बालाघाट में हार्डवेयर कारोबारी हेमेंद्र बिसेन (48) और उनकी पत्नी योगिता बिसेन (45) की हत्या बड़ी ही बेरहमी से की गई थी। सिर पर इतनी भारी वस्तु से वार किया गया था कि सिर की हडि्डयां तक टूट गई थीं। दोनों की हत्या एक जैसे पैटर्न पर की गई। बेटे को आवाज आई थी, लेकिन वह बिल्ली समझकर दोबारा सो गया।
वहीं, पत्नी के माथे और सिर पर चोट के निशान मिले हैं। बेडरूम में खून के छींटे भी दीवार पर करीब तीन फीट तक मिले हैं। पुलिस का मानना है कि वारदात में कोई परिचित शामिल हो सकता है।
सोमवार को दोनों के शव का अंतिम संस्कार किया गया। छोटे बेटे वशिष्ठ बिसेन ने माता-पिता को मुखाग्नि दी। वारदात के बाद परिवार बात करने की हालत में नहीं है। फिलहाल पुलिस भी बयान नहीं ले सकी है।
कटंगी पुलिस के मुताबिक, रविवार सुबह करीब 8 बजे नांदी गांव में हेमेंद्र बिसेन और उनकी पत्नी योगिता बिसेन का खून से लथपथ शव उनके बेडरूम में मिला था। हेमेंद्र का शव बिस्तर के पास पड़ा था, जबकि उनकी पत्नी का शव बिस्तर पर मिला।
चादर और तकिए पर भी खून फैला मिला रविवार और सोमवार को एफएसएल की टीम ने घटनास्थल की जांच कर सबूत इकट्ठा किए। क्राइम सीन पर योगिता का शव पलंग पर पड़ा था। सिर, माथे और कान पर चोट के निशान मिले हैं। कान की बाली टूटकर नीचे गिरी हुई थी। शरीर पर गहरे घाव थे। दीवार पर करीब तीन फीट ऊंचाई तक खून के छींटे पड़े थे। चादर और तकिए पर भी खून फैला हुआ था। प्राइवेट पार्ट पर सीमन भी मिला है, जिसे जांच के लिए भेजा गया है।
वहीं, हेमेंद्र का शव पलंग के नीचे खून से लथपथ पड़ा था। अलमारी भी खुली हुई थी। अलमारी के दरवाजे पर और जमीन पर खून फैला पड़ा था। सिर और माथे पर गहरे घाव के निशान थे। पोस्टमार्टम में सामने आया कि इतनी भारी चीज से वार किया गया है कि सिर की हडि्डयां तक टूट गई थीं। आशंका ये भी है कि गार्डनिंग करने वाली खुरपीनुमा हथियार से भी वार किया गया है। दोनों के शरीर पर करीब पांच से छह वार किए गए हैं।
जांच में पता चला है कि बेडरूम का दरवाजा खुला हुआ मिला है। अलमारी में जेवर और नकदी भी रखे हुए थे, लेकिन वह सुरक्षित मिला है।
बेटे ने सुना था शोर, बिल्ली समझ सो गया एफएसएल के मुताबिक वारदात रात 3 से 5 बजे के बीच की हो सकती है। वारदात के वक्त बेटा वशिष्ट बिसेन घर पर दूसरे कमरे में सो रहा था। वशिष्ठ ने पुलिस को बताया कि अलसुबह 4 बजे शोर सुना था, लेकिन उसने सोचा बिल्ली होगी। ये सोचकर ध्यान नहीं दिया और सो गया।
भाई की पत्नी ने सबसे पहले देखे थे शव हेमेंद्र के भाई करण बिसेन की पत्नी ने सबसे पहले दोनों के शव को देखा था। दरअसल, करण रोजाना हेमेन्द्र के बेटे वशिष्ट के साथ नाश्ता करते हैं। रविवार को हेमेन्द्र की दुकान नहीं खुली। ग्राहक को वापस लौटते देखा, तो उन्होंने अपनी पत्नी को उनके घर भेजा। इसके बाद परिजनों को जानकारी दी।
एक ही परिसर में रहते हैं चारों भाई व्यावसायिक रूप से परिवार मजबूत था। बड़े भाई ईश्वरी बिसेन कृषि उपज मंडी अध्यक्ष रहे हैं, जबकि दूसरे नंबर के भाई करण बिसेन का किराना का बड़ा कारोबार है, तीसरे नंबर के शैलेंद्र का अपना काम है। हेमेंद्र सबसे छोटे थे। गांव में बड़े प्लॉट, जिसके चारों ओर बाउंड्रीवॉल है। एक ही परिसर के अंदर चारों भाइयों के अलग-अलग मकान बने हुए हैं। यानी चारों भाई एक ही परिसर में रहते हैं।
प्रॉपर्टी का काम भी करते थे हेमेंद्र सरपंच प्रतिनिधि और हेमेंद्र के दोस्त अशोक पटले ने बताया कि रोजाना हेमेंद्र के साथ उठना-बैठना होता था। प्रॉपर्टी का काम भी करता था। वह हार्ड वेयर की दुकान भी चलाते थे। उनका व्यवहार भी अच्छा था। किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। बेटा वशिष्ट 9वीं का छात्र है। बेटी प्रज्ञा बिसेन नागपुर में जेईई की तैयारी कर रही है।