ने कहा है कि वे पुतिन से मिलने से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा,

मैं यूरोपीय नेताओं से बात करूंगा, जेलेंस्की से भी चर्चा होगी। सबकी राय लेकर मैं पुतिन से मुलाकात में पूरी तैयारी के साथ जाऊंगा और देखेंगे क्या होता है।

ट्रम्प ने यूरोपीय नेताओं की तारीफ करते हुए कहा कि वे युद्ध से थक चुके हैं और चाहते हैं कि अपने देशों पर पैसा खर्च करना शुरू करें। ट्रम्प ने कहा कि उनका यूरोप के नेताओं से बेहद अच्छा रिश्ता है।

अलास्का में होगी ट्रम्प और पुतिन की मुलाकात

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प 15 अगस्त को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे। इसका मकसद यूक्रेन में साढे तीन साल से चल रहे जंग को खत्म करना है।

ट्रम्प और पुतिन की मुलाकात होती है तो यह पहली बार होगा जब दोनों नेता अमेरिका की जमीन पर मिलेंगे। रूस ने पहले पुतिन और ट्रम्प की मुलाकात के लिए UAE का सुझाव दिया था। हालांकि बाद में ट्रम्प ने बैठक के लिए अलास्का को चुना।

अलास्का उत्तरी ध्रुव के नजदीक कनाडा से सटी वो जगह है जो कभी रूस का हिस्सा हुआ करती थी। 158 साल पहले रूस ने इसे अमेरिका को सिर्फ 45 करोड़ रुपए में बेच दिया था।

अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने की तैयारी में भारत

अमेरिका ने भारतीय स्टील, एल्युमिनियम और कई प्रोडक्ट्स पर 50% टैरिफ (इम्पोर्ट ड्यूटी) लगाया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अब इसके जवाब में भारत भी चुनिंदा अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 50% तक टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है।

अगर ऐसा होता है, तो यह अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ पर भारत का पहला औपचारिक पलटवार होगा। ट्रम्प ने 31 जुलाई को सभी भारतीय प्रोडक्ट्स पर 25% टैरिफ लगाया था। इसके बाद फिर 6 अगस्त को रूस से ऑयल इम्पोर्ट को लेकर भारत पर 25% का एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया था।

फरवरी से चल रहा स्टील और एल्युमिनियम विवाद

स्टील और एल्युमिनियम विवाद फरवरी से चल रहा है, जब ट्रम्प प्रशासन ने इन मेटल्स पर 25% टैरिफ लगाया था। जून में इस ड्यूटी को बढ़ाकर 50% कर दिया गया। इससे कम से कम 7.6 बिलियन डॉलर, यानी 66,559 करोड़ रुपए के इंडियन एक्सपोर्ट पर असर पड़ा है।

भारत ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन यानी WTO में कहा था कि अमेरिका के कदम को ‘नेशनल सिक्योरिटी’ के नाम पर छिपाया गया है, जबकि असल में ये WTO के नियमों के उलट सेफगार्ड ड्यूटी हैं। वहीं अमेरिका ने इस मामले में बातचीत करने से मना कर दिया। इसके बाद भारत ने अब WTO नियमों के तहत पलटवार की कानूनी तैयारी कर ली है।

भारत कितना टैरिफ लगा सकता है?

हिंदुस्तान टाइम्स ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि अमेरिका भारत के साथ इस विवाद को अपने शर्तों पर सुलझाने की कोशिश कर रहा है। जिससे भारत के पास पलटवार के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं बचा है। भारत अमेरिका के स्टील और मेटल से जुड़े अन्य प्रोडक्ट्स पर 50% तक टैरिफ लगा सकता है।

भारत को अमेरिका 45 बिलियन डॉलर (3.94 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का एक्सपोर्ट करता है। वहीं, हालिया टैरिफ से पहले भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट 86 बिलियन डॉलर (7.53 लाख करोड़ रुपए) का था। अगर भारत टैरिफ के मामले में जवाबी कार्रवाई करता है, तो व्यापार घाटा और बदल सकता है।

इस साल फरवरी में प्रेसिडेंट ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाइलैटरल ट्रेड को 500 बिलियन डॉलर (43.78 लाख करोड़ रुपए) तक बढ़ाने और बातचीत शुरू करने का वादा किया था, लेकिन अमेरिका भारत के कृषि और संवेदनशील सेक्टरों में ज्यादा रियायत चाहता है। वहीं अमेरिकी मांग को भारत ने ठुकरा दिया, जिसके बाद ट्रेड डील पर बातचीत ठप पड़ गई।

मेटल तक सीमित नहीं व्यापार

अमेरिका ने 2024-25 में भारत को 13.62 बिलियन डॉलर (1.19 लाख करोड़ रुपए) का एनर्जी एक्सपोर्ट किया, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल्स और अन्य गुड्स में भी बड़ा व्यापार किया। दोनों देशों के बीच सर्विस ट्रेड भी महत्वपूर्ण है। 2024 में बाइलैटरल सर्विसेज का बिजनेस 83.4 बिलियन डॉलर (7.30 लाख करोड़ रुपए) का रहा, जिसमें अमेरिका का 102 मिलियन डॉलर (893 करोड़ रुपए) का सरप्लस था।

2024 में भारत को अमेरिकी सर्विस एक्सपोर्ट करीब 16% बढ़कर 41.8 बिलियन डॉलर (3.66 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंचा, जबकि भारत से इम्पोर्ट भी लगभग समान दर से बढ़कर 41.6 बिलियन डॉलर यानी 3.64 लाख करोड़ रुपए हो गया।

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