रुतबे की जंग, ज्यादा जूनियर जिसके अंडर में…वही ‘दादा’:ग्वालियर में भिड़े दो गुट, GRMC के होस्टल से बाहर होंगे 34 स्टूडेंट

ग्वालियर का गजराराजा मेडिकल कॉलेज (GRMC) प्रदेश के चुनिंदा मेडिकल कॉलेज में शुमार तो है ही हमेशा सुर्खियों में भी रहता है। आजकल यह कॉलेज वर्चस्व की लड़ाई के लिए चर्चित है। मेडिकल कॉलेज में अब एक नया ट्रेंड सामने आया है। जिस सीनियर स्टूडेंट या ग्रुप के पास जितनी ज्यादा संख्या में जूनियर स्टूडेंट होंगे उनका रुतबा उतना ही ज्यादा होगा। रुतबे और वर्चस्व की लड़ाई इतनी बढ़ गई कि अब यह मारपीट तक पहुंच गई है।

रुतबा बताने के मामले का खुलासा उस समय हुआ जब GMRC के आठ नए स्टूडेंट को अपने हॉस्टल में ले जाने के लिए दो सीनियर गुट आपस में भिड़ गए। इन मेडिकल स्टूडेंट में जमकर मारपीट हुई। जब GRMC के डीन को पता लगा तो दोनों पक्ष सॉरी बोलकर मामले को शांत कर आए, लेकिन देर रात फिर झगड़े और डीन, वार्डन, असिस्टेंट वार्डन को सूचना दिए बिना कंपू थाना में एक दूसरे के खिलाफ मामला भी दर्ज करा दिया।

मामला बढ़ता देखकर GRMC के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने सभी 26 सीनियर को हॉस्टल से निलंबन के आदेश भी जारी किए हैं। 8 जूनियर स्टूडेंट पर एक्शन की बात भी कही है। हालांकि विवाद को खत्म करने सभी छात्र मंगलवार को डीन से मिलने पहुंचे माफी भी मांगी, लेकिन डीन ने सभी को पेरेंट्स के साथ आने के लिए कहा है।

हॉस्टल में जूनियरों को साथ लाने के लिए झगड़ा

मेडिकल कॉलेज में रैगिंग बंद हो चुकी है, लेकिन अब नया ट्रेंड चल पड़ा है और यही इस लड़ाई का मुख्य कारण है। जूनियर, सीनियर का कहना मानें और उनके काम भी करें। इस बात को लेकर कॉलेज के दो हॉस्टलों (सरस्वती बॉयज हॉस्टल, रविशंकर हॉस्टल) के सीनियर आमने-सामने आ गए हैं।

इसी का परिणाम है कि नए स्टूडेंट ज्यादा से ज्यादा अपनी तरफ कर अपना रुतबा दिखाने और वर्चस्व के लिए दोनों हॉस्टल के छात्र आपस में झगड़े थे। कॉलेज प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि ये छात्र बिना बताए एक दूसरे के खिलाफ थाने पहुंचे हैं। इसलिए पुलिस के प्रकरण में कॉलेज प्रबंधन छात्रों की कोई मदद नहीं करेगा।

नए छात्रों पर भी कार्रवाई के आदेश

GRMC के 2 हॉस्टलों में रहने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स के झगड़ने के मामले में कॉलेज प्रबंधन ने सख्ती शुरू कर दी है। GRMC डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने झगड़ा करने वाले 26 चिकित्सा छात्रों को हॉस्टल से बाहर निकालने का आदेश एक दिन पहले ही जारी कर दिया था। इसके अलावा इस मामले से जो भी नए चिकित्सा छात्र जुड़े हैं उन पर भी कार्रवाई के लिए वार्डन को निर्देश दे दिए हैं।

दोनों हॉस्टल के 8 नए चिकित्सा छात्रों को इस झगड़े में शामिल होने का दोषी पाया है। लिहाजा दोनों हॉस्टल के अब 34 छात्रों की हॉस्टल से रवानगी तय है। वहीं जिन 26 छात्रों को हॉस्टल से बाहर करना है उनके कमरों को हॉस्टल के वार्डन ने ताला डालकर सील कर दिया।

34 स्टूडेंट्स डीन से मिले, अभिभावकों को लाना होगा

दोनों हॉस्टल के इस विवाद में शामिल 26 मेडिकल स्टूडेंट ने GRMC के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ से मिले हैं। उन्होंने निलंबन की कार्रवाई को नहीं करने के लिए कहा है। साथ ही अपने किए पर माफी मांगी है, लेकिन GRMC डीन ने निर्देश जारी किए हैं। विवाद में दोनों हॉस्टल के शामिल 34 छात्रों से अपने-अपने अभिभावकों के साथ आने के लिए कहा है। साथ ही इन सभी छात्रों की हॉस्टल से निलंबन की कार्रवाई करने के लिए अनुशासन समिति को निर्देश दिए हैं।

  • जीआर मेडिकल कॉलेज के सरस्वती हॉस्टल और रविशंकर हॉस्टल के छात्रों के बीच विवाद हुआ था।
  • इनमें से 26 छात्रों के रूम सोमवार को सील हो गए हैं। वहीं शेष 8 के रूम मंगलवार को सील हो गए हैं।
  • बुधवार को आपसी झगड़े में शामिल सभी 34 छात्रों की हॉस्टल से रवानगी अभी तक तय मानी जा रही है।

डीन का आदेश- सिर्फ परीक्षा में बैठने की अनुमति

GRMC के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ के आदेश में लिखा है कि झगड़ा करने वाले सभी छात्र शैक्षणिक व सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेंगे। इन छात्रों के भविष्य को देखते हुए इन्हें सिर्फ परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जा रही है। डीन ने स्पष्ट कहा कि अनुशासनहीनता किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेडिकल स्टूडेंट भविष्य में इस प्रकार की हिंसक घटनाओं से बचें और आपसी सहयोग एवं अनुशासन का पालन करें। अगर किसी मेडिकल स्टूडेंट को कोई परेशानी है तो उन्हें बताएं। इन छात्रों को अब केवल परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मिलेगी।

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