फिलिस्तीन को आजाद देश की मान्यता देगा ऑस्ट्रेलिया:न्यूजीलैंड बोला- हम भी विचार कर रहे; 17 दिन में 4 देशों ने किया ऐलान

ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को एक अलग देश के तौर पर मान्यता देने का ऐलान किया है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने सोमवार को कहा कि इस पर सितंबर में फैसला लिया जाएगा।

इससे पहले ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा भी फिलिस्तीन को मान्यता देने का ऐलान कर चुके है। दो सप्ताह पहले फ्रांस ने जब फिलिस्तीन को आजाद देश की मान्यता देने का ऐलान किया था, तब अल्बनीज ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया ऐसा कोई कदम नहीं उठाने जा रहा है।

अब अल्बनीज ने कहा कि अलग फिलिस्तीन देश के तौर पर मान्यता देने का फैसला पिछले दो हफ्तों में ब्रिटेन, फ्रांस, न्यूजीलैंड और जापान के नेताओं से बातचीत के बाद लिया गया।

वहीं, न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा कि उनका देश भी फिलिस्तीन को अलग देश के तौर पर मान्यता देने के लिए विचार कर रहा है।

अल्बनीज बोले- इजराइल कानून की अनदेखी कर रहा

अल्बनीज ने गाजा की मौजूद हालत को ‘दुनिया का सबसे बुरे सपना बताया’। उन्होंने कहा कि इजराइल लगातार अंतरराष्ट्रीय कानून की अनदेखी कर रहा है। अब पश्चिम एशिया में हिंसा खत्म करने और गाजा में युद्ध, भूख और पीड़ा को रोकने का सबसे अच्छा तरीका टू स्टेट सॉल्यूशन है, जिसमें राजनीतिक रास्ता अपनाया जाए, सैन्य नहीं।

ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा कि उन्होंने इसे लेकर नेतन्याहू से भी बात की। उन्होंने महसूस किया है कि उनके तर्क एक साल पहले के जैसे ही हैं। उन्होंने नेतन्याहू से कहा कि अब सैन्य समाधान नहीं, बल्कि राजनीतिक समाधान की जरूरत है।

अलग देश की मान्यता पर रखी शर्तें

ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को मान्यता देने के पीछे कुछ शर्तें भी रखी हैं। पीएम अल्बनीज ने कहा कि फिलिस्तीन प्राधिकरण (PA) को यह वादा करना होगा कि वह अपने नियंत्रण वाले इलाकों में हथियारबंद गुटों और मिलिशिया को खत्म करेगा।

अल्बनीज ने कहा कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भविष्य में होने वाले किसी भी फिलिस्तीनी राज्य में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी। अल्बनीज ने कहा कि PA ने उस सिस्टम को भी खत्म करने की बात कही है जिसमें इजराइल के लिए लड़ने वाले परिवारों को पैसे दिए जाते हैं। इसे अक्सर ‘हत्या की कीमत’ कहा जाता है।

इसके अलावा अल्बनीज ने आम चुनाव करने और इजराइल के अस्तित्व के अधिकार को भी मान्यता देने की मांग की। फिलिस्तीनी प्राधिकरण ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के फैसले पर कहा कि एक अलग देश का दर्जा मिलना उनके आत्म निर्णय के अधिकार को बढ़ावा देता है।

फिलिस्तीनी प्राधिकरण वेस्ट बैंक में बनी एक तरह की अस्थायी सरकार है, जिसे 1994 में ओस्लो समझौते के तहत बनाया गया था। इसका काम वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी के कुछ हिस्सों में फिलिस्तीनी लोगों के लिए प्रशासन चलाना और पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य और कुछ स्थानीय मामलों की जिम्मेदारी संभालना है।

फिलिस्तीन के लिए ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शन हुआ

ऑस्ट्रेलियाई पीएम का यह फैसला देश में हजारों फिलिस्तीनी समर्थक कार्यकर्ताओं और कैबिनेट के कुछ सदस्यों के हफ्तों से जारी दबाव के बाद आया है।

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में रविवार को करीब 10 हजार लोगों ने गाजा के समर्थन में एक बड़ा मार्च निकाला। इस दौरान लोगों ने सत्ताधारी लेबर पार्टी और पीएम अल्बनीज के खिलाफ नारे लगाए थे।

यह मार्च सिडनी के मशहूर हार्बर ब्रिज पर हुआ, जिसमें लोग गाजा के मानवीय संकट के खिलाफ आवाज उठाई। प्रदर्शनकारियों ने फ्री फिलिस्तीन जैसे नारे लगाए और गाजा में भुखमरी खत्म करने की मांग की।

इस मार्च को फिलिस्तीन एक्शन ग्रुप ने आयोजित किया था, जिसका मकसद दुनिया का ध्यान गाजा क मुश्किल हालातों की ओर खींचना था।

गाजा में 61 हजार लोगों की मौत

हमास से जुड़े स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक गाजा में अब तक भूख और कुपोषण से 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय ने यह भी दावा किया कि अक्टूबर 2023 से चल रही जंग में अब तक 61 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

इस बीच इजराइल ने गाजा पर कब्जा करने की कोशिश शुरू कर दी है। इजराइली सिक्योरिटी कैबिनेट ने शुक्रवार सुबह गाजा सिटी पर कब्जा करने की मंजूरी दी थी।

नेतन्याहू ने कहा कि यह कदम हमास को खत्म करने और बंधकों को छुड़ाने के लिए ज़रूरी है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि इससे बंदियों की जान और खतरे में पड़ सकती है और गाजा में संकट और बड़ा हो जाएगा।

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