दिल्ली पुलिस ने बटाला के किला लाल सिंह थाने पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी इंदौर से पकड़े गए आतंकी आकाशदीप सिंह की पूछताछ के बाद हुई। जांच में पता चला कि 7 अप्रैल को हुए हमले के आरोपियों को ठहराने की व्यवस्था इसी ने की थी।
यह मामला अब NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) के पास है। पकड़े गए आरोपी की पहचान अमृतसर के गांव चन्नके निवासी करणवीर सिंह के रूप में हुई है। करणवीर की उम्र 22 साल है और वह सिर्फ 12वीं पास है। उसने बताया कि वह सोशल मीडिया के जरिए विदेश में बैठे बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के हैंडलर से जुड़ा हुआ था। वहीं से उसे आतंकी हमले की योजना और पैसे मिलते थे।
साल 2024 में वह BKI के नेटवर्क के जरिए वेस्ट एशिया के एक देश भी गया था। पूछताछ में उसने यह भी कबूला कि हमले से पहले दो संदिग्धों को अपने घर में ठहराया था, और इन्हीं लोगों ने जाकर थाने पर ग्रेनेड फेंका था।
भाई को पहले ही अरेस्ट कर चुकी पुलिस
करणवीर अकेला ही BKI के संपर्क में नहीं था। उसने अपने भाई को भी अपने साथ आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में जोड़ रखा था। दिल्ली पुलिस के अनुसार करणवीर का भाई गुरसेवक, जो इस साजिश में शामिल था, पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
ऑपरेशन सेल करेगा निगरानी
दिल्ली पुलिस ने खालिस्तानी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक ‘ऑपरेशन सेल’ गठित किया है, जो सोशल मीडिया के जरिए विदेशों से संचालित हो रही आतंकी साजिशों की निगरानी करेगा। यह सेल पाकिस्तान, कनाडा जैसे देशों से चल रही गतिविधियों पर विशेष ध्यान देगी और भारत में युवाओं को बरगलाकर आतंकी रास्ते पर धकेलने की साजिशों को रोकने का प्रयास करेगी।
डीसीपी स्पेशल सेल अमित कौशिक ने कहा- “यह गिरफ्तारी BKI के भारत में फैले नेटवर्क के खिलाफ बड़ी सफलता है। हम आरोपी से पूछताछ कर अन्य लिंक और मॉड्यूल की गहन जांच कर रहे हैं।”
बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI): एक खालिस्तानी आतंकी संगठन
बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) एक खालिस्तानी आतंकी संगठन है जिसकी स्थापना 1978 में तलविंदर सिंह परमार और सुखदेव सिंह बब्बर ने की थी। इसका उद्देश्य पंजाब को भारत से अलग कर एक स्वतंत्र सिख राष्ट्र ‘खालिस्तान’ की स्थापना करना है। भारत, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों ने इसे आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है।
1980 के दशक में पंजाब में उग्रवाद के दौरान BKI ने कई हत्याएं, बम धमाके और हिंसक वारदातें कीं। 1985 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 में हुए बम विस्फोट, जिसमें 329 लोगों की मौत हुई, इसकी सबसे कुख्यात घटना है। यह हमला कनाडा के इतिहास का सबसे भीषण आतंकी हमला माना जाता है।
हालांकि पिछले वर्षों में संगठन की गतिविधियां कम हुई हैं, लेकिन यह पूरी तरह निष्क्रिय नहीं है। BKI आज भी ड्रोन से हथियारों की तस्करी, लक्षित हत्याएं और सोशल मीडिया के जरिये युवाओं की भर्ती जैसे कार्यों में संलिप्त पाया गया है। इसके नेटवर्क को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से समर्थन मिलने की भी आशंका जताई गई है।
भारत सरकार ने इसे गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित किया हुआ है और हाल के समय में इसके कई सदस्य गिरफ्तार किए जा चुके हैं। BKI आज भी भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती बना हुआ है।