लखनऊ से बैंकॉक की एअर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट बंद:यात्री न मिलने से एयर इंडिया एक्सप्रेस ने बंद की बैंकॉक उड़ान

लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से बैंकॉक के लिए चलने वाली एअर इंडिया एक्सप्रेस की सीधी उड़ान अब बंद कर दी गई है। एयरलाइन को इस रूट पर यात्रियों की कमी के चलते लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा था। इसलिए कंपनी ने यह विमान अब रियाद (सऊदी अरब) रूट पर शिफ्ट कर दिया है।

इस फैसले के बाद लखनऊ से बैंकॉक जाने वाले यात्रियों के पास अब सिर्फ एक सीधा विकल्प — थाई एअर एशिया की उड़ान ही बची है।

कभी रोजाना उड़ती थी फ्लाइट, अब बंद हुआ संचालन

अमौसी एयरपोर्ट से एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट संख्या IX-106 सुबह 9:36 बजे उड़ान भरती थी और दोपहर 2:50 बजे बैंकॉक के स्वर्णभूमि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचती थी।

वापसी में बैंकॉक से IX-105 उड़ान दोपहर 3:50 बजे चलकर रात 9:45 बजे लखनऊ लौटती थी।

एयरलाइन की यह सेवा लखनऊ के यात्रियों के लिए थाईलैंड पहुंचने का सुविधाजनक विकल्प मानी जाती थी, लेकिन कम बुकिंग और सीटें खाली रहने के कारण कंपनी को इसे बंद करना पड़ा।

अब सिर्फ थाई एअर एशिया ही चला रही सीधी उड़ान

अब लखनऊ से बैंकॉक के बीच केवल थाई एअर एशिया की सेवा बची है। यह एयरलाइन की फ्लाइट FD-147 रात 11:30 बजे लखनऊ से उड़ान भरती है और सुबह 4:20 बजे बैंकॉक पहुंचती है।वापसी में FD-146 बैंकॉक से रात 8:30 बजे उड़कर 10:35 बजे लखनऊ आती है।

जानिए क्यों बंद करनी पड़ी एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट

एयरलाइन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, एअर इंडिया एक्सप्रेस की यह उड़ान सिर्फ लखनऊ-बैंकॉक रूट तक सीमित थी, जिसके चलते संचालन लागत निकालना मुश्किल हो गया था।

वहीं, थाई एअर एशिया की फ्लाइट बैंकॉक के बाद बाली और अन्य अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक भी जाती है, जिससे उसका रेवेन्यू मॉडल मजबूत बना रहता है।

यही वजह रही कि एअर इंडिया एक्सप्रेस ने घाटे से बचने के लिए बैंकॉक रूट बंद कर रियाद रूट पर अपना विमान तैनात कर दिया।

यात्रियों की दिक्कतें बढ़ीं, किराया भी बढ़ने की संभावना

फ्लाइट बंद होने से लखनऊ से बैंकॉक जाने वाले यात्रियों के लिए विकल्प सीमित हो गए हैं। अब केवल एक ही सीधी सेवा बचने से टिकट दरों में बढ़ोतरी की संभावना है।

ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि पर्यटन सीजन में इसका असर खास तौर पर देखने को मिलेगा, क्योंकि लखनऊ से बैंकॉक जाने वाले सैलानियों की संख्या नवंबर से फरवरी के बीच सबसे अधिक रहती है।

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