भिवानी जिले के गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी लेडी टीचर मनीषा की हत्या मामल तुल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी और लापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं पुलिस द्वारा अभी तक की कार्रवाई से परिजन भी असंतुष्ट हैं। जिसके कारण अब परिजनों और मामले को लेकर गठित की गई कमेटी ने शुक्रवार दोपहर तक का प्रशासन को कार्रवाई के लिए अल्टीमेटम दिया है।
मृतका मनीषा के मामा कुलदीप ने बताया कि पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके कारण 11 सदस्य कमेटी भी संतुष्ट नहीं है। इसलिए कमेटी ने 15 अगस्त तक दोपहर तक का समय दिया है। अगर आरोपियों को गिरफ्तारी सहित अन्य मांग पूरी नहीं होती है तो वे विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से असंतुष्ट
कुलदीप ने बताया कि पुलिस द्वारा उन्हें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दिखाई गई है। उसमें हत्या को लेकर स्पष्ट नहीं किया गया। इसलिए उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी संतुष्ट नहीं हैं। मनीषा का भिवानी के अलावा अन्य जगह रोहतक पीजीआई या फिर कहीं ओर से चिकित्सकों के बोर्ड द्वारा पोस्टमॉर्टम करवाया जाए। ताकि हत्या को लेकर स्थित क्लियर हो। वहीं रेप को लेकर भी कोई स्पष्ट रिपोर्ट नहीं दी गई। इसलिए परिजन संतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा दिखाई गई रिपोर्ट में डॉक्टरों ने बताया कि मनीषा का 29.5 सेमी गला कटा हुआ था। वहीं 0.5 सेमी गला बचा हुआ था। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट नहीं किया कि हथियार क्या था और मौत कब हुई। केवल यह लिखा है कि धारदार हथियार से गला काटा गया है। हालांकि यह भी बताया गया है कि मृतका की आंख और कान भी गायब मिले। इसलिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी कोई संतुष्ट नहीं है।
12 अगस्त की रात को अंतिम बार खुला था फोन
कुलदीप ने बताया कि मनीषा का फोन 11 अगस्त को 3 बजकर 8 मिनट पर बंद हुआ है। इसके बाद शाम 6 बजकर 26 मिनट पर एक बार ओपन हुआ, लेकिन कुछ समय बाद फिर से बंद कर दिया गया। इसके बाद परिवार वाले लगातार फोन मिलाने का प्रयास करते रहे, लेकिन नहीं मिला। 12 अगस्त की रात करीब 12 बजकर 4-5 मिनट पर एक बार फोन खुला था, लेकिन इसके बाद फोन बंद है। पुलिस को फोन का कवर घटनास्थल पर मिला और फोन गायब है।
22 जुलाई को था जन्मदिन
उन्होंने बताया कि गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी संजय को 3 बच्चे हैं। जिनमें से दो बड़ी बेटियां और एक छोटा बेटा। मनीषा सबसे बड़ी बेटी थी। मनीषा ने 12वीं कक्षा की बढ़ाई विज्ञान विषय से की थी। वहीं मेडिकल लाइन में जाना चाहती थी। इसलिए मनीषा बीएससी नर्सिंग में दाखिला लेना चाहती थी। मनीषा करीब 20 दिन पहले ही 18 वर्ष की हुई है। 22 जुलाई को मनीषा का जन्म दिन था और वह 18 वर्ष की हुई थी।
कॉलेज की तरफ जाते हुए देखा
कुलदीप ने बताया कि प्ले स्कूल और कॉलेज के बीच में रास्ते में पड़ने वाली दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे में अंतिम बार मनीषा को देखा गया है। जिसमें वह प्ले स्कूल से कॉलेज की तरफ जाती हुई दिखाई दे रही है। लेकिन उसके बाद से ही मनीषा गायब है। लेकिन कॉलेज प्रशासन द्वारा जांच में कोई सहयोग नहीं किया गया। इसलिए पूरा शक है कि कॉलेज में ही मनीषा के साथ कुछ हुआ है। यहां तक कि सीसीटीवी भी नहीं दिखाए।
