निगम एक सप्ताह में दे जोधपुर की सफाई का प्लान:हाईकोर्ट ने नगर निगम को अल्टीमेटम दिया है, ठोस कचरे व निर्माण मलबे के समाधान की योजना भी देनी होगी

राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निगम को शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस प्लान बनाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस संगीता शर्मा की खंडपीठ ने महेश गहलोत की याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को यह आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि यह योजना ठोस कचरे और निर्माण मलबे का स्टोरेज और उसके निपटान की रणनीति भी प्लान में शामिल करें।

इस मामले में 18 अगस्त को हुई सुनवाई में कोर्ट ने निगम से डिटेल प्लान देने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार नगर निगम की ओर से पेश हुए। AAG (अतिरिक्त महाधिवक्ता) ने कोर्ट से एक सप्ताह का समय की मांग करते हुए कहा कि नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए एक ठोस विस्तृत प्लान तैयार करेगा।

इसमें विशेष रूप से ठोस कचरे को उठाने और इसके निपटान तथा निर्माण मलबे के प्रबंधन (Management) की रणनीति भी शामिल होगी। याचिकाकर्ता के वकील भीम कांत व्यास और सौरभ कांत व्यास ने कोर्ट में पक्ष रखा।

प्लान में साइंटिफिक समाधान की रूपरेखा

कोर्ट ने नगर निगम को निर्देश दिया है कि एक सप्ताह बाद पेश की जाने वाली योजना में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और निर्माण मलबे के वैज्ञानिक निपटान की स्पष्ट प्लानिंग हो। कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि योजना केवल कागजी कार्रवाई न हो, बल्कि व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करे। मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की गई है।

पिछली सुनवाई में पड़ी थी फटकार

राजस्थान हाईकोर्ट ने इसी मामले की सुनवाई करते हुए 18 अगस्त को जोधपुर नगर निगम की लापरवाही और शहर की बदहाल सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कड़ी फटकार लगाई थी। जस्टिस विनित कुमार माथुर और जस्टिस अनुरूप सिंघी की डिवीजन बेंच ने निगम की सफाई व्यवस्था पर सीधे तंज कसते हुए कहा कि जोधपुर शहर की स्वच्छता की स्थिति बहुत खराब है।

याचिकाकर्ता ने लालसागर वन में आनासागर बांध से मलबा, कचरा हटाने को लेकर याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह केवल आनासागर बांध का मामला नहीं, बल्कि पूरे जोधपुर शहर की स्वच्छता से जुड़ी है।

पूछा था- वास्तव में कितने लोग काम कर रहे?

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने नगर निगम के वकील को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हुए कहा कि सफाई और मलबा, कचरा हटाने के कार्य के लिए नगर निगम के पास कितने अधिकृत कर्मचारी हैं और उनमें से कितने वास्तव में कार्यरत हैं। नगर निगम जोधपुर शहर में सड़कों, पार्कों से सफाई और मलबा, कचरा हटाने की कार्ययोजना भी प्रस्तुत करे।

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