धर्मेंद्र के निधन पर कंगना बोलीं- क्या खबर सही है:काशी में 9 सुरक्षाकर्मियों के साथ घूमीं; शिवलिंग खरीदा, चाट खाई

बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल की मंडी सीट से भाजपा सांसद अभिनेत्री कंगना रनोट सोमवार को काशी पहुंचीं। उन्होंने बाबा विश्वनाथ और काल भैरव के दर्शन किए। फिर काशी की संकरी गलियों में घूमीं।

दुकानों पर खरीददारी की। कंगना ने एक शिवलिंग भी खरीदा। उन्होंने दीना चाट भंडार पर चाट भी खाई। कुल्हड़ चाय भी पिया।

कंगना से जब पूछा गया कि धर्मेंद्र जी का निधन हो गया है, तो उन्होंने कहा कि क्या यह सही खबर है? फिर उन्होंने विनम्र श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कंगना की सिक्योरिटी में एक कमांडो, 2 पर्सनल सिक्योरिटी, 6 पुलिस कर्मी तैनात थे।

आम श्रद्धालुओं की तरह किया दर्शन

कंगना रनोट ने काशी में स्थानीय लोगों से मुलाकात की। सामान्य श्रद्धालुओं की तरह ही बाबा काल भैरव के दर्शन के लिए लाइन में खड़ी हुईं। दर्शन के लिए वे स्वयं पूजन सामग्री खरीदकर लाई थीं।

बाबा काल भैरव- जो काशी के कोतवाल माने जाते हैं, उनके दरबार में पहुंचकर कंगना ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। काशी की शांति तथा देश की समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा- काशी की धरती पर आकर उन्हें अत्यंत ऊर्जा और सकारात्मकता का अनुभव हुआ है।

टिकिया-छोले का स्वाद लिया

कंगना रनौत ने दीना चाट भंडार पर चाट खाई। उनके साथ उनकी पूरी यूनिट और सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहे। उन्होंने रोड पर खड़े होकर ही चाट का स्वाद लिया।

दुकानदार शुभम ने बताया- उनको टिकिया छोले काफी अच्छा लगा। उन्होंने दो प्लेट खाया है। दीना चाट की बुक पर साइन भी किए। लिखा- सुपर चाट टिक्का। इसके बाद कंगना ने कुल्हड़ चाय भी पी है।

कंगना बोली- मां और बाबा का आशीर्वाद लेने आई हूं

पूजा के बाद कंगना ने कहा – आज हम शिव–पार्वती की नगरी में आए हुए हैं। यहां की हर गली, हर मोड़, हर मंदिर में एक अद्भुत आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव होता है। मैं पूरी तरह भक्ति में लीन हूं।”

उन्होंने अपनी इस यात्रा को पूरी तरह आध्यात्मिक बताते हुए कहा, यह सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि आत्मिक शांति और साधना का अवसर है।

कंगना रनौट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रशंसा की और कहा, दुनिया भर में उनकी लोकप्रियता बाबा विश्वनाथ और मां गंगा की कृपा का परिणाम है। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री ने अपने इंटरव्यू में कहा है कि काशी ने उन्हें गोद लिया है। वास्तव में यह नगरी जिस पर कृपा कर दें, उसके जीवन का मार्ग स्वतः बदल जाता है। इसलिए हम भी आज काशी के आंचल में आए हैं और बाबा का आशीर्वाद ले रहे हैं।

धर्मेंद्र को दी श्रद्धांजलि

कंगना से जब पूछा गया कि धर्मेंद्र जी का निधन हो गया है तो उन्होंने कहा कि क्या यह सही खबर है, उसके बाद उन्होंने विनम्र श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा- धर्मेंद्र जी काफी लोकप्रिय कलाकार रहे हैं। हम उनकी आत्मा के शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।

उन्होंने कहा कि आज हमने काल भैरव मंदिर में दर्शन किया है। जैसा काशी हमने अपने पुराने ग्रंथों में पढ़ा है। वैसे ही हमारी काशी दिख रही है।

हमने गलियों में भ्रमण किया

कंगना ने कहा- यहां पर सफाई का प्रबंध काफी अच्छा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी बन गया है। हमने गलियों में भ्रमण किया। वह भी अब पक्की हो गई हैं। हम यह चाहते हैं कि बाबा का मंदिर इस तरह ही रहे जैसे पहले हुआ करता था।

उन्होंने कहा- राम राज्य पूरा देश देखना चाहता। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां ध्वजा रोहण करेंगे। जो ग्रंथों में रामराज्य और अमृतकाल था। वह आज हम प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में देख रहे हैं।

कंगना ने कहा- हम हर धर्म का सम्मान करते हैं। प्रधानमंत्री का विशेष संदेश है कि हमें हर धर्म का सम्मान करना चाहिए, लेकिन जिसका मंदिर जहां पर है। वहां जरूर बनना चाहिए।

हमने गलियों में भ्रमण किया

कंगना ने कहा- यहां पर सफाई का प्रबंध काफी अच्छा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी बन गया है। हमने गलियों में भ्रमण किया। वह भी अब पक्की हो गई हैं। हम यह चाहते हैं कि बाबा का मंदिर इस तरह ही रहे जैसे पहले हुआ करता था।

उन्होंने कहा- राम राज्य पूरा देश देखना चाहता। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां ध्वजा रोहण करेंगे। जो ग्रंथों में रामराज्य और अमृतकाल था। वह आज हम प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में देख रहे हैं।

कंगना ने कहा- हम हर धर्म का सम्मान करते हैं। प्रधानमंत्री का विशेष संदेश है कि हमें हर धर्म का सम्मान करना चाहिए, लेकिन जिसका मंदिर जहां पर है। वहां जरूर बनना चाहिए।

अभिनेता धर्मेंद्र को दी गई दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धांजलि दशाश्वमेध घाट पर अभिनेता धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि भी दी गई। गंगा सेवा निधि द्वारा होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की दैनिक आरती में दो मिनट का मौन रखा गया। हजारों श्रद्धालुओं समेत अभिनेत्री कंगना रनौत ओर गंगा सेवा निधि अध्यक्ष सुशांत मिश्रा समेत सातों अर्चकों ने दीप दान किया। इस दौरान सभी आंखें भी नम हो गई।

E-Paper 2025