तिरुवनंतपुरम-दिल्ली एअर इंडिया फ्लाइट की चेन्नई में इमरजेंसी लैंडिंग:एयरलाइन ने तकनीकी खराबी बताई; कांग्रेस सांसद बोले- कंपनी झूठ बोल रही

तिरुवनंतपुरम से दिल्ली आ रही एअर इंडिया फ्लाइट AI2455 की रविवार रात चेन्नई में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। एयरलाइंस ने तकनीकी गड़बड़ी और खराब मौसम को इसकी वजह बताया।

एयर ट्रैफिक ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइट रडार 24 के अनुसार फ्लाइट ने 8:17 उड़ान भरी। इसे 10:45 बजे दिल्ली पहुंचना था।

फ्लाइट में मौजूद कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने X पर लिखा- चेन्नई में जब इमरजेंसी लैंडिंग की पहली कोशिश हुई तो सामने (रनवे) दूसरा प्लेन खड़ा था। पायलट प्लेन को दोबारा हवा में ले गया और दूसरी कोशिश में सुरक्षित लैंडिंग हो सकी।

उन्होंने लिखा कि फ्लाइट में कई सांसद और कई अन्य यात्री सवार थे। फ्लाइट हादसे के बिल्कुल करीब पहुंच गई थी। एक बड़ा हादसा टला है। वहीं, वेणुगोपाल के दूसरा प्लेन रनवे पर होने की बात से AI ने इनकार किया।

सोमवार सुबह वेणुगोपाल ने कहा- पायलट ने खुद अनाउंसमेंट करके कहा था कि रनवे पर दूसरा प्लेन है। अब एयरलाइन झूठ बोल रही है। मैंने इस मामले में DGCA से भी बात की है।

केसी वेणुगोपाल ने X पोस्ट में बताया पूरा घटनाक्रम…

तिरुवनंतपुरम से दिल्ली जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI2455, जिसमें मैं, कई सांसद और सैकड़ों यात्री सवार थे, आज हादसे के बहुत करीब पहुंच गई। उड़ान पहले देरी से शुरू हुई। उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही तेज झटके (टर्बुलेंस) लगे। करीब एक घंटे बाद कैप्टन ने बताया कि फ्लाइट में सिग्नल की खराबी है और इसे चेन्नई डायवर्ट किया जा रहा है। करीब दो घंटे तक हम चेन्नई एयरपोर्ट के ऊपर चक्कर लगाते रहे। पहली बार उतरने की कोशिश में एक डरावना पल आया, जब पता चला कि रनवे पर दूसरा विमान था। कैप्टन ने तुरंत विमान को ऊपर उठाया, जिससे सभी की जान बच गई। दूसरी कोशिश में फ्लाइट सुरक्षित उतरी। हम पायलट की सूझबूझ और किस्मत से बच गए। यात्रियों की सुरक्षा किस्मत पर नहीं छोड़ी जा सकती। मैं DGCA और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री से आग्रह करता हूं कि इस घटना की तुरंत जांच करें, जिम्मेदारी तय करें और सुनिश्चित करें कि ऐसी चूक दोबारा कभी न हो।

एअर इंडिया ने कहा- रनवे पर कोई दूसरा विमान नहीं था

एअर इंडिया ने X पर केसी वेणुगोपाल की पोस्ट के जवाब में लिखा- हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि चेन्नई की ओर फ्लाइट डायवर्ट करने का फैसला सावधानी के तौर पर लिया गया था, क्योंकि विमान में तकनीकी समस्या और खराब मौसम की स्थिति थी। चेन्नई एयरपोर्ट पर पहली लैंडिंग की कोशिश के दौरान चेन्नई एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने गो-अराउंड का निर्देश दिया था। यह किसी दूसरे विमान के रनवे पर होने की वजह से नहीं था।

 

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