भारत-पाक बॉर्डर से सटे श्रीगंगानगर में अवैध धर्मांतरण का मामला सामने आया है। किराए के मकान में चल रहा था अवैध चर्च चल रहा था। जहां रुपयों का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था।
गुरुवार देर रात धर्मांतरण के आरोप में जर्मनी के एक दंपती समेत 6 लोगों को डिटेन किया गया है। घटना श्रीकरणपुर कस्बे के वार्ड नंबर-22 स्थित लक्कड़ मंडी, श्री गुरुनानक दरबार गुरुद्वारे के पास की है।
चर्च के बाहर भीड़, शांति रखने की अपील
पुलिस ने मौके से जर्मनी के स्वैन बॉज बेट जलेर और उनकी पत्नी सैंड्रा, संतोष वर्गीसी (कर्नाटक), मैथ्यू (केरल), बलजिंदर सिंह खोसा और राजेश कंबोज उर्फ पोपी को हिरासत में लिया है।
देर रात तक चर्च के बाहर और थाने के सामने बड़ी संख्या में हिंदू और सिख संगठनों के लोग जमा रहे। सीओ पुष्पेंद्र सिंह ने लोगों से समझाइश की।
बॉर्डर एरिया के नजदीक भी गए थे आरोपी
जानकारी के अनुसार जर्मन दंपती पिछले दिनों भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे माझीवाला बॉर्डर क्षेत्र में भी घूमने के लिए गए थे। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।
इस बात की जांच की जा रही है कि जर्मन दंपती वहां तक कैसे पहुंचे। बीकानेर रेंज आईजी हेमंत शर्मा और श्रीगंगानगर एसपी अमृता दुहन के श्रीकरणपुर पहुंचने के बाद आगे की जांच होगी।
बिना अनुमति एंट्री पर सख्ती
पुलिस अधिकारियों के अनुसार श्रीकरणपुर अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा संवेदनशील क्षेत्र है, जहां विदेशी नागरिकों की आवाजाही पर सख्त नियम लागू हैं।
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जर्मन दंपती ने बिना अनुमति क्षेत्र में प्रवेश किया और गुप्त रूप से धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था।
ऐसे मामलों में धार्मिक भावनाएं भड़कने और कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा रहता है। फिलहाल सभी हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है।
विश्व हिंदू परिषद की ओर से अवैध धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए थाने में परिवाद दिया गया है। विरोध प्रदर्शन में श्याम सिंह राजपुरोहित, चिराग, अशोक जोशी, गुंटूर गुंबर सहित कई लोग शामिल रहे।
गली वालों को भी नहीं थी भनक
जिस मकान में चर्च संचालित होने का आरोप है, वह जोगेंद्र सिंह पेटीवाले के परिवार का बताया जा रहा है, जिसे किराए पर दिया गया था। हैरानी की बात यह है कि पड़ोसियों को भी अंदर चल रही गतिविधियों की जानकारी नहीं थी।
हालांकि पिछले कुछ दिनों से संदिग्ध लोगों का आना-जाना बढ़ गया था, जिनमें विदेशी भी शामिल थे। सूचना मिलने पर सीआईडी के खुफिया विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची।
नए कानून के बाद भी नहीं थमी गतिविधियां
राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी नए कानून लागू होने के बाद भी श्रीगंगानगर जिले में ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
- 16 सितंबर, अनूपगढ़: पादरी पोलस बारजो पर केस दर्ज, 2008 से बॉर्डर एरिया में रैकेट चलाने का आरोप।
- 6 अक्टूबर, हिंदूमलकोट: पादरी बग्गू सिंह और बेटे अमनदीप पर मामला।
- 11 अक्टूबर, अनूपगढ़: जबरन धर्मांतरण की कोशिश का आरोप।
- अब श्रीकरणपुर: जर्मन दंपती समेत 6 हिरासत में।
कोटा में दर्ज हुआ था पहला मामला
राजस्थान में नए धर्मांतरण कानून को लेकर गृह विभाग ने 29 अक्टूबर 2025 को नोटिफिकेशन जारी किया था। इस कानून में पहला मामला कोटा में 21 नवंबर 2025 को दर्ज हुआ था। यहां 2 ईसाई मिशनरियों पर धर्मांतरण करवाने और उकसाने का आरोप लगा था।