परिजनों का शव लेने से इनकार
बता दें कि लेडी टीचर मनीषा के मर्डर केस में अभी पुलिस हत्यारों तक नहीं पहुंची। वहीं परिजनों पोस्टमॉर्टम के बाद मनीषा का शव लेने से इनकार कर दिया। वे हत्यारों की गिरफ्तारी पर अडे़ हुए हैं। वीरवार को जिला अस्पताल में पहुंचे परिजनों से मिलने भिवानी-महेंद्रगढ़ के भाजपा सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह भी पहुंचे थे। उन्होंने लोगों की बात सुनी और उन्हें समझाया। इसके साथ ही SP मनबीर सिंह भी मौके पर पहुंचे। जिन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। लेकिन परिजन पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट हैं।
लापता होने वाले दिन स्कूल बस से नहीं लौटी घर
गांव ढाणी लक्ष्मण के रहने वाले संजय के 3 बच्चे हैं। जिनमें सबसे बड़ी बेटी मनीषा प्ले स्कूल में पढ़ाती थी। हर रोज मनीषा स्कूल की बस में ही घर लौटती थी। लेकिन 11 अगस्त यानी उसके लापता होने वाले दिन, वह स्कूल बस में घर नहीं लौटी।
मनीषा ने 11 अगस्त को अंतिम कॉल अपने पिता को दोपहर में करीब एक-डेढ़ बजे के बीच की थी। मनीषा ने पिता से कहा था कि वह आज लेट आएगी, नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जाना है। यह नर्सिंग कॉलेज मनीषा के प्ले स्कूल से करीब एक-डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है।
11 अगस्त की शाम को आई थी कॉल
संजय ने बताया कि 11 अगस्त की शाम करीब 6 बजकर 26 मिनट पर पिता के पास मनीषा की कॉल आई। लेकिन पिता ने वापस फोन किया तो फोन बंद आया। इससे पिता को शक हुआ और वे गांव सिंघानी पहुंचे। यहां पहुंचकर डायल 112 पर फोन करके बताया।
संजय ने बताया कि डायल 112 वहां पर पहुंची, जिसमें तैनात पुलिसकर्मियों ने दुर्व्यवहार किया। पुलिस वालों ने कहा कि लड़की भाग गई, दो-चार दिन में आ जाएगी। कॉलेज गए तो वहां 3 व्यक्ति थे, जो शराब के नशे में थी। उनसे पूछा कि लड़की आई थी क्या। उन्होंने कहा कि हमारा कॉलेज तो 1 बजे के बाद बंद हो गया था। मनीषा नाम की लड़की यहां पर नहीं आई।
पुलिस वालों ने किया दुर्व्यवहार
उन्होंने बताया कि वे इसके बाद लोहारू थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा। लोहारू थाने में गए तो वहां भी जवाब मिला कि भाग गई है आ जाएगी। जिसके कारण दिनभर परेशान होते और भटकते रहे। किसी ने सुनवाई नहीं की। शाम को जांच अधिकारी शकुंतला के साथ सिंघानी पहुंचे। वहां दुकानों के सीसीटीवी खंगाले तो वहां से लड़की कॉलेज की तरफ गई है।
आइडियल में जाने के बाद वापस नहीं आई। कॉलेज वालों ने कोई कैमरा नहीं दिखाया। संजय ने कहा कि उन्हें आइडियल कॉलेज के स्टाफ पर शक है। उसमें प्रशासन ने ढिलाई बरती है। अगर सख्ती बरतता तो यह केस यहां तक नहीं पहुंचता। लोहारू पुलिस की भी लापरवाही रही है। बेटी को न्याय मिलना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
खेतों में मिला शव
लोहारू पुलिस के मुताबिक बुधवार सुबह सिंघानी गांव में नहर के पास खेत में आए किसान ने एक युवती की लाश पड़ी देखी। उसकी गर्दन कटी हुई थी। शव मनीषा का था। यह जगह मनीषा के गांव ढाणी लक्ष्मण से करीब 8 किलोमीटर दूरी पर है। पुलिस जांच में सामने आया है कि मनीषा को आखिरी बार खरकड़ी रोड की तरफ जाते हुए देखा गया। जो मनीषा के प्ले स्कूल और नर्सिंग कॉलेज का ही रोड है। प्ले स्कूल और नर्सिंग कॉलेज के बीच करीब एक-डेढ़ किलोमीटर की दूरी है। इधर, पुलिस ने लापता की दर्ज की गई, एफआईआर में हत्या की धाराएं जोड़ी हैं।