सरकारी ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन लगने तक प्राइवेट चलें फिटनेस सेंटर्स:हाईकोर्ट ने कहा- आवेदन पर 30 दिन में करें निर्णय, चार सप्ताह में मांगी रिपोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की डिवीजन बेंच ने वाहन फिटनेस सेंटर विवाद में अहम आदेश दिया है। जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि जब तक किसी जिले में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) स्थापित नहीं हो जाते, तब तक उदयपुर फिटनेस सेंटर सहित अन्य याचिकाकर्ताओं को FIJA-2018 योजना के अनुरूप अपनी स्वचालित मशीनों के माध्यम से संचालन की अनुमति दी जाएगी।​

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 15 फिटनेस सेंटर्स संचालकों की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 25 सितंबर को जस्टिस कुलदीप माथुर की एकलपीठ ने भी ऐसा ही आदेश किया था। इस पर राज्य सरकार ने डिवीजन बेंच में अपील की थी। खंडपीठ ने आंशिक संशोधन के साथ एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा।

कोर्ट के चार महत्वपूर्ण निर्देश

  • पहला निर्देश – 30 दिन में निपटान: सरकार की ओर से उपस्थित वकीलों ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वे संशोधित नियमों और 2 जुलाई 2025 के ऑफिस ऑर्डर के अनुरूप ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए सभी संभव कदम उठा रहे हैं। इन ATS की स्थापना के लिए मिले आवेदनों पर कार्रवाई की जा रही है और 30 दिनों में इन पर निर्णय लिया जाएगा।​
  • दूसरा निर्देश – चार सप्ताह बाद सुनवाई: कोर्ट ने मामले को चार सप्ताह बाद फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।​
  • तीसरा निर्देश – विस्तृत रिपोर्ट: कोर्ट ने निर्देश दिया कि संशोधित नियमों और 2 जुलाई 2025 के ऑफिस ऑर्डर के अनुरूप ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना की स्थिति तथा निजी व्यक्तियों द्वारा लागू नियमों के अनुरूप ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना के लिए दिए गए आवेदनों की स्थिति के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।​
  • चौथा निर्देश – FIJA-2018 योजना जारी: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक किसी विशेष जिले में ऐसी व्यवस्था (ATS) नहीं है, तब तक प्रतिवादी को FIJA-2018 योजना के अनुरूप अपनी स्वचालित मशीनों के माध्यम से संचालन करने की अनुमति दी जाएगी।​

क्या है FIJA-2018 योजना

FIJA-2018 (Fitness Inspection and Judging Apparatus) एक योजना है जिसके तहत निजी फिटनेस सेंटर स्वचालित मशीनों और उपकरणों का उपयोग करके वाहनों की फिटनेस जांच करते हैं और प्रमाण पत्र जारी करते हैं। इस योजना में वाहनों की ब्रेक, लाइट, उत्सर्जन और अन्य सुरक्षा पैरामीटर की जांच की जाती है।​

नए नियमों की पृष्ठभूमि

केंद्र सरकार ने सेंट्रल मोटर व्हीकल (Twenty First Amendment) Rules 2021 में नए प्रावधान लागू किए। इसके बाद राजस्थान सरकार ने 2 जुलाई 2025 को ऑफिस ऑर्डर नंबर 05/2025 जारी कर ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) की स्थापना और नियंत्रण के लिए दिशानिर्देश जारी किए। नए नियमों के अनुसार, सभी प्रकार के भारी और मध्यम वाहनों के लिए ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के माध्यम से ही टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध करानी होगी।​

फिटनेस सेंटर संचालकों के लिए राहत

यह आदेश फिटनेस सेंटर संचालकों के लिए बड़ी राहत है। सरकार ने नए नियम लागू करके FIJA-2018 योजना के तहत चल रहे निजी फिटनेस सेंटरों को बंद करने का आदेश दिया था। लेकिन हाईकोर्ट के इस आदेश से अब वे तब तक काम जारी रख सकते हैं जब तक उनके जिले में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन स्थापित नहीं हो जाते।​

वाहन मालिकों को भी फायदा

इस आदेश से वाहन मालिकों को भी लाभ होगा। जिन जिलों में अभी तक ATS स्थापित नहीं हुए हैं, वहां के वाहन मालिक निजी फिटनेस सेंटरों से अपने वाहनों की फिटनेस करवा सकेंगे। इससे उन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।​

सरकार के लिए समय सीमा

कोर्ट के आदेश से सरकार के लिए स्पष्ट समय सीमा तय हो गई है। उसे 30 दिनों के भीतर ATS स्थापना के लिए प्राप्त आवेदनों पर निर्णय लेना होगा। साथ ही चार सप्ताह में ATS की स्थापना और निजी आवेदनों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी।​

इन फिटनेस सेंटर्स के संचालकों ने दायर की थी याचिका

इसके लिए उदयपुर फिटनेस सेंटर, वाहन फिटनेस सेंटर नागौर, नवदीप फिटनेस सेंटर जोधपुर, रॉयल मोटर्स फिटनेस सेंटर जोधपुर, श्री विनायक ऑटो फिटनेस सेंटर नागौर, राजस्थान व्हीकल फिटनेस सेंटर नोखा, बीकानेर, प्रेरणा परिवहन फिटनेस सेंटर सिरोही, शिवकृपा फिटनेस सेंटर प्राइवेट लिमिटेड दौसा, प्रेक्षा परिवहन फिटनेस सेंटर जोधपुर, मीरा फिटनेस सेंटर नागौर, महादेव फिटनेस सेंटर जोधपुर, मारवाड़ फिटनेस सेंटर नागौर, अलवर फिटनेस सेंटर नागौर, पवन व्हीकल फिटनेस सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ब्यावर अजमेर, बालाजी अलायंस सिरोही सहित कुल 15 याचिकाकर्ता शामिल थे।

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