हरियाणा में पानीपत के सिविल अस्पताल में रविवार को एक अजीबोगरीब घटना हुई, जहां दो शव आपस में बदल गए। एक परिवार ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया। इसके बाद वे अंतिम संस्कार के लिए शव को अपने गांव ले गए।
जब परिजनों ने अपने घर पर विलाप करते हुए शव के अंतिम दर्शन किए तो उनके होश उड़ गए। तब उन्हें पता चला कि यह शव को किसी दूसरे का है।
आनन-फानन में वे शव लेकर तुरंत सिविल अस्पताल लौटे और अस्पताल प्रशासन को इस बारे में सूचित किया। इसके बाद दूसरे परिवार से संपर्क किया गया।
दोनों परिवारों के सदस्य अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे, जिससे अस्पताल में तनाव का माहौल बन गया। डॉक्टरों का कहना है कि परिजनों ने ही शव की गलत पहचान की थी, इसलिए ऐसा हुआ। दोनों लोगों की अलग-अलग हादसे में मौत हुई थी।
पहले जानिए दोनों की कैसे मौत हुई….
- बाइक सवार सांड से टकराया: महावटी गांव निवासी अंकुश (25) शनिवार रात को बाइक पर घर जा रहा था। जब वह गांव शिमला गुजरान के पास पहुंचा तो उसकी बाइक के सामने अचानक सांड आ गया और वह गिरकर घायल हो गया। राहगीरों ने उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने इस हादसे की सूचना समालखा थाना पुलिस को दी थी। पुलिस ने शिनाख्त कर उसके परिजनों को इस बारे में सूचित कर दिया।
- इसराना में हुई गेस्ट टीचर की मौत : रविवार सुबह 8 बजे इसराना निवासी गेस्ट टीचर अमरजीत (42) नौल्था गोशाला में जा रहा था। इसराना फ्लाईओवर पर ट्रक ने अमरजीत की बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में अमरजीत ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। ट्रक चालक यहां से फरार हो गया। इसराना थाना पुलिस ने अमरजीत के शव को सिविल अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया था।
अब जानिए कैसे दोनों के शव बदले गए…
- चोट के कारण पहचान नहीं पाए शव : रविवार सुबह 9 बजे अंकुश व अमरजीत के परिवार के लोग सिविल अस्पताल पहुंचे। यहां अस्पताल के कर्मचारियों ने उसके परिजन से अंकुश के शव की पहचान कराई तो चेहरे पर चोट के कारण वह शव को सही से पहचान नहीं पाए। जिसके बाद उन्होंने अमरजीत के शव को अंकुश का शव बताया। डॉक्टरों ने अंकुश के नाम का पंचनामा भर अमरजीत के शव का पोस्टमॉर्टम कर उन्हें शव सौंप दिया।
- विलाप करते वक्त पहचाना शव : दोपहर करीबन डेढ़ बजे परिजन शव लेकर महावटी गांव चले गए। वहां विलाप करते हुए जब परिवार वालों ने अंतिम बार अंकुश के शव को देखने लगे तो सभी हैरान हो गए और उन्होंने शव को किसी और का बताया। फिर परिजन वापस शव को सिविल अस्पताल लेकर आए। यहां अमरजीत के परिवार वाले पहले से खड़े थे। उन्होंने इस शव को अमरजीत के परिवार को दिखाया। उन्होंने इसकी पहचान अमरजीत के रूप में की। इसे अमरजीत के परिजनों को दे दिया गया। फिर अंकुश के शव का पोस्टमॉर्टम करा यहां से परिजन महावटी ले गए।
SMO बोले- हमारे स्तर पर नहीं हुई गलती सिविल अस्पताल के SMO डॉ. संजीव गुप्ता ने कहा कि हमारे स्तर पर शव नहीं बदले गए हैं। परिजनों ने ही शवों की गलत पहचान की थी। परिजनों ने जिसकी पहचान की थी, उन्होंने उसी का पोस्टमॉर्टम किया था। बाद में परिजनों ने अपनी गलती मानकर शवों को बदलकर ले गए।
दो माह पहले पलवल में बदले गए थे कारोबारियों के शव
शव बदले जाने का ऐसा ही एक मामला 3 महीने पहले पलवल से भी सामने आया था। एक हादसे में मारे गए 2 कारोबारियों के शव आपस में बदल गए थे और ग़लती से उनके घरों तक पहुँच गए। 29 जुलाई की सुबह, जब मृतक कारोबारी अभिनव के एक दोस्त ने अंतिम संस्कार से पहले अंतिम दर्शन करने की इच्छा जताई, तो उसने शव के चेहरे से कपड़ा हटाया और पाया कि यह अमित का शव था।
यह देखकर सभी हैरान रह गए। अभिनव के परिजनों ने तुरंत दूसरे मृतक कारोबारी अमित के घर फोन किया और उनके परिवार को पूरे मामले की जानकारी दी। अमित के परिवार ने भी शव के चेहरे से कपड़ा हटाया और पाया कि वह अभिनव का शव था।