राजस्थान सरकार ने स्पष्ट किया है कि सिख स्टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं में उनके धार्मिक प्रतीकों जैसे कृपाण, कड़ा और पगड़ी पहनकर शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। नया निर्देश 29 जुलाई को जारी किया गया है।
बता दें कि 27 जुलाई को सोशल मीडिया पर एक छात्रा का वीडियो शेयर हुआ था। वीडियो में छात्रा ने बताया कि उसे राजस्थान में आयोजित हुई सिविल जज परीक्षा परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया क्योंकि उसने अपनी धार्मिक पहचान की चीजें पहनी हुई थीं।
छात्रा ने अपना कड़ा और कृपाण दिखाकर कहा कि उसे एग्जाम सेंटर में एंट्री देने से मना कर दिया गया। छात्रा ने कहा कि उसे कोई निर्देश भी नहीं दिया गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
छात्रा के वीडियो पर सिख समुदाय ने आपत्ति जताई। एक यूजर ने कहा कि एक अमृतधारी कैंडिडेट को परीक्षा देने से रोकना उसके संवैधानिक अधिकार का हनन है। राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार को इस मामले की जांच करनी चाहिए।
राजस्थान स्टेट माइनॉरिटी कमीशन ने भी राज्य सरकार को शिकायत दर्ज की। शिकायत में कहा गया कि इस कदम से सिख समुदाय नाखुश है। इसके बाद राज्य सरकार ने परीक्षा एजेंसी के लिए निर्देश जारी किया है।
2019 के सर्कुलर का हवाला दिया
सरकार के इस निर्देश में पिछली कांग्रेस सरकार के 2019 के एक सर्कुलर का हवाला दिया गया है। इस सर्कुलर में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) और कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में सिख उम्मीदवारों को उनके धार्मिक प्रतीकों के साथ परीक्षा में बैठने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए थे।
निर्देश में दिल्ली हाईकोर्ट के एक जजमेंट का भी हवाला दिया गया जिसमें धार्मिक पहचान की वस्तुएं एग्जाम सेंटर्स पर पहनने की छूट दी गई थी।