यूपी की मंत्री ने थाने में धरना दिया, हंगामा-नारेबाजी:ब्रजेश पाठक से पूर्व सांसद बोले-फांसी पर लटक जाएं? अखिलेश ने कहा-दो डपटी सीएम हो गए

महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कानपुर देहात के थाने में गुरुवार को 6 घंटे धरना दिया। मंत्री गुरुवार दोपहर 3 बजे अकबरपुर कोतवाली थाना पहुंचीं। इंस्पेक्टर सतीश सिंह के खिलाफ धरने पर बैठ गईं। उनके कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे। यह देख पुलिस प्रशासन सकते में आ गया।

सीओ प्रिया सिंह ने मंत्री को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह एसपी को बुलाने पर अड़ गईं। एसपी अरविंद मिश्रा और डीएम आलोक सिंह मौके पर पहुंचे। दोनों अफसरों ने मंत्री को मनाने की कोशिश की, लेकिन वह इंस्पेक्टर को तुरंत हटाए जाने की बात पर अड़ी रहीं। रात 10 बजे मंत्री ने धरना खत्म किया।

दोषियों पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद प्रतिभा शुक्ला ने धरने को समाप्त कर दिया। मंत्री ने बताया, आश्वासन मिला है कि जांच कर इंस्पेक्टर पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही फर्जी मुकदमा भी समाप्त किए जाएंगे।

मंत्री ने कोतवाली प्रभारी सतीश सिंह पर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठा SC/ST एक्ट का मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया है। मंत्री ने कहा, ये समाजवादी सरकार नहीं है, ये योगी जी की सरकार है। यहां झूठे मुकदमे नहीं चलेंगे।

मंत्री के पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से फोन पर बात की। कहा, आप कहें तो हम लोग राजनीति छोड़ दें। और फांसी पर लटक जाए।

इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने X पर लिखा- DCM साहब पहले अपने लोगों पर दें ध्यान, उसके बाद दें दूसरों को ज्ञान।

पहले दो DCM में केवल एक डपट खानेवाले ‘डपटी सीएम’ थे अब दो हो गए हैं।

अखिलेश यादव ने X पर लिखा-

सत्ताधारी राज्यमंत्री महोदया ख़ुद ही अपनी पुलिस की करतूतों के खिलाफ धरना दे रही हैं, मुख्यमंत्री जी को कुछ और सबूत चाहिए क्या। भाजपा जाएगी तो पुलिस व्यवस्था आएगी।

अब विस्तार से पढ़िए

मंत्री प्रतिभा शुक्ला जब सीओ प्रिया सिंह के मनाने पर नहीं उठीं तो एसपी अरविंद मिश्रा दोपहर करीब 4 बजे कोतवाली पहुंचे। लेकिन वे सीधे कोतवाली के अंदर चले गए। सीओ प्रिया सिंह ने मंत्री को कोतवाली के कमरे में बैठकर बात करने के लिए कहा। लेकिन मंत्री नहीं उठीं।

उन्होंने सीओ से कहा, जाकर अपने कप्तान से कहो कि मेरे भाई का नाम भी अरविंद है और उनका नाम भी अरविंद है, इसलिए यहीं पर आएं और सबके सामने बात करें।

इसके बाद मंत्री प्रतिभा शुक्ला को मनाने जिलाधिकारी आलोक कुमार और पुलिस अधीक्षक समेत जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी करीब एक घंटे तक बैठक करते रहे। बैठक में अधिकारियों ने मंत्री को आश्वासन दिया कि थाना प्रभारी को कल, शुक्रवार को हटा दिया जाएगा, लेकिन मंत्री इससे संतुष्ट नहीं हुईं।

बैठक खत्म होते ही मंत्री दोबारा अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गईं। लगातार समझाने और मनाने की कोशिश के बाद भी जब कोई हल नहीं निकला, तो जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक कोतवाली से लौट गए।

मंत्री बोलीं- इंस्पेक्टर ने दबाव में लिखा केस

पत्रकारों से मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा, “मुझे जानना है कि इंस्पेक्टर ने किसके दबाव में ये केस लिखा। यह प्रशासनिक मनमानी नहीं चलेगी।” उन्होंने कहा, जांच होनी चाहिए कि इंस्पेक्टर किसके निर्देश पर काम कर रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्री के समर्थन में नारेबाजी की।

