जन्माष्टमी को लेकर महावीर मंदिर में विशेष आयोजन किया जाएगा। मंदिर के दूसरे तल पर धनुर्धर अर्जुन संग विराजमान भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के समक्ष रात 9 बजे से भजन-कीर्तन के साथ जन्माष्टमी के आयोजन की शुरुआत होगी और रात्रि 12 बजे विशेष पूजा होगी। इसके लिए खास तौर पर फूल कोलकाता से मंगाए जा रहे हैं। वहीं, 4 हजार किलो नैवेद्यम प्रसाद के लिए तैयार किया जाएगा।
रात 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के बाद व्रत खोला जाएगा
मंदिर के पंडित भवनाथ झा ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में भक्त व्रत रखते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। इसी के साथ रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म कराने के बाद व्रत खोला जाता है। कान्हा को कई तरह के भोग भी लगाए जाते हैं। मान्यता है कि भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल इस तिथि के हिसाब से ही जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है।
10:30 बजे से भागवत, गीता, भजन का पाठ
वहीं, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद व महावीर मंदिर न्यास समिति के सदस्य सायण कुणाल ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महावीर मंदिर में धूमधाम से मनाई जाएगी और जन्मोत्सव के उपरांत भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाएगा। मंदिर में 10:30 बजे से भागवत, गीता, भजन आदि का पाठ होगा। वहीं, ठीक 12 बजे आरती होगी है।