प्रयागराज में यूपी STF ने झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर छोटू धनबादिया उर्फ आशीष रंजन को ढेर कर दिया। आशीष रंजन पर 4 लाख रुपए का इनाम था। STF इंस्पेक्टर प्रयागराज जेपी राय ने बताया- वह एमपी के रास्ते शंकरगढ़ पहुंचा था।
सर्विलांस से उसकी लोकेशन ट्रेस हुई। शंकरगढ़ के शिवराज चौराहे पर घेराबंदी की गई। यहां बाइक से आशीष रंजन आता हुआ नजर आया। STF ने उसे रोकने की कोशिश की। पुलिस को देख उसने गाड़ी की स्पीड तेज कर ली।
STF ने उसका पीछा किया। कुछ दूर जाकर उसने एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। टीम ने क्रॉस फायरिंग की। इसमें गोली आशीष रंजन को लग गई। खून से लथपथ होकर वहीं गिर गया। STF के मुताबिक, 10 मिनट तक मुठभेड़ चली। 46 राउंड फायरिंग हुई। इसमें से 16 राउंड फायरिंग STF ने की थी। SFT को मौके से AK-47, पिस्टल और भारी मात्रा में 9MM कारतूस मिले हैं।
5 पाइंट में जानिए कैसे हुई मुठभेड़
- STF टीम को खबर मिली कि झारखंड का मोस्ट वांटेड अपराधी आशीष रंजन सिंह उर्फ छोटू अपने साथी के साथ प्रयागराज में बड़ी वारदात को अंजाम देने आ रहा है। टीम ने तुरंत योजना बनाई। शिवराजपुर-प्रतापपुर रोड पर 3 किमी आगे घेराबंदी की। कुछ ही देर में काली बाइक से दो लोग आते दिखाई दिए।
- मुखबिर ने दूर से टॉर्च और हेडलाइट की रोशनी में पहचान कर बताया कि बाइक चला रहा युवक ही छोटू है। उसकी पीठ पर बैग था। पुलिस ने गाड़ियों से घेराबंदी कर उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन छोटू मोटरसाइकिल को जंगल की ओर कच्चे रास्ते पर मोड़कर भागने लगा। इसी दौरान बाइक फिसलकर गिर गई।
- छोटू ने झोले से AK-47 निकाली और फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने सरेंडर करने को कहा, लेकिन वह नहीं माना। लगातार 8-10 मिनट तक गोलियां चलता रही। एक गोली इंस्पेक्टर जयप्रकाश राय के सिर के पास से निकल गई। प्रभंजन, रोहित और अजय भी बाल-बाल बचे।
- इसी बीच छोटू ने पुलिस को ललकारते हुए कहा, “भाग जाओ, मैं पहले भी कई हत्याएं कर चुका हूं, तुमको भी AK-47 से उड़ा दूंगा। आखिरकार पुलिस ने जवाबी फायरिंग की। छोटू गोली लगते ही गिर पड़ा।
- पुलिस ने घायल छोटू को पकड़ लिया। नाम पूछने पर बोला- मैं आशीष रंजन उर्फ छोटू, धनबाद से हूं। उसकी हालत गंभीर थी, उसे बोलेरो से जिला अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। छोटू का साथी जंगल में अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया।
एनकाउंटर स्पॉट के वीडियो सामने आए
आशीष रंजन को गोली लगने के बाद एनकाउंटर स्पॉट के वीडियो सामने आए। इसमें दिख रहा कि आशीष रंजन जंगल में पड़ा हुआ है। एसटीएफ का एक जवान कह रहा है कि जल्दी अस्पताल ले चलो, अभी जिंदा है। पास में ही एम्बुलेंस खड़ी नजर आ रही है। आशीष रंजन को एंबुलेंस से नजदीक अस्पताल ले जाती है। वहां डॉक्टर उसे मृत घोषित कर देते हैं।
यूपी की कई गैंग को एके-47 सप्लाई करता था आशीष
STF सूत्रों के मुताबिक, आशीष रंजन झारखंड-बिहार के अलावा यूपी में भी एक्टिव था। उस पर 20 से ज्यादा मुकदमे झारखंड और बिहार में दर्ज थे। एसटीएफ को काफी टाइम से इनपुट मिल रहा था कि वह धीरे-धीरे यूपी में एक्टिव हो रहा है। यूपी की कई गैंग को एके-47 जैसे हाइटेक असलहों की सप्लाई भी करता था।
वारदात को अंजाम देने के यूपी में छिप जाता था
झारखंड के धनबाद जिले में अमन सिंह सहित 5 हत्याकांडों में आशीष रंजन सिंह उर्फ छोटू को पुलिस की तलाश थी। आशीष पहले झारखंड में अमन सिंह गैंग का शूटर था। वह अमन सिंह के इशारे पर रंगदारी मांगने से लेकर हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देता था।
अमन सिंह ही घटना के बाद आशीष को यूपी में शेल्टर देने का काम करता था। अमन सिंह के जेल जाने के बाद आशीष ने अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहा। इस बीच, अमन से उसकी अनबन हो गई। इसके बाद आशीष ने अमन सिंह की हत्या ही जेल में कराई थी।
गैंगस्टर अमन सिंह की 3 दिसंबर 2023 को धनबाद जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की जिम्मेदारी आशीष रंजन ने खुद एक ऑडियो जारी कर ली थी। जेल में बंद सुंदर उर्फ रितेश यादव ने अमन सिंह को गोली मारी थी, लेकिन पूछताछ में सामने आया कि इस हत्या का मास्टरमाइंड आशीष रंजन ही था।
अमन सिंह के तीन हत्यारोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने आशीष के कहने पर वारदात को अंजाम दिया। आशीष ने न सिर्फ सोशल मीडिया पर उसकी हत्या की जिम्मेदारी ली, बल्कि खुद को अमन विरोधी घोषित कर दिया था।
इन वारदातों में था शामिल आशीष
- 2019 मे धनबाद के थाना सरायढेला मे जमीन कारोबारी समीर मंडल की हत्या की थी।
- 2021 में धनबाद के थाना कतरास में कोयला व्यापारी नीरज तिवारी की हत्या कर दी थी।
- 2021 में धनबाद के थाना बैकमोड में सफुल हसन उर्फ लाला की हत्या की थी।
- 2023 मे धनबाद जेल मे वर्चस्व को लेकर जेल में अमन सिंह की हत्या कराई थी।