कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मंगलवार को संसद परिसर में कहा, ‘माननीय जजों का पूरा सम्मान रखते हुए मैं ये कहना चाहती हूं कि वे यह तय नहीं करते कि सच्चा भारतीय कौन है।’
उन्होंने कहा, ‘सरकार से सवाल पूछना विपक्ष के नेता का कर्तव्य है। मेरा भाई कभी भी सेना के खिलाफ नहीं बोलेगा, उनके प्रति सम्मान रखता है। भाई की बातों का गलत मतलब निकाला गया।’
इधर, संसद भवन में NDA संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने इसी मुद्दे पर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट की इससे बड़ी फटकार हो ही नहीं सकती है।’
दरअसल, प्रियंका का ये जवाब सुप्रीम कोर्ट के राहुल के ‘सच्चे भारतीय’ होने पर उठाए सवाल पर आया। 4 अगस्त को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सेना पर की गई टिप्पणी मामले पर सुनवाई के दौरान SC ने नाराजगी जताई थी।
कोर्ट ने कहा था कि सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा। आपको कैसे पता चला कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग KM जमीन पर कब्जा कर लिया है।
16 दिसंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने विवादित बयान दिया था। कहा था- लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पूछेंगे, लेकिन चीन ने 2000 वर्ग किमी भारतीय जमीन कब्जा की है, 20 भारतीय सैनिक मारे गए और हमारे सैनिकों को अरुणाचल में पीटा जा रहा है, उसके बारे में बात नहीं कर रहे हैं।
इस पूरे मामले को 2 पॉइंट्स में समझिए
4 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ये बातें संसद में क्यों नहीं कहते
सेना पर दिए बयान से जुड़ी राहुल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- आप विपक्ष के नेता हैं। ये बातें संसद में क्यों नहीं कहते। सोशल मीडिया की क्या जरूरत है? कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किमी क्षेत्र कब्जा लिया। क्या आप वहां थे। कोई प्रमाण है।
हालांकि, इस केस में लखनऊ की अदालत में उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। जस्टिस दीपांकर दत्ता और एजी मसीह की बेंच ने उप्र सरकार और शिकायतकर्ता से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। 29 मई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी। राहुल ने निचली अदालत से अपने खिलाफ जारी समन को चुनौती दी है। शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव ने कहा था कि दिसंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा में राहुल ने चीन के संदर्भ में भारतीय सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
3 अप्रैल 2025: राहुल का दावा- चीन ने हमारी 4 हजार वर्ग किमी जमीन कब्जाई
चीन के भारतीय जमीन को कब्जाने पर राहुल कई बार बयान दे चुके हैं। भारत जोड़ो यात्रा में उन्होंने इस मुद्दे पर कई बार की। इस साल 3 अप्रैल को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भारत-चीन के राजनयिक संबंधों की 75वीं सालगिरह के जश्न को लेकर सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा था कि चीन हमारे 4 हजार वर्ग किमी इलाके पर कब्जा करके बैठा है, लेकिन मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि हमारे विदेश सचिव (विक्रम मिसरी) चीनी राजदूत के साथ केक काट रहे थे।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान राहुल ने कहा था कि हम सामान्य स्थिति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उससे पहले हमें अपनी जमीन वापस मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि मुझे पता चला कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने चीनी राजदूत को चिट्ठी लिखी है और यह भी हमें दूसरों से पता चल रहा है। चीनी राजदूत भारत के लोगों को बता रहे हैं कि उन्हें चिट्ठी लिखी गई।
इस मुद्दे पर किसने क्या कहा…
- कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला: भारतीय भूमि पर चीनी कब्जा एक हकीकत है, जिसे किसी भी देशभक्त भारतीय को नकारना चाहिए। न ही उसे दबाना चाहिए। राष्ट्रवाद की मांग है कि केंद्र सरकार से भारतीय भूमि पर चीन का कब्जा खाली कराने और अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल को लेकर सवाल पूछे जाएं। राहुल गांधी ने भी बार-बार यही किया है। अगर यह अवमानना है, तो मुझे (एक भारतीय नागरिक को), इसे स्वीकार करना होगा, क्योंकि यही एक सच्चे भारतीय और देशभक्त होने की परीक्षा है। मुझे और लाखों भारतीयों को अवमानना में रखें, लेकिन आइए हम अपना क्षेत्र चीनियों से वापस ले लें।
- ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास: जस्टिस दीपांकर दत्ता को केवल मोदी सरकार की ‘चीनी आक्रामकता पर विफलता’ की आलोचना करने के लिए गांधी की भारतीयता पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं।
- अशोक गहलोत: राहुल गांधी ने कोई राज नहीं खोला। घुसपैठ और झड़पों के बारे में जो कहा वह बहुत समय से सार्वजनिक है। लगभग 2000 किलोमीटर तक की घुसपैठ इंटरनेट और मीडिया में मौजूद विश्वसनीय जानकारी में भी दिखाई देती है, जिसमें घुसपैठ का स्थान भी शामिल है।
- गौरव भाटिया ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है। कांग्रेस पार्टी के नेता के रूप में वह कितने परिपक्व हैं? यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने भारत विरोधी मानसिकता दिखाई है।’
2020 की गलवान झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे
2020 में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गोलियां चलीं।
इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें 40 चीनी सैनिक मारे गए थे।