पाकिस्तान-बांग्लादेश पर मेहरबान ट्रम्प, टैरिफ 20% से ज्यादा नहीं:भारत-ब्राजील पर 50% टैरिफ की मार; चीन की GDP 1% गिरने का खतरा

दुनियाभर के देशों को टैरिफ से डरा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत के दो पड़ोसी देशों पर खासे मेहरबान हैं। ट्रम्प ने पाकिस्तान पर 19% तो बांग्लादेश पर 20% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।

इसके उलट भारत पर दो बार में 25-25% टैरिफ लगाने का आदेश दिया है। साथ ही सेकेंडरी सैंक्शन्स की धमकी भी दी है।

भारत की तरह ही ब्राजील पर ट्रम्प ने 50% टैरिफ लगा दिया है। वहीं, चीन पर फिलहाल 30% टैरिफ लगाया जा रहा है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर टैरिफ दर बढ़ती है, तो चीन की GDP लगभग 1% तक घट सकती है।

स्टोरी में जानिए कैसे ट्रम्प के टैरिफ से फायदे में हैं पाकिस्तान और बांग्लादेश, और क्यों नुकसान में है चीन…

देश जिन्हें टैरिफ से सबसे ज्यादा फायदा

1. पाकिस्तान: साउथ एशियाई देशों के मुकाबले सबसे कम टैरिफ

ट्रम्प ने पाकिस्तान पर 19% टैरिफ लगाया है। साउथ एशिया के किसी भी देश पर यह सबसे कम अमेरिकी टैरिफ है। इससे पहले ट्रम्प ने अप्रैल में पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगाने की बात कही थी।

नए आदेश में ट्रम्प ने पाकिस्तान को 10% की रियायत दी है। ट्रम्प ने पाकिस्तान के साथ ऑयल डील भी की है। इसके तहत अमेरिका, पाकिस्तान में तेल की खोज, प्रोसेसिंग और स्टोरेज बनाने में मदद करेगा।

पाकिस्तान का सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र उसका कपड़ा उद्योग (80%) है। अमेरिका उसका सबसे बड़ा खरीदार है। कम टैरिफ से इसकी अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी बढ़ सकती है।

अमेरिका की पाकिस्तान के साथ डील, भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव ला सकती है। इससे पाकिस्तान, अमेरिका के साथ मिलकर अपनी क्षेत्रीय स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेगा।

अमेरिका की मदद से पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक और IMF से वित्तीय सहायता भी मिल सकती है।

2. बांग्लादेश: 4 महीने में 17% टैरिफ कम करवाया

अमेरिका ने बांग्लादेश पर 20% टैरिफ लगाया है। इससे पहले अप्रैल में बांग्लादेश पर 37% टैरिफ लगाया गया था। बांग्लादेश 4 महीने में अमेरिका से 17% टैरिफ कम कराने में कामयाब रहा।

बांग्लादेश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक है। भारत पर ज्यादा टैरिफ से इसका कपड़ा निर्यात बढ़ सकता है। 2024 में इसका निर्यात 8 अरब डॉलर (70 हजार करोड़ रुपए) था, जो 2026 तक 10 अरब डॉलर (88 हजार करोड़ रुपए) हो सकता है।

कम टैरिफ से बांग्लादेश अमेरिकी बाजार में अपनी 9% हिस्सेदारी बनाए रख सकता है। FBCCI के मुताबिक इससे देश की GDP में 2026 तक 0.2% तक बढ़ोतरी हो सकती है।

3. वियतनाम: टेक्सटाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में बढ़त

अमेरिका ने वियतनाम पर 20% टैरिफ लगाया है, लेकिन यह भारत (50% टैरिफ) और चीन (30%) की तुलना में कम है। इससे वियतनाम के सामानों को अमेरिकी बाजारों में आसानी से पहुंच मिलेगी।

वियतनाम को सेमीकंडक्टर सेक्टर में पहले ही बड़ी कंपनियों की ‘चाइना-प्लस-वन’ पॉलिसी (चीन के अलावा एक और साझेदार) का लाभ मिल रहा है।

एपल और सैमसंग जैसी कंपनियां चीन से अपनी सप्लाई चेन को वियतनाम ट्रांसफर कर रही हैं। दूसरे देशों की तुलना में कम टैरिफ होने से वियतनाम का अमेरिका को निर्यात बढ़ सकता है।

अमेरिका के कम टैरिफ का फायदा वियतनाम की टेक्सटाइल इंडस्ट्री खासकर सस्ते कपड़ों और रेडीमेड गारमेंट्स को होगा। 2013-2023 के बीच वियतनाम का कपड़ा निर्यात 82% बढ़कर लगभग 3 लाख करोड़ रुपए हो गया।

4. मेक्सिको: कई सामानों पर 0% टैरिफ

मेक्सिको पर अमेरिका ने 25% टैरिफ लगा रखा है। हालांकि मेक्सिको USMCA (United States-Mexico-Canada Agreement) के तहत व्यापार करता है। जिसके तहत कुछ छूट का लाभ उठा सकता है। USMCA के नियमों का पालन करने वालों सामानों पर अमेरिका ने मेक्सिको को 0% टैरिफ की छूट दी है।

