कांग्रेस पार्टी ने पार्टी सांसद शशि थरूर ने भाजपा के सीनियर लीडर लाल कृष्ण आडवाणी के बयान से अलग किया है। थरूर ने कहा था- लालकृष्ण आडवाणी को एक घटना (1990 रथ यात्रा) तक सीमित कर आंकना सही नहीं है।
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने रविवार को कहा- हमेशा की तरह डॉ. शशि थरूर अपनी बात खुद ही रखते हैं और कांग्रेस उनके बयान से पूरी तरह अलग है। कांग्रेस सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य के रूप में उनका ऐसा कहना कांग्रेस की विशिष्ट लोकतांत्रिक और उदारवादी भावना को दर्शाता है।
दरअसल 8 नवंबर को लाल कृष्ण आडवाणी का 98वां जन्मदिन था। थरूर ने X पर आडवाणी के साथ वाली अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए, उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थी। साथ ही उन्होंने कैप्शन में लिखा था…
लालकृष्ण आडवाणी जी को उनके 98वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं! जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, उनकी विनम्रता और शालीनता और आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अमिट है। एक सच्चे राजनेता, जिनका सेवामय जीवन अनुकरणीय रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील ने थरूर के बयान का विरोध किया
थरूर की पोस्ट पर सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े ने विरोध जताया। उन्होंने X पोस्ट में लिखा- माफ कीजिए श्रीमान थरूर, इस देश में ‘घृणा के बीज’ (खुशवंत सिंह के शब्दों में) फैलाना जनसेवा नहीं है। साथ ही हेगड़े ने राम जन्मभूमि आंदोलन में आडवाणी की भूमिका का भी जिक्र किया।
थरूर ने जवाब में नेहरू-इंदिरा के सार्वजनिक जीवन का जिक्र किया
हेगड़े के कमेंट के जवाब ने शशि थरूर ने अपनी ही पार्टी के दो नेताओं जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के जीवन का उदाहरण दिया। उन्होंने हेगड़े के कमेंट से सहमति जताते हुए लिखा…
सहमत हूं @sanjayuvacha, लेकिन आडवाणी की लंबी सेवा को एक घटना तक सीमित करना, चाहे वह कितनी भी महत्वपूर्ण क्यों न हो गलत है। नेहरूजी के संपूर्ण करियर का आकलन चीन की विफलता से नहीं किया जा सकता, न ही इंदिरा गांधी के करियर का आकलन सिर्फ आपातकाल से किया जा सकता है। मेरा मानना है कि हमें आडवाणी जी के प्रति भी यही शिष्टाचार दिखाना चाहिए।
थरूर ने कहा था- वंशवाद की जगह योग्यतावाद हो
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारत की वंशवादी राजनीति की आलोचना की थी। थरूर ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन प्रोजेक्ट सिंडिकेट में लिखे अपने लेख में कहा- भारत में राजनीति फैमिली बिजनेस बन गई है। जब तक राजनीति परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रहेगी, तब तक लोकतांत्रिक सरकार का असली मतलब पूरा नहीं हो सकेगा।
थरूर ने ‘Indian Politics Are a Family Business’ लेख में लिखा- यह समय है, जब भारत को वंशवाद (परिवारवाद) छोड़कर योग्यता आधारित व्यवस्था अपनानी चाहिए। इसके लिए कानूनी रूप से तय कार्यकाल, आंतरिक पार्टी चुनाव और मतदाताओं को जागरूक करने जैसे मूलभूत सुधार जरूरी हैं।
आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया
31 मार्च 2024 को लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी मौजूद थे।