इंस्पेक्टर को हटाने तक जारी रहेगा धरना

मंत्री से धरने पर बैठने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर को हटाने पर हम धरने पर बैठे हैं। इंस्पेक्टर कोई काम नहीं करता और झूठे केस लिखता है। मैं वहां विकास कार्य कराने में व्यस्त हूं यहां मेरे कार्यकर्ताओं पर झूठे केस लिखे जा रहे हैं ऐसा बिल्कुल नहीं चलेगा।

मैंने 25 साल में पहला केस लिखवाया

मंत्री ने कहा, मैंने 25 साल में आज तक कोई केस नहीं लिखवाया, लेकिन आज बात मान-सम्मान की है। इसलिए मैंने केस किया है। एसपी साहब कह रहे हैं कि इतना दबाव था, इसलिए मुकदमा लिखना पड़ रहा है, मैं यही जानना चाहती हूं कि आखिर दबाव किसका है। ये कोई सपा की सरकार तो है नहीं योगी जी की सरकार है। क्या झूठे केस लिखे जाएंगे।

मंत्री के पति थाने पहुंचे, डिप्टी सीएम से फोन पर बात की

मंत्री के पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी भी समर्थकों के साथ थाने पहुंचे हैं। उन्होंने अकबरपुर सीट से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले पर हमला बोला। उन्होंने कहा, अगर मेरी पत्नी मंत्री न होती, पार्टी से न जुड़ी होती, तो मैं खुद चुनाव लड़ता और देवेंद्र सिंह भोले को औकात दिखा देता। मैंने तो चुनाव में इनके लिए वोट मांगे, लेकिन आज देखो हालात। उनके आदमी गुड्डन सिंह जैसे लोग थाना चलाएंगे, यह बर्दाश्त नहीं करूंगा।

अनिल शुक्ला ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से फोन पर बात की। कहा, आप कहें तो हम लोग राजनीति छोड़ दें। और फांसी पर लटक जाए। आप को डिप्टी सीएम इसीलिए बनाया गया था कि आप ब्राह्मणों की रक्षा करेंगे, लेकिन यहां तो ब्राह्मणों पर फर्जी मुकदमे लिखा जा रहे हैं। गालियां दी जा रही हैं और हम लोगों वोट करते रहे।

क्यों मंत्री धरने पर बैठीं, जानिए पूरा घटनाक्रम…

दरअसल, कानपुर देहात के बदलापुर पुलिस लाइन के पीछे सड़क निर्माण कार्य को लेकर बुधवार को एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। यह निर्माण कार्य स्थानीय सभासद शमशाद खान द्वारा रुकवा दिया गया। मामले की सूचना मिलते ही राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला खुद मौके पर पहुंचीं। उन्होंने तत्काल निर्माण कार्य दोबारा शुरू कराया और सभासद को भी बात करने के लिए बुलाया।

इस दौरान मौके पर मौजूद हाजी अबरार और सभासद शमशाद खान के बीच कहासुनी शुरू हो गई, जो कुछ ही देर में तीखी नोकझोंक में बदल गई। स्थिति को बिगड़ते देख मंत्री ने तत्काल चौकी इंचार्ज को बुलाकर दोनों पक्षों को शांत कराने के निर्देश दिए। हालांकि, चौकी इंचार्ज ने मंत्री से कहा, कार्रवाई के लिए उन्हें लिखित आदेश देना होगा।

बाद में निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार की तहरीर पर पुलिस ने सभासद शमशाद खान के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज कर लिया। यह मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि गुरुवार को मदारपुर तस्द्दुक अली निवासी बाबूराम गौतम पुत्र मंगली प्रसाद ने 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। जिनके खिलाफ केस दर्ज कराया है, वे सभी पांच राज्यमंत्री के साथ रहते हैं और भाजपा कार्यकर्ता हैं।

बाबूराम के अनुसार, गांव के अबरार, यूसुफ, असलम, यासिर और शिवा पांडे ने जमीन विवाद में उसे जाति सूचक अपशब्द कहे और मारपीट की धमकी दी।

इसी FIR पर राज्यमंत्री भड़की हैं, कह रही हैं कि ये लोग हमेशा मेरे साथ रहते हैं। आज तक किसी से बुरी तरह बात नहीं की है, कोई मुझसे बदतमीजी करता है, तब भी मैं शांत करा देती हूं। ऐसे लोगों पर केस क्यों किया जा रहा है। एसपी के पास पेन कागज है, तुरंत इंस्पेक्टर को हटाएं।

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