मेक्सिको अमेरिका के साथ ट्रेड करने में पहले स्थान पर है। 2024 में अमेरिका के साथ व्यापार में मेक्सिको की भागीदारी 16% थी। ये अब और बढ़ सकती है।

मेक्सिको, अमेरिका को कारें, ट्रक और ऑटोमोबाइल पार्ट्स जैसे इंजन, ट्रांसमिशन का निर्यात करता है। मेक्सिको के ऑटोमोबाइल पार्ट्स के कुल निर्यात का लगभग 90% हिस्सा अमेरिका जाता है।

मेक्सिको, अमेरिका को कृषि उत्पाद (टमाटर, एवोकाडो, बेरीज नींबू, सब्जियां) निर्यात करता है। मेक्सिको अमेरिका का सबसे बड़ा एवोकाडो सप्लायर है। USMCA के तहत इन पर 0% टैरिफ लगता है, जिससे इस सेक्टर को फायदा होगा।

अमेरिका कुल स्टील निर्यात का 15-20% हिस्सा मेक्सिको से लेता है। ये कनाडा और ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर है। ब्राजील पर 50% टैरिफ होने के कारण अमेरिका मेक्सिको से स्टील निर्यात बढ़ा सकता है।

देश जिन्हें टैरिफ से सबसे ज्यादा नुकसान…

1. भारत- 25 से 30 लाख नौकरियां खतरे में

अमेरिका ने भारत पर 6 अगस्त को 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया। इससे भारत का कुल टैरिफ 25% से बढ़कर 50% हो गया है। ये एक्स्ट्रा टैरिफ 27 अगस्त से शुरू होगा। ट्रम्प ने टैरिफ बढ़ाने का कारण रूस से तेल खरीद को बताया।

अमेरिका ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (USTR) 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अमेरिका को लगभग 7.35 लाख करोड़ रुपए का सामान निर्यात किया। 50% टैरिफ से भारत के प्रोडक्ट अमेरिकी बाजार में महंगे होंगे, जिससे मांग में कमी आएगी।

अमेरिका 15% टेक्सटाइल भारत से आयात करता है। टैरिफ बढ़ने से इसमें गिरावट आ सकती है, जिसका असर भारत में टेक्सटाइल प्रोडक्शन पर पड़ सकता है।

हाई टैरिफ का असर रोजगार पर भी पड़ेगा। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, MSME (छोटे और मध्यम उद्योग) क्षेत्र में 25-30 लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।

भारत ने 2024 में 11 बिलियन डॉलर (₹91 हजार करोड़) का रत्न और ज्वेलरी निर्यात किए। टैरिफ से कीमतें बढ़ने पर मांग कम हो सकती है। इसका असर भारत के ज्वेलरी बाजार सूरत के डायमंड और पॉलिशिंग हब पर पड़ेगा।

2. ब्राजील: GDP में 2.7% तक की गिरावट का अनुमान

अमेरिका ने भारत की तरह ब्राजील पर भी 50% टैरिफ लगा रखा है। इसके पीछे ट्रम्प ने पूर्व राष्ट्रपति जायरे बोल्सोनारो पर मुकदमा चलाए जाने को वजह बताया है। राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने इसके खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत भी की है।

ब्राजील, अमेरिका को स्टील बेचने में तीसरे नंबर पर है। ब्राजील ने 2024 में अमेरिका को 10 बिलियन डॉलर (₹87 हजार करोड़) का स्टील और एल्यूमीनियम निर्यात किया था। टैरिफ लगने से इसे सबसे ज्यादा नुकसान होगा।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुताबिक, ब्राजील की GDP में 2.7% तक की गिरावट और 1 लाख से ज्यादा नौकरियां छिन सकती हैं।

बढ़ें टैरिफ का असर कॉफी उत्पादन पर भी पड़ेगा। 2024 में ब्राजील ने अमेरिका को 4.4 बिलियन डॉलर (₹38 हजार करोड़) की 4.40 लाख करोड़ किलो कॉफी निर्यात की।

3. चीन की GDP 1% तक गिरने का खतरा

अमेरिका ने मई में चीन पर 145% टैरिफ लगा दिया था। इसके बाद चीन ने अमेरिका पर 125% जवाबी टैरिफ लगाया। बातचीत के बाद दोनों ने एक दूसरे पर टैरिफ कम किया। अभी अमेरिका ने चीन पर 30% और चीन ने अमेरिका पर 10% टैरिफ लगाया है।

अमेरिका ने चीन को ट्रेड डील के लिए अलग से 12 अगस्त तक की मोहलत दी है। चीन पर अमेरिका के हाई टैरिफ का सीधा असर उसके निर्यात और इंडस्ट्री पर पड़ेगा।

चीन अमेरिका को लगभग 500 अरब डॉलर (43 लाख करोड़ रुपए) से अधिक का सामान निर्यात करता है। Apple जैसे ब्रांड चीन में बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन करते हैं। उन्हें मंहगाई का सामना करना पड़ेगा।

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के व्यापक टैरिफ उपायों के बावजूद चीन का आर्थिक प्रभाव सीमित रहा है। यदि टैरिफ दर बढ़ती है, तो इससे चीन की GDP 1% तक घट सकती है।

E-Paper